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विदेश व्यापार नीति (FTP) 2023

प्रारम्भिक परीक्षा : FTP, 2023
मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र:3- भारतीय अर्थव्यवस्था

सुर्खियों में क्यों ?

  • हाल ही में, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 की घोषणा की। 

महत्त्वपूर्ण बिन्दु 

  • विदेश व्यापार नीति (2023) एक नीतिगत दस्तावेज है जो निर्यात को सुगम बनाने वाली समय की कसौटी पर खरी उतरने वाली योजनाओं की निरंतरता पर आधारित है 
  • यह एक ऐसा दस्तावेज है जो द्रुतगामी है और व्यापार की आवश्यकताओं के प्रति उत्साहपूर्वक अनुकूल है। यह भरोसे के सिद्धांतों तथा निर्यातकों के साथ साझीदारी पर आधारित है। 
  • विदेश व्यापार नीति 2023 का लक्ष्य निर्यातकों के लिए व्यवसाय करने की सुगमता को सरल बनाने के लिए प्रोसेस रि-इंजीनियरिंग तथा ऑटोमेशन पर ध्यान केंद्रित करना है। 
  • वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार सेवाओं और व्यापारिक वस्तुओं के निर्यात सहित भारत का कुल निर्यात पहले ही 750 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर चुका है।  
  • इस वर्ष (2023-24) निर्यात 760 अरब अमेरिकी डॉलर को पार करने की उम्मीद है। 
  • वर्ष 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर तक एक्सपोर्ट टारगेट को हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।   

नीति का मुख्य दृष्टिकोण निम्नलिखित 4 स्तंभों पर आधारित है: 

  • छूट के लिए प्रोत्साहन
  • सहयोग के माध्यम से निर्यात प्रोत्साहन - निर्यातक, राज्य, जिले, भारतीय मिशन
  • ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस', लेनदेन लागत में कमी और ई-पहल
  • उभरते क्षेत्र - ई-कॉमर्स निर्यात हब के रूप में विकासशील जिले और SCOMET नीति को सुव्यवस्थित करना

इसकी मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:

  • भारतीय रुपये को वैश्विक मुद्रा बनाने और भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने का प्रावधान शामिल है। 
  • बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए निर्यात बाध्यता (Export Obligation) की शर्तों में ढील दी गई है।  
  • ई-कॉमर्स के माध्यम से निर्यात को और सुविधाजनक बनाया जाएगा। 
  • नई विदेश नीति का फोकस ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और खर्चों में कटौती कर निर्यात को अधिक से अधिक सस्ता बनाने पर है।  

री-इंजीनियरिंग और स्वचालन की प्रक्रिया

  • यह प्रक्रिया प्रौद्योगिकी इंटरफ़ेस और सहयोग के सिद्धांतों पर आधारित है।
  • इससे शुल्क संरचनाओं में कमी और आईटी-आधारित योजनाओं से MSMEs के लिए निर्यात लाभ प्राप्त करना आसान हो जाएगा। 

निर्यात उत्कृष्टता के शहर(TEE)

  • मौजूदा 39 शहरों के अलावा फरीदाबाद, मिर्जापुर, मुरादाबाद और वाराणसी को निर्यात उत्कृष्टता के शहर के रूप में नामित किया गया है।
    • इन शहरों के जोड़े जाने से परिधान, हैंडिक्राफ्ट, हाथ से निर्मित कालीन और दरी, हथकरघा के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगी । 

निर्यातकों की मान्यता

  • निर्यात प्रदर्शन के आधार पर निर्यातक फर्मों को मान्यता प्रदान किया जाएगा। 
  • 2-स्टार और उससे ऊपर की स्थिति वाले धारकों को मॉडल पाठ्यक्रम तैयार कर व्यापार से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
  • 4 एवं 5 स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक निर्यातक कंपनियों को सक्षम बनाने के लिए स्टेटस रिकॉग्निशन नियमों को फिर से ठीक किया गया है जिससे कि निर्यात बाजारों में बेहतर ब्रांडिंग अवसर प्राप्त हो सके।
  • यह पहल भारत को 2030 से पहले 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगी। 

जिलों से निर्यात को बढ़ावा देना

  • जिला स्तर पर निर्यात योग्य उत्पादों और सेवाओं की पहचान करने और मुद्दों का समाधान करने के प्रयास संस्थागत तंत्र के जरिये किए जाएंगे जिसमें राज्य निर्यात संवर्धन समिति तथा जिला निर्यात संवर्धन समिति क्रमशः राज्य और जिला स्तर पर होंगे।
  • जमीनी स्तर पर व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में तेजी लाने के लिए जिलों को जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति के माध्यम से निर्यात हब (डीईएच) के रूप में विकसित किया जाएगा । 
  • प्रत्येक जिले के लिए जिला विशिष्ट निर्यात कार्य योजनाएं तैयार की जाएंगी जिसमें पहचाने गए उत्पादों और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जिला विशिष्ट रणनीति की रूपरेखा बनाई जाएगी।

 SCOMET Policy को कारगर बनाना

  • भारत " निर्यात नियंत्रण “ पर अधिक बल दे रहा है क्योंकि निर्यात नियंत्रण व्यवस्था वाले देशों के साथ इसका समेकन सुदृढ़ हो रहा है।
  •  SCOMET (विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकियां) नीति के तहत दोहरे उपयोग वाले उत्पादों के निर्यात को व्यवस्थित किया जाएगा

ई-कॉमर्स निर्यातों की सुविधा प्रदान करना

  • आरंभिक बिन्दु के रूप में, कूरियर के माध्यम से FTP 2023 में ई-कॉमर्स निर्यात पर खेप वार अधिकतम सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ा कर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। 
  • निर्यातकों के फीडबैक के आधार पर, इस अधिकतम सीमा में और संशोधन किया जाएगा या अंततोगत्वा हटा दिया जाएगा। 
  • कारीगरों, बुनकरों, परिधान विनिर्माताओं, रत्न एवं आभूषण डिजाइनरों के लिए व्यापक लोकसंपर्क तथा प्रशिक्षण कार्यकलापों को शीघ्र ही आरंभ किया जाएगा जिससे कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर उन्हें ऑनबोर्ड किया जा सके तथा उच्चतर निर्यात की सुविधा प्रदान की जा सके।

ई-कॉमर्स के माध्यम से निर्यात को सुगम बनाना

  • FTP 2023 ई-कॉमर्स हब की स्थापना पर बल देता है , जिसके अंतर्गत बुनकरों, परिधान निर्माताओं, रत्न और आभूषण डिजाइनरों को उच्च निर्यात की सुविधा प्रदान करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से व्यापक स्तर पर जोड़ा जाएगा।

एमनेस्टी योजना

  • "विवाद से विश्वास" पहल के अनुरूप, जिसमें कर विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने का प्रयास किया गया था, उसी तरह इस योजना का उद्देश्य उन निर्यातकों को राहत प्रदान करना है;
    • पूंजीगत वस्तु निर्यात संवर्धन (ईपीसीजी) स्कीम के तहत सुगमीकरण
    • ईपीसीजी स्कीम, जो निर्यात उत्पादन के लिए शून्य सीमा शुल्क पर पूंजीगत वस्तुओं के आयात में सक्षम बनाती है, को और विवेकपूर्ण बनाया जा रहा है।
  • जोड़े जा रहे कुछ प्रमुख परिवर्तन इस प्रकार हैं :
    • पूंजीगत वस्तु निर्यात संवर्धन (ईपीसीजी) स्कीम की सीएसपी ( सामान्य सेवा प्रदाता ) स्कीम के तहत लाभ का दावा करने में सक्षम एक अतिरिक्त स्कीम के रूप में प्रधानमंत्री मेगा समेकित वस्त्र क्षेत्र तथा परिधान पार्क ( पीएम मित्रा ) स्कीम को जोड़ा गया है।
  • डेयरी सेक्टर को प्रौद्योगिकी को अपग्रेड करने में सहायता प्रदान करने के लिए औसत निर्यात दायित्व बनाये रखने से छूट उपलब्ध कराई जाएगी।
  • सभी प्रकार के बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी ) वर्टिकल फार्मिंग इक्विपमेंट, अपशिष्ट जल उपचार तथा रिसाइक्लिंग, वर्षा जल संचयन प्रणाली तथा वर्षा जल फिल्टर और हरित हाइड्रोजन को हरित प्रौद्योगिकी उत्पादों में शामिल किया गया है - जो अब ईपीसीजी स्कीम के तहत निम्न निर्यात दायित्व आवश्यकता के लिए पात्र होंगे।

मर्चेटिंग व्यापार

  • भारत को एक मर्चेटिंग व्यापार हब के रूप में विकसित करने के लिए एफटीपी 2023 ने मर्चेटिंग व्यापार के लिए प्रावधान प्रस्तुत किए हैं। 
  • निर्यात नीति के तहत सीमित एवं प्रतिबंधित मदों का मर्चेंटिंग व्यापार अब संभव हो सकेगा।
  •  मर्चेटिंग व्यापार में भारतीय बंदरगाहों को छुए बिना एक देश से दूसरे देश में वस्तुओं का निर्यात शामिल होता है जिसमें एक भारतीय मध्यवर्ती की भागीदारी होती है। 
  • यह भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुपालन के अधीन होगा और सीआईटीईएस तथा स्कोमेट सूची में वर्गीकृत वस्तुओं/मदों के लिए लागू नहीं होगा। 
  • समय के साथ, यह भारतीय उद्यमियों को गिफ्ट सिटी आदि जैसे कुछ स्थानों को प्रमुख मर्चेंटिंग हबों में तबदील होने में सक्षम बनाएगा जैसाकि दुबई, सिंगापुर और हींगकांग जैसे स्थानों में देखा गया।

डेली अभ्यास प्रश्न 

प्रश्न- विदेश व्यापार नीति (FTP) 2023 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. SCOMET नीति के तहत दोहरे उपयोग वाले उत्पादों के निर्यात को व्यवस्थित किए जाने पर बल दिया गया है । 
  2. टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस (TEE) के रूप में फरीदाबाद, मिर्जापुर, मुरादाबाद और वाराणसी को नामित किया गया है। 
  3. इस नीति के माध्यम से सरकार एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम्स को पूरी तरह से पेपरलैस करने पर बल दे रही है। 

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

  1. केवल 1 
  2. केवल 1 एवं 3
  3. केवल 2 एवं 3 
  4. उपरोक्त सभी 

उत्तर : D

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