New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के विरुद्ध भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया

भारत ने 7 मई, 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से आतंकवाद के विरुद्ध अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर सशक्त रूप में प्रदर्शित किया। यह सैन्य कार्रवाई जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में क्रूर आतंकी हमले की प्रतिक्रिया थी। यह ऑपरेशन न केवल रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का स्पष्ट संकेत भी था।

ऑपरेशन सिंदूर 

  • तिथि: 7 मई, 2025
  • लक्ष्य: पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित आतंकवादी शिविर
  • कार्रवाई का स्वरूप: उच्च सटीकता (Precision strikes) और सीमित दायरे वाली मिसाइल सैन्य कार्रवाई।
  • कुल निशाने: 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया गया।
    • इस सैन्य कार्यवाही में किसी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान नहीं पहुँचाया गया।

रणनीतिक महत्व

  • सटीक लक्ष्यों का चयन: यह सुनिश्चित किया गया कि केवल आतंकवाद से जुड़े ठिकानों पर ही हमला हो, जिससे भारत की नैतिक उच्चता और सैन्य अनुशासन का परिचय मिला।
  • मापित और नियंत्रित प्रतिक्रिया: यह कार्रवाई न तो युद्ध की घोषणा थी और न ही उकसावे का प्रयास, बल्कि एक जवाबदेही सुनिश्चित करने वाला प्रतिकार था।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा का संदेश: भारत ने स्पष्ट किया कि अपने नागरिकों की रक्षा और आतंकी घटनाओं के प्रति कठोर प्रतिक्रिया में कोई समझौता नहीं होगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय नियमों के अनुकूल : भारत की यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय नियमों और संप्रभुता के सिद्धांतों का पालन करते हुए आत्मरक्षा के अधिकार के अंतर्गत की गई। यह संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत वैध माना जा सकता है।
  • आतंकवाद के विरुद्ध भारत की नीति में निरंतरता : ऑपरेशन सिंदूर, उरी हमले के बाद ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ (2016) और पुलवामा हमले के बाद ‘बालाकोट एयर स्ट्राइक’ (2019) की तर्ज पर एक और निर्णायक कदम है, जिससे स्पष्ट होता है कि भारत अब केवल निरोधक रणनीति (Deterrence) नहीं, बल्कि प्रतिशोधात्मक सक्रिय रणनीति (Proactive Retaliation) अपना रहा है।

भविष्य की दिशा

  • सुरक्षा तंत्र की और सुदृढ़ता: सीमावर्ती क्षेत्रों में खुफिया तंत्र को और सशक्त किया जाना चाहिए।
  • राजनयिक आक्रामकता: आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों पर वैश्विक दबाव बनाए रखने के लिए कूटनीतिक प्रयासों में तेजी लानी होगी।
  • आंतरिक समरसता: भारत को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आतंरिक रूप से देश में कोई अस्थिरता आतंकियों के उद्देश्यों को पूरा न कर सके।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR