सूर्य देवता को समर्पित यह मंदिर गुजरात के मेहसाणा ज़िले के मोढेरा गाँव में पुष्पावती नदी के तट पर स्थित है। इसका निर्माण 1026-27 ई. में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम ने करवाया था।
इंडो-ईरानी शैली में निर्मित इस मंदिर को गर्भगृह तथा सभामंडप दो भागों में बनाया गया है। मन्दिर के सभामंडप की प्रमुख विशेषता यह है कि नीचे की ओर देखने पर यह अष्टकोणाकार और ऊपर की ओर देखने पर गोल दिखाई देता है।
इस मंदिर की शिलाओं पर खजुराहो जैसी नक़्क़ाशीदार शिल्पकला के कारण इसे गुजरात के खजुराहो के नाम से जाना जाता है।