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शॉर्ट न्यूज़: 24 अप्रैल, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 24 अप्रैल, 2022


संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘लामितिये’

भारत - ऑस्ट्रेलिया शिखर सम्मेलन

कश्मीर में निवेश की बढ़ती अनुकूलता


संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘लामितिये’

चर्चा में क्यों

भारतीय सेना और सेशेल्स रक्षा बलों के बीच 9वाँ संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘लामितिये- 2022’ का आयोजन 22 से 31 मार्च तक सेशेल्स में किया गया। 

प्रमुख बिंदु

  • इस अभ्‍यास का उद्देश्य अर्ध-शहरी वातावरण में शत्रु बलों के विरुद्ध विभिन्न अभियानों के दौरान प्राप्त किये गए अनुभवों को साझा करना तथा संयुक्त अभियान शुरू करने की क्षमता में वृद्धि करना है।
  • इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से भारतीय सेना और सेशेल्स रक्षा बलों के बीच रक्षा सहयोग तथा द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने में मदद मिलेगी।

लामितिये अभ्यास

  • यह सैन्‍य अभ्यास एक द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसका वर्ष 2001 से सेशेल्स में आयोजन किया जा रहा है। यह विभिन्न देशों के साथ भारत द्वारा किये जा रहे सैन्य प्रशिक्षण अभ्‍यास की श्रृंखला का ही एक भाग है। 
  • लामितिये अभ्‍यास मौजूदा वैश्विक स्थिति और हिंद महासागर क्षेत्र में दोनों देशों के समक्ष बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में बहुत अहम और महत्त्वपूर्ण है।
  • विदित है कि सेशेल्स एक द्वीपीय देश है, जिसमें हिंद महासागर में स्थित सोमाली सागर के पूर्वी किनारे पर अवस्थित 115 द्वीप शामिल हैं।

भारत - ऑस्ट्रेलिया शिखर सम्मेलन

चर्चा में क्यों

हाल ही में, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन संपन्न हुआ। इसमें दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की समीक्षा के साथ क्षेत्रीय एवं वैश्विक विकास के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया गया।

प्राचीन कलाकृतियों को वापस करने की पहल 

  • सम्मलेन के तहत 29 प्राचीन कलाकृतियों को भारत को वापस करने की विशेष पहल की गई। इन कलाकृतियों में सदियों पुरानी मूर्तियाँ, चित्रकला एवं तस्वीरें शामिल हैं, जिनमें से कई 9वीं-10वीं सदी की हैं और उनका संबंध भारत के विभिन्न हिस्सों से है। 
  • इन कलाकृतियों में 12वीं सदी के चोल कांस्य, राजस्थान की 11वीं-12वीं सदी की जैन मूर्तियाँ, गुजरात की 12वीं-13वीं सदी की बलुआ पत्थर से निर्मित देवी महिषासुरमर्दिनी, 18वीं-19वीं सदी की चित्रकारी और शुरुआती दौर की जिलेटिन चांदी की तस्वीरें शामिल हैं।

संबंधों के विकसित होते नए आयाम 

  • दोनों देशों ने साझे मूल्यों और समान हितों वाले सहयोगी लोकतंत्र के रूप में बढ़ते परस्पर रणनीतिक जुड़ाव की भी सराहना की, जिसमें एक स्वतंत्र, समावेशी और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र भी शामिल है।
  • संबंधों के इस बढ़ते हुए दायरे में व्यापार एवं निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा, शिक्षा एवं नवाचार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, महत्त्वपूर्ण खनिजों, जल प्रबंधन, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी तथा कोविड-19 से संबंधित अनुसंधान आदि जैसे विविध क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
  • विदित है कि दोनों देशों ने जून 2020 में पहले वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था।

कश्मीर में निवेश की बढ़ती अनुकूलता

चर्चा में क्यों

जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिये बढ़ती अनुकूल स्थितियों को देखते हुए संयुक्त अरब अमीरात (UAE), हांगकांग और सऊदी अरब की 33 कंपनियों ने निवेश में रूचि दिखाई है। 

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि यह कदम जम्मू-कश्मीर प्रशासन और संयुक्त अरब अमीरात स्थित कंपनियों के बीच हुए एक समझौता ज्ञापन का ही अनुगामी है, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर में 3,000 करोड़ रुपए के निवेश की परिकल्पना की गई थी। इसी कड़ी में मार्च में ‘गल्फ बिज़नेस समिट’ का भी आयोजन किया गया।
  • उल्लेखनीय है कि कश्मीर में निवेश हेतु लगभग 16,000 कनाल (1,999.9 एकड़) भूमि बैंक को पहले ही कंपनियों के लिये अनुमति दी जा चुकी है।
  • यह कश्मीर को असुरक्षित जगह मानने की धारणा को खत्म करने की दिशा में एक प्रयास है, ताकि जम्मू-कश्मीर में प्रमुख अवसरों और विकास क्षेत्रों को उजागर करके उद्योगों और पर्यटन में नए निवेश को आकर्षित किया जा सके।

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