3 जुलाई से 9 अगस्त तक आयोजित होने वाली अमरनाथ यात्रा के सुचारु व सुरक्षित संचालन के लिए सुरक्षा बलों ने ‘ऑपरेशन शिव’ नामक एक व्यापक सुरक्षा अभियान शुरू किया है। यह अभियान विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया है।
‘ऑपरेशन शिव’ के बारे में
- क्या है : ऑपरेशन शिव एक वार्षिक बहु-एजेंसी प्रयास है जिसमें भारतीय सेना, अर्धसैनिक बल, जम्मू एवं कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियां शामिल होती हैं। इस वर्ष पहलगाम हमले के मद्देनज़र सुरक्षा उपायों को और अधिक कठोर किया गया है।
- उद्देश्य : ‘ऑपरेशन शिव’ का उद्देश्य अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण बनाना है ताकि श्रद्धालु बिना किसी भय के अपनी आस्था की यात्रा पूरी कर सकें।
- अभियान में शामिल गतिविधियाँ :
- सुरक्षा बलों की तैनाती : जम्मू एवं कश्मीर में 10,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है जो अमरनाथ यात्रा के मार्गों व शिविरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
- उन्नत निगरानी : इस अभियान के तहत ड्रोन, सी.सी.टी.वी. कैमरे एवं अन्य तकनीकी उपकरणों का उपयोग करके यात्रा मार्गों की निगरानी की जाएगी।
- स्थानीय सहयोग : स्थानीय प्रशासन एवं समुदायों के साथ समन्वय स्थापित करके सुरक्षा उपायों को अधिक मजबूत किया गया है।
अमरनाथ यात्रा : श्रद्धा, साहस एवं सुरक्षा का संगम
- परिचय : अमरनाथ यात्रा भारत की सबसे पवित्र हिंदू तीर्थ यात्राओं में से एक है जो जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में स्थित अमरनाथ गुफा तक जाती है।
- अवस्थिति : यह गुफा समुद्र तल से लगभग 3,888 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- धार्मिक महत्त्व : मान्यताओं के अनुसार यह गुफा वही स्थान है जहाँ भगवान शिव ने पार्वती को अमरत्व और ब्रह्मांड के रहस्यों की कथा सुनाई थी, जिसे ‘अमर कथा’ कहा जाता है।
- यहाँ प्राकृतिक रूप से बनने वाला ‘बर्फ के शिवलिंग’ (भगवान शिव के प्रतीक के रूप में) की पूजा की जाती है।
- बर्फ से बना शिवलिंग श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में पूर्ण आकार लेता है और धीरे-धीरे गायब हो जाता है।
- आयोजन एवं प्रबंधन : श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) द्वारा
- चुनौतियाँ और सुरक्षा : उच्च ऊंचाई, ऑक्सीजन की कमी, ठंड एवं दुर्गम रास्ते
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