नमदा एक पारंपरिक कश्मीरी कालीन है जिसे भेड़ के ऊन से बनाया जाता है। इस पर हाथ से रंगीन कढ़ाई की जाती है।
नमदा गलीचे का उपयोग गर्माहट, फर्श कवरिंग और घर की सजावट के लिए किया जाता है।
इसे बुना नहीं जाता है, बल्कि ऊन को फेल्ट किया जाता है, अर्थात् ऊन को परत-दर-परत रखा जाता है। इसकी थीम पुष्प पैटर्न पर आधारित होती है एवं फूल, पत्तियाँ, कलियाँ, फल आदि इसकी डिज़ाइन का आवश्यक भाग है।
नमदा बनाने का अभ्यास एशियाई देशों, विशेषतः ईरान, अफगानिस्तान और भारत में किया जाता है। इसकी शुरुआत 16वीं शताब्दी में सूफी संत शाह-ए-हमदान ने की।
सरकार ने यूनाइटेड किंगडम को नमदा कला उत्पादों के पहले बैच के निर्यात को मंज़ूरी दी।