‘पार्वो वायरस’ एक अत्यधिक संक्रामक विषाणु जनित रोग है। यह कुत्तों की आँतों को प्रभावित करता है, जो जानलेवा भी हो सकता है।
इस रोग से ग्रसित कुत्तों में प्रमुख रूप से खूनी दस्त, उल्टी, निर्जलीकरण तथा सुस्ती जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके संक्रमण से होने वाली मृत्यु दर लगभग 90% है।
इसका प्रसार संक्रमित कुत्ते, उनके मल-मूत्र तथा संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आने के कारण होता है। संक्रमित कुत्तों की देख-रेख करने वाले लोग भी इस वायरस के वाहक हो सकते हैं।
वर्तमान में इस रोग का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, किंतु कुत्तों का कम उम्र में टीकाकरण कर उनमें वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित की जा सकती है।
हाल के दिनों में उत्तराखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश आदि में इसका प्रभाव देखा गया है। उल्लेखनीय है कि पार्वो वायरस का B19 प्रकार केवल मनुष्यों को प्रभावित करता है। इसे ‘पाँचवी बीमारी’ भी कहते हैं।