ओल चिकी संथाली भाषा की एक लिपि है इसे ओल सेमेट, ओल सिकि, ओल या संथाली वर्णमाला के नाम से भी जाना जाता है।
इसे वर्ष 1925 में रघुनाथ मुर्मू ने संथाली भाषा के लिखने के तरीके के रूप में विकसित किया था जिसे पहली बार वर्ष 1939 में मयूरभंज राज्य प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया।
संथाली भाषा मुख्य रूप से झारखंड और पश्चिम बंगाल, उत्तर-पश्चिमी बांग्लादेश, पूर्वी नेपाल व भूटान में बोली जाती है।
प्रधानमंत्री ने हूल दिवस पर अमर आदिवासी क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिये संथाली भाषा की ओल चिकी लिपि का उपयोग किया।