शॉर्ट न्यूज़: 23 मार्च, 2022
भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट
वैश्विक आतंकवाद सूचकांक, 2022
भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट
चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (NWAI) ने ‘भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट’ (IBPR) के तहत गंगा (राष्ट्रीय जलमार्ग-1) और ब्रह्मपुत्र (राष्ट्रीय जलमार्ग-2) नदियों के मध्य कार्गो परिवहन सेवा का सफलतापूर्वक संचालन किया है।
प्रमुख बिंदु
- इस रूट के माध्यम से स्व-चालित जहाज एमवी लाल बहादुर शास्त्री से भारतीय खाद्य निगम के लिये कुल 200 मीट्रिक टन खाद्यान्न को पटना से बांग्लादेश होते हुए असम के पांडु बंदरगाह तक पहुँचाया गया।
- इसके पश्चात् एक अन्य जहाज एमवी राम प्रसाद बिस्मिल के माध्यम से 1800 मीट्रिक टन टाटा स्टील को हल्दिया से पांडु बंदरगाह तक पहुँचाया गया है। विदित है कि यह ब्रह्मपुत्र नदी पर चलने वाला अब तक का सबसे लंबा जहाज है।
- भारत और बांग्लादेश के बीच नौवहन क्षमता में सुधार के लिये, आई.बी.पी.आर. के दो हिस्सों, सिराजगंज- दाईख्वावा और आशुगंज-जकीगंज को 80:20 अनुपात के आधार पर लगभग 305 करोड़ रुपए (80% भारत द्वारा और 20% बांग्लादेश द्वारा वहन किया जा रहा है) में विकसित किया जा रहा है।
महत्त्व
- इस परियोजना से पूर्वोत्तर भारत के सभी स्थलरुद्ध राज्यों के आर्थिक एवं समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- यह जलमार्ग न केवल इस क्षेत्र में भौगोलिक बाधा को दूर करेगा बल्कि व्यवसाय और क्षेत्र के लोगों के लिये किफायती, तेज और सुविधाजनक परिवहन भी प्रदान करेगा।
- भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने अंतर्देशीय जलमार्ग के माध्यम से एन.डब्ल्यू.-1, भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग और एन.डब्ल्यू.-2 पर कई बुनियादी ढाँचा निर्माण की परियोजनाओं को शुरू किया है।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण
- शिपिंग और नेविगेशन को सुलभ बनाने व अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास और विनियमन के लिये वर्ष 1986 में आई.डब्ल्यू.ए.आई. की स्थापना की गयी। इसका मुख्यालय नोएडा में स्थित है।
- यह प्राधिकरण राष्ट्रीय जलमार्गों पर अंतर्देशीय जल परिवहन से संबंधित बुनियादी ढाँचों के विकास और रखरखाव के लिये परियोजनाओं का क्रियान्वयन करता है।
वैश्विक आतंकवाद सूचकांक, 2022
चर्चा में क्यों
हाल ही में, इंस्टिट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने 163 देशों के लिये वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (GTI), 2022 को जारी किया है।
प्रमुख बिंदु
- आतंकवाद प्रभावित देशों की इस सूची में क्रमशः अफगानिस्तान, इराक एवं सोमालिया ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। इस सूचकांक में भारत का स्थान 12वाँ है।
- यह सूचकांक प्रत्येक देश को 0 से 10 के पैमाने पर स्कोर करता है, जिसमें 0 आतंकवाद से किसी प्रभाव को नहीं दर्शाता है, जबकि 10 आतंकवाद के उच्चतम प्रभाव का प्रतिनिधित्व करता है।
- सूचकांक के अनुसार आतंकवादी हमलों में वृद्धि के बावजूद, आतंकवाद के प्रभाव में गिरावट जारी है। वर्ष 2021 में, आतंकवाद से होने वाली मौतों में 1.2% की गिरावट आई है, जबकि हमलों में 17% की वृद्धि हुई है।
- इस सूचकांक में यूक्रेन संघर्ष से पारंपरिक एवं साइबर आतंकवाद में वृद्धि होने की संभावना का उल्लेख किया गया है।
- विश्व के दो तिहाई देशों में कोई आतंकवादी हमला या मौत दर्ज नहीं हुई है। वर्ष 2007 के बाद से 86 देशों ने अपने जी.टी.आई. स्कोर में सुधार किया है।
- अफ्रीका के उप-सहारा क्षेत्र में आतंकवाद से होने वाली कुल वैश्विक मौतों का 48% हिस्सा है। आतंकवाद से होने वाली मौतों में सबसे बड़ी वृद्धि वाले दस देशों में से चार देश नाइजर, माली, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और बुर्किना फासो उप-सहारा अफ्रीका के ही है।