वैष्णव हिंदू धर्म से संबंधित मतुआ संप्रदाय की स्थापना अविभाजित बंगाल में हरिचंद ठाकुर ने की थी। पूर्वी पाकिस्तान के विभाजन के बाद अधिकांश मतुआ अनुयायी पश्चिम बंगाल में बस गए।
प्रारभिक रूप से इसे चांडाल और अछूत माने जाने वाले नामशूद्र समुदाय के सदस्यों द्वारा अपनाया गया था।
जातिगत उत्पीड़न का विरोध करने वाले इस संप्रदाय ने बाद में माली एवं तेली सहित उच्च जातियों द्वारा हाशिये पर रखे गए अन्य समुदायों के अनुयायियों को आकर्षित किया।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री श्री हरिचंद ठाकुर जी को श्रद्धांजलि देने के लिये लोगों से मतुआ महा मेला में भाग लेने का आह्वान किया है।