शॉर्ट न्यूज़: 17 मार्च, 2022
भारतीय नौसेना का पी-8 आई विमान
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का अधोजल विभाग
मंगलाजोड़ी क्षेत्र
भारतीय नौसेना का पी-8 आई विमान
चर्चा में क्यों
हाल ही में, एविएशन और डिफेंस निर्माता कंपनी बोइंग ने भारत का 12वाँ पी-8 आई (P-8I) समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान प्रदान किया है।
प्रमुख बिंदु
- यह विमान ‘लंबी दूरी की पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW), सतह-विरोधी युद्ध (ASuW), तथा खुफिया, निगरानी और टोही (ISR) मिशन’ के लिये डिज़ाइन किया गया है। इस प्रकार, यह एक ‘बहु-मिशन समुद्री गश्ती विमान’ है।
- यह विमान अमेरिकी नौसेना द्वारा उपयोग किये जा रहे पी-8ए पोसाइडन (P-8A Poseidon) मल्टीमिशन मैरीटाइम एयरक्राफ्ट का एक प्रकार है।
- भारतीय नौसेना ने इस विमान का उपयोग पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों और उनके युद्धाभ्यास पर नज़र रखने के लिये किया है।
- विदित है कि इस विमान को वर्ष 2013 में पहली बार भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था, जिसे अमेरिका से प्राप्त करने वाला भारत पहला देश है। इन विमानों के लिये भारत ने वर्ष 2009 में अमरीका के साथ समझौता किया था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का अधोजल विभाग
चर्चा में क्यों
हाल ही में, संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई.) के अधोजल विभाग (Underwater wing) को चार राज्यों में समुद्र तट के साथ अन्वेषण के लिये पुनर्जीवित किये जाने का निर्देश जारी किया है।
प्रमुख बिंदु
- यह सर्वेक्षण द्वारका (गुजरात), कावेरी डेल्टा (तमिलनाडु) के अतिरिक्त महाराष्ट्र और ओडिशा के तटों पर किया जाएगा।
- विदित है कि ए.एस.आई. के अंतर्गत इस विभाग की स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी। लेकिन यह विभाग एक दशक से अधिक समय से निष्क्रिय था, जिसका मुख्य कारण विशेषज्ञों की कमी होना था।
- इस विभाग को एलिफेंटा द्वीप, बंगाल की खाड़ी में महाबलीपुरम, पुदुचेरी के पुरातात्त्विक स्थल और लक्षद्वीप में ‘राजकुमारी रॉयल’ नामक एक जहाज के मलबे की खुदाई का श्रेय जाता है।
- इसने चिल्का, कलिंगपट्टनम, मछलीपट्टनम और रामेश्वरम तट जैसे प्राचीन बंदरगाह स्थलों पर भी खुदाई कार्य किये हैं।
मंगलाजोड़ी क्षेत्र
चर्चा में क्यों
हाल ही में, ओडिशा सरकार ने चिल्का झील के तट पर मंगलाजोड़ी क्षेत्र में मछली पकड़ने वाली मशीनीकृत नौकाओं की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है। इसका उद्देश्य प्रवासी पक्षियों को प्रतिवर्ष छह माह के लिये एक अबाधित पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना है, जोकि पक्षी संवर्धन के लिये अति महत्त्वपूर्ण है।
मंगलाजोड़ी क्षेत्र
- मंगलाजोड़ी क्षेत्र, चिल्का झील क्षेत्र में स्थित एक महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (Important Bird Area: IBA) है। मंगलाजोड़ी को पक्षी आबादी के संरक्षण के लिये विश्व स्तर पर महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
- इस क्षेत्र का उपयोग प्रवासी पक्षियों द्वारा बसेरा और घोंसला बनाने के लिये किया जाता है। हालाँकि, यह किसी भी वैधानिक नियमों और विनियमों द्वारा संरक्षित नहीं है।
- इस क्षेत्र में 8.3 वर्ग किमी दलदली भूमि है जिसमें प्रचुर मात्रा में वनस्पतियां भी हैं।