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कृत्रिम बुद्धिमता (AI) प्लेटफॉर्म के लिए सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, कृत्रिम बुद्धिमता
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3

चर्चा में क्यों:

  • 4 मार्च, 2024 को इलेक्ट्रॉनिक्स और IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने AI मॉडल को लेकर हाल ही में मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी पर कंपनियों की प्रतिक्रिया पर स्पष्टीकरण दिया।

AI

एडवाइजरी:

  • 1 मार्च, 2024 को आईटी मंत्रालय सोशल मीडिया मध्यस्थों और प्लेटफॉर्म के लिए एक एडवाइजरी जारी की।
  • इसमें कहा गया कि वे अपने AI मॉडल को लेबल करें और गैरकानूनी सामग्री को रोकें।
  • एडवाइजरी का पालन न करने वाले कंपनियों पर कार्रवाई की जाएगी। 
  • सभी मध्यस्थों या प्लेटफॉर्म को यह सुनिश्चित करना होगा कि; 
    • उनका AI मॉडल/LLM/जनरेटिव एआई, सॉफ्टवेयर या एल्गोरिदम अपने यूजर्स को किसी भी चीज को होस्टप्रकाशित, प्रसारित, स्टोर, अपडेट करने की अनुमति नहीं देता है।  
  • सभी प्लेटफॉर्म, मध्यस्थों और सॉफ्टवेयर को किसी भी उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। 
  • प्रावधानों का पालन न करने पर दंडात्मक परिणाम भुगतने होंगे।
  • सभी कम्पनियां भारतीय सार्वजनिक इंटरनेट पर किसी भी परीक्षण की उपभोक्ताओं को खुले तौर पर जानकारी दें और उनसे सहमति लें।
  • यह एडवाइजरी तब जारी की गई है, जब कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी से जुड़े सवालों पर गूगल के AI प्लेटफॉर्म के उत्तर से विवाद उत्पन्न हो गया था। 

एडवाइजरी पर प्रतिक्रिया:

  • इस एडवाइजरी पर AI स्टार्टअप्स ने प्रश्न खड़े कर दिए थे।
    • इसमें विदेश में AI क्षेत्र में निवेश करने वाले स्टार्टअप भी शामिल थे।
  • इनके अनुसार, मंत्रालय की इस एडवाइजरी के कारण स्टार्टअप्स पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। 

सरकार का स्पष्टीकरण:

  • मंत्रालय द्वारा यह एडवाइजरी बिना परीक्षण किए AI मॉडल (Untested AI Models) को इंडियन इंटरनेट पर लाने से रोकने के लिए लाई गई है।
  • बड़ी टेक कंपनियों और सोशल मीडिया सब्सिडियरी को AI मॉडल लॉन्च करने से पहले मंत्रालय से अनुमति लेना जरूरी होगा। 
    • यह फैसला स्टार्टअप कंपनियों पर लागू नहीं होगा।
  • जो प्लेटफ़ॉर्म वर्तमान में भारतीय उपयोगकर्ताओं को अंडर-टेस्टिंग AI सिस्टम या बड़े भाषा मॉडल (LLM) प्रदान करते हैं, उन्हें केंद्र सरकार से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
    • इन प्लेटफार्मों को संभावित आउटपुट की गिरावट या अविश्वसनीयता को उचित रूप से लेबल करना होगा।
  • बिना टेस्ट किए AI मॉडल लॉन्च करने की यह प्रक्रिया लेबलिंग प्लेटफॉर्म के लिए एक इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह काम करेगी।
  • भारतीय इंटरनेट पर प्रत्येक प्लेटफॉर्म सुरक्षित और भरोसेमंद होना चाहिए। 

कृत्रिम बुद्धिमत्ता:

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है, जो कंप्यूटर को इंसानों की तरह व्यवहार करने में समर्थ बनाती है। 
  • इसके द्वारा मशीनों में सोचने, समझने, सीखने, समस्या हल करने और निर्णय लेने संबंधी क्षमताओं का विकास किया जाता है। 
  • जॉन मैकार्थी इसके जनक माने जाते हैं।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. यह कंप्यूटर को इंसानों की तरह व्यवहार करने में समर्थ बनाता है। 
  2. जॉन मैकार्थी को इसका जनक माना जाता है। 

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर- (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर सोशल मीडिया मध्यस्थों और प्लेटफॉर्म के लिए सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी की समीक्षा कीजिए।

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