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खुदरा मुद्रास्फीति में कमी 

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए – मुद्रास्फीति, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र:3 - भारतीय अर्थव्यवस्था, आर्थिक विकास)

संदर्भ 

  • हाल ही में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में  खुदरा मुद्रास्फीति में कमी आई है। 
  • खुदरा मुद्रास्फीति, का मापन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के अंतर्गत किया जाता है।

महत्वपूर्ण बिन्दु 

  • भारत में खुदरा मुद्रास्फीति दर  सितंबर के 7.41% से घटकर अक्टूबर में 6.77% पर पहुंच गई है।
  • खुदरा मुद्रास्फीति दर तीन महीनों में पहली बार 7% से नीचे आई है।
  • यह लगातार दसवां महीना है, जब मुद्रास्फीति, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिए अनिवार्य 6% ऊपरी सहिष्णुता सीमा से अधिक रही है।
  • ग्रामीण उपक्ताभोओं को अक्टूबर में 7% मुद्रास्फीति का सामना करना पड़ा, जो सितंबर के स्तर 7.6% से थोड़ी कम है।
  • शहरी उपभोक्ताओं के लिए मुद्रास्फीति सितंबर के 7.3% से कम होकर अक्टूबर में 6.5% हो गई।
  • उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक द्वारा मापी गई मुद्रास्फीति सितंबर के 8.6% से घटकर अक्टूबर में 7% हो गई है, ग्रामीण परिवारों के लिए मुद्रास्फीति दर 7.3% तथा शहरी परिवारों के लिए मुद्रास्फीति दर 6.5% है।
  • केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति में कमी, मुख्य रूप से खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति में कमी होने के कारण आई है, जो सब्जियों, फलों, दालों और तेलों की कीमतों में गिरावट से प्रेरित है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index)

  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खुदरा कीमतों के स्तर में समय के साथ परिवर्तन को मापा जाता है, जिस पर परिभाषित समूह के उपभोक्ता अपनी आय खर्च करते है।
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की गणना वस्तुओं एवं सेवाओं के एक मानक समूह के औसत मूल्य की गणना करके की जाती है।
  • सीपीआई के अंतर्गत, निम्नलिखित आठ क्षेत्रों में महंगाई दर को मापा जाता है - शिक्षा, संचार, परिवहन, मनोरंजन, कपड़े, खाद्य और पेय पदार्थ, आवास और चिकित्सा देखभाल।
  • CPI को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा मासिक आधार पर प्रकाशित किया जाता है।
  • सीपीआई का आधार वर्ष 2012 है।

सीपीआई के प्रकार 

  • राष्ट्रीय स्तर पर, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की गणना 4 प्रकार से की जाती है।
    • औद्योगिक श्रमिकों के लिए सीपीआई (आईडब्ल्यू) - आधार वर्ष 2016
    • कृषि श्रमिकों के लिए सीपीआई (एएल) - आधार वर्ष 1986-87
    • ग्रामीण श्रमिकों के लिए सीपीआई (आरएल) - आधार वर्ष 1986-87
    • सीपीआई (ग्रामीण/शहरी/संयुक्त) - आधार वर्ष 2012
  • इनमे से पहले तीन को श्रम मंत्रालय के अंतर्गत श्रम ब्यूरो द्वारा संकलित और जारी किया जाता है, जबकि चौथे को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत एनएसओ द्वारा जारी किया जाता है।
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