यह किण्वित चावल से निर्मित एक विशेष और मूल्यवान पेय पदार्थ है, जो जापान की जीवन शैली और संस्कृति का एक अभिन्न अंग है।
इसे बनाने के लिये मुख्यत: जापान में उत्पादित चावल, कोजी-किन (एक प्रकार का कवक बीजाणु) और जल की आवश्यकता होती है।
इसके उत्पादन में एक अल्कोहलिक किण्वन विधि का अनुसरण किया जाता है जिसे बहु-समानांतर किण्वन विधि कहा जाता है क्योंकि इसमें एक साथ कई प्रक्रियाएँ जैसे कच्चे माल का उपचार, कोजी का निर्माण, तापीय कीटाणुशोधन और बॉटलिंग शामिलहै।
पहली बार किसी जापानी उत्पाद को भारत में भौगोलिक संकेतक प्रदान करने के लिये जापानी दूतावास ने आवेदन किया है।