प्रारंभिक परीक्षा – जीएसटी, जीएसटी परिषद मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 – भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों का संग्रहण
सन्दर्भ
हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2023 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1,87,035 करोड़ रुपये हुआ।
इसमें सीजीएसटी 38,440 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 47,412 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 89,158 करोड़ रुपये और उपकर 12,025 करोड़रुपये है।
महत्वपूर्ण तथ्य
अप्रैल 2023 में पहली बार सकल जीएसटी संग्रह 1.75 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया।
अप्रैल 2023 के महीने में जीएसटी राजस्व अप्रैल 2022 के जीएसटी राजस्व की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है।
जीएसटी
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भारत में 2017 से लागू एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है।
जीएसटी के लागू होने से केन्द्र सरकार तथा विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू हो गयी है।
जीएसटी में उत्पाद शुल्क, मूल्यवर्द्धित कर, सेवा कर, जैसे अधिकांश अप्रत्यक्ष करों को सम्मिलित किया गया है।
जीएसटी एक मूल्य वर्धित कर है जो कि विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है।
वस्तुओं के निर्माण या वस्तुओं की बिक्री या सेवाओं के प्रावधान पर पुरानी अवधारणा के विपरीत जीएसटी वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति पर आरोपित होता है।
यह एक गंतव्य आधारित कर है, इसे निर्माता राज्य की जगह पर, उस राज्य में वसूला जाता है, जहां माल बेचा जाता है।
जीएसटी परिषद
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 279ए भारत के राष्ट्रपति को केंद्र और राज्यों के संयुक्त मंच के रूप में जीएसटी परिषद का गठन करने की शक्ति देता है।
जीएसटी परिषद में शामिल होते हैं -
केंद्रीय वित्त मंत्री - अध्यक्ष
केंद्रीय राज्य मंत्री - सदस्य
वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री या प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नामित कोई अन्य मंत्री - सदस्य
जीएसटी परिषद, जीएसटी पर संघ और राज्यों को सिफारिशें करने के लिए एक शीर्ष समिति है।
जीएसटी परिषद में निर्णय कम से कम तीन-चौथाई मतों के बहुमत से लिए जाते हैं।
कुल डाले गए वोटों का एक-तिहाई भार केंद्र के पास होता है और सभी राज्यों के पास संयुक्त रूप से कुल डाले गए वोटों का दो-तिहाई भार होता है।