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कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता

(प्रारंभिक परीक्षा : सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव, सूचना प्रौद्योगिकी)

संदर्भ

OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने ‘कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता’ (Artificial General Intelligence: AGI) के विकास के लिए निवेश की बात कही है।

क्या है कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता (AGI)

  • AGI एक ऐसी मशीन या सॉफ्टवेयर को संदर्भित करता है जो मनुष्यों की तरह कोई भी बौद्धिक कार्य कर सकता है।
  • इसमें तर्क, व्यावहारिक बुद्धि, व्यावहारिक चिंतन, बैकग्राउंड नॉलेज, ट्रांसफर लर्निंग, कारण एवं प्रभाव के बीच अंतर करने की क्षमता आदि शामिल हैं।
    • मशीन लर्निंग में प्रयुक्त ट्रांसफर लर्निंग किसी नई समस्या पर पूर्व-प्रशिक्षित मॉडल का पुन: उपयोग है।
  • इस प्रकार AGI का लक्ष्य मानव संज्ञानात्मक क्षमताओं का अनुकरण करना है ताकि यह अपरिचित कार्यों को करने, नए अनुभवों से सीखने एवं अपने ज्ञान को नए तरीकों से प्रयोग करने में सक्षम हो सके।

AGI

मानवता के लिए AGI का अनुप्रयोग 

  • स्वास्थ्य क्षेत्र में : यह मनुष्यों की क्षमताओं से परे विशाल डाटासेट का एकीकरण एवं विश्लेषण करके निदान, उपचार की योजना तथा वैयक्तिकृत चिकित्सा को पुन: निर्धारित कर सकता है।
  • वित्त एवं व्यवसाय के क्षेत्र में : AGI विभिन्न प्रक्रियाओं को स्वचालित कर सकता है और समग्र निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ा सकता है। साथ ही, यह सटीकता के साथ वास्तविक समय विश्लेषण एवं बाज़ार पूर्वानुमान प्रदान कर सकता है।
  • शिक्षा के क्षेत्र में : AGI अनुकूली शिक्षण प्रणालियों को बदल सकता है जो छात्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप हो। यह संभावित रूप से दुनिया भर में वैयक्तिकृत शिक्षा तक पहुंच को लोकतांत्रिक बना सकता है।
  • अन्य विशिष्टता : AGI अत्यधिक उत्पादकता होने, आर्थिक मूल्य को बढ़ावा देने, परिवर्तनकारी होने के साथ-साथ अभूतपूर्व समस्या-समाधान क्षमताओं वाला व रचनात्मक अभिव्यक्ति से युक्त होगा।

क्या आप जानते हैं?

  • AGI का पहली बार विचार 20वीं सदी में एलन ट्यूरिंग ने किया था। ट्यूरिंग को व्यापक रूप से सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता का जनक माना जाता है।
  • ‘कंप्यूटिंग मशीनरी एंड इंटेलिजेंस’ (1950) में इन्होंने मशीन इंटेलिजेंस के लिए एक बेंचमार्क पेश किया जिसे अब ‘ट्यूरिंग टेस्ट’ के रूप में जाना जाता है।
  • योशुआ बेंगियो, जेफ्री हिंटन एवं यान लेकुन को सामूहिक रूप से AI का गॉडफादर माना जाता है, जिन्होंने AGI के खतरों की तुलना परमाणु हथियारों से उत्पन्न खतरों से की है।

AGI के संबंध में चिंताएँ 

  • ऊर्जा व ई-कचरे की समस्या : AGI प्रणालियों को विकसित करने के लिए आवश्यक कम्प्यूटेशनल शक्ति की विशाल मात्रा से होने वाले ऊर्जा उपभोग एवं ई-कचरे के निष्कर्षण के कारण पर्यावरण पर इसके प्रभाव के बारे में चिंताएँ हैं।
  • बेरोजगारी व असमानता में वृद्धि : इससे रोजगार की भारी क्षति हो सकती है और व्यापक सामाजिक-आर्थिक असमानता पैदा हो सकती है। इससे शक्ति का संकेन्द्रण उन लोगों के पास हो सकता है जो AGI को नियंत्रित करते हैं।
  • क्षमता पर प्रभाव : AGI पर मनुष्यों की निर्भरता बुनियादी मानव कौशल व क्षमताओं को भी नुकसान पहुँचा सकता है।
  • सुरक्षा एवं नियमन की समस्या : यह तकनीक नई सुरक्षा समस्याएँ प्रस्तुत कर सकता है। इसका विकास सरकारों एवं अंतरराष्ट्रीय निकायों की नियमन क्षमता से परे हो सकता है।
  • दुरूपयोग : सबसे गंभीर मुद्दा यह है कि इसकी क्षमताएँ इंसानों से आगे निकल सकती हैं, जिससे इसके कार्यों को समझना व भविष्यवाणी करना मुश्किल हो जाता है।
    • प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग के अनुसार, पूर्ण कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विकास मानव जाति के अंत का कारण बन सकता है।

AI एवं AGI में अंतर 

AI

AGI

  • AI को ‘संकीर्ण AI’ (Narrow AI) भी कहा जाता है। यह छवि की पहचान करने, अनुवाद करने या शतरंज खेलने जैसे विशिष्ट कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इन कार्यों में यह मनुष्यों से आगे निकल सकता है। 
  • हालाँकि, AI अपने निर्धारित मापदंडों तक ही सीमित रहता है।
  • AGI बुद्धि के एक व्यापक, अधिक सामान्यीकृत रूप की कल्पना करता है, जो किसी विशेष कार्य को मनुष्यों की तरह कर सकता है। 
  • AI की तरह इसकी कोई निर्धारित मापदंड या सीमा नहीं है।
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