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अर्थव्यवस्था पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का प्रभाव

प्रारंभिक परीक्षा- कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बैलेचले पार्क शिखर सम्मेलन
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ-

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) यदि आत्म-जागरूक हो जाता है, तो सभी प्रकार के कार्यों की आवश्यकता को समाप्त कर देगा। यदि ऐसा भविष्य संभव है, तो आर्थिक संबंध असंतुलित हो सकते हैं।

Artificial-Intelligence

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के सकारात्मक प्रभाव-

  • एआई कुछ नौकरियों का विकल्प हो सकता है और बदले में नई नौकरियां उत्पन्न भी कर सकता है, उदाहरण के लिए एआई प्रोग्रामर।
  • वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में एआई को अपनाकर उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है। 
  • एमआईटी  ने "जेनरेटिव एआई एट वर्क" नामक अध्ययन में पाया कि एआई उपकरणों ने श्रमिक उत्पादकता को 14% तक बढ़ाया और उपभोक्ता संतुष्टि में सुधार किया। 
  • विशेषज्ञों का सुझाव है कि जेनेरिक एआई कर्मचारियों की जगह नहीं ले सकता है, लेकिन जेनेरिक एआई का उपयोग करने वाले कर्मचारी उन लोगों की जगह ले लेंगे, जो कौशल में सुधार नहीं करेंगे।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका में लिंक्डइन की शीर्ष 50 कंपनियों के कर्मचारियों के बीच एक हालिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि उनमें से लगभग 70% ने पाया कि एआई उन्हें तेज़, स्मार्ट और अधिक उत्पादक बनने में मदद करता है।  
  • प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के एक अध्ययन में एआई में चल रही तकनीकी प्रगति के कारण 2030 तक वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 14% या 15.7 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि की भविष्यवाणी की गई है। 
  • अप्रैल 2023 में गोल्डमैन सैक्स रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया कि जेनरेटिव एआई अकेले 10 साल की अवधि में वैश्विक जीडीपी को 7% या लगभग 7 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ा सकता है। रिपोर्ट मानव-जैसा आउटपुट बनाने के लिए जेनेरिक एआई की क्षमता पर प्रकाश डालती है और मानव एवं मशीनों के बीच संचार बाधाओं को तोड़ने की इसकी क्षमता व्यापक सकारात्मक आर्थिक प्रभाव डाल सकती है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के नकारात्मक प्रभाव-

  • हाल ही में संपन्न बैलेचले पार्क शिखर सम्मेलन में एलन मस्क ने एआई की विघटनकारी क्षमता के बारे में बताया।
  • श्री मस्क के अनुसार, एआई सभी मानव श्रम - शारीरिक और संज्ञानात्मक दोनों - का स्थान ले लेगा. अतः व्यक्तियों को नौकरी की कोई तत्काल आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि वे केवल व्यक्तिगत पूर्ति के लिए काम की तलाश करेंगे।
  • AI सॉफ़्टवेयर न केवल उस कार्य को कर सकता है जिसके लिए इसे डिज़ाइन किया गया था, बल्कि नए कार्यों को करने और संचालित करने के लिए नए AI को डिज़ाइन भी कर सकता है और खुद को बनाए रख सकता है 
  • ऐसा भविष्य सैद्धांतिक रूप से संभव हो सकता है, लेकिन व्यावहारिक रूप से असंभव है।
  • नवंबर,2023 में ब्रिटेन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पहला वैश्विक शिखर सम्मेलन बैलेचले पार्क में आयोजित किया गया, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान क्रिप्टोग्राफ़िक और खुफिया प्रक्रियाओं में प्रगति के कारण कंप्यूटिंग का जन्मस्थान माना जाता है।
  • बैलेचली पार्क डिक्लेरेशन फ्रंटियर AI जोखिमों से निपटने हेतु पहला वैश्विक समझौता है और यह विश्व के प्रमुख AI प्रतिस्पर्धियों के बीच उच्च स्तरीय राजनीतिक सहमति तथा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

कार्य की जरुरत-

  • काम के बिना दुनिया संभव नहीं हो सकती है, लेकिन क्या यह वांछनीय है
  • आर्थिक विचार का इतिहास उन विभिन्न तरीकों को बताता है, जिनमें काम के साथ मनुष्य के संबंध को सैद्धांतिक रूप दिया गया है। 
  • काम की प्रकृति पर बिल्कुल विपरीत दो विचारधाराओं को देखा जा सकता है - जॉन मेनार्ड कीन्स और कार्ल मार्क्स। 1. कीन्स एक उदार विचारक थे जो पूंजीवाद की प्रशंसा करते थे लेकिन उसे अतिरेक से बचाना चाहते थे। 
    1. कीन्स के अनुसार, अपने मूल में ‘कार्य’ कठिन परिश्रम का प्रतिनिधित्व करता है और जो सरकार काम के घंटे कम करती है, वह स्पष्ट रूप से कल्याण में वृद्धि करती है। 
    2. कीन्स ने सिद्धांत दिया कि पूंजीवाद के अंतर्गत तकनीकी परिवर्तन से अंततः काम के घंटों में कमी आएगी। 
  • श्री मस्क की टिप्पणियों को कीन्स की सोच के विस्तार के रूप में देखा जा सकता है, जहां तकनीकी परिवर्तन में सुधार, यदि सैद्धांतिक चरम पर ले जाया जाता है, तो काम की आवश्यकता को पूरी तरह खत्म कर सकता है और यह एक स्पष्ट सकारात्मक परिणाम का प्रतिनिधित्व करता है।
  • कार्ल मार्क्स का विश्लेषण अधिक सूक्ष्म था। 
    1. उनके लिए, मानवता का भाव प्रकृति में भौतिक रूप से हेरफेर करने की हमारी क्षमता में निहित है; इसलिए ‘कार्य’ मानव जीवन को लक्ष्य प्रदान करता है। 
    2. समस्या पूंजीवाद की आर्थिक व्यवस्था के भीतर उत्पन्न होती है, क्योंकि इसमें मानव श्रम का उत्पाद मजदूरों के आनंद के लिए नहीं है, बल्कि इसे लाभ के लिए बाजार में बेचकर पूंजी की संपत्ति के रूप में देखा जाता है। 
    3. इस संदर्भ में पूंजीवाद मानवता को उस गतिविधि के संपर्क से दूर कर देता है, जो आत्म-संतुष्टि प्रदान करती है
    4. कीन्स के दृष्टिकोण के विपरीत, ‘कार्य’ के उन्मूलन का अर्थ कठिन परिश्रम का उन्मूलन नहीं है, बल्कि उस एकमात्र गतिविधि का उन्मूलन है जो मानव जीवन को अर्थ देता है। 
    5. मार्क्स के विचारों के आलोक में, आदर्श स्थिति वह नहीं है जहां एआई मानव श्रम की जगह लेता है, बल्कि जहां व्यक्ति एआई का उपयोग अपने काम का आनंद लेने और उसे ऊपर उठाने के लिए कर सकते हैं।

अर्थव्यवस्था पर AI का प्रभाव-

  • कोई भी कीन्स की इस धारणा से असहमत हो सकता है कि कार्य के घंटे कम करने से हमेशा कल्याण में वृद्धि होगी, क्योंकि कामकाजी दुनिया कई लोगों के लिए मूल्यवान सामाजिक नेटवर्क प्रदान करती है। 
  • कोई मानवता के कार्य का अर्थ खोजने के माध्यम से मार्क्स के दृष्टिकोण की आलोचना कर सकता है, क्योंकि यह हमें कार्य को केंद्र में रखे बिना किसी भी प्रकार के भविष्य की कल्पना करने की अनुमति नहीं देता है। 
  • इसके बाद भी उपर्युक्त विचारकों के विचार एआई की एक महत्वपूर्ण समस्या को उजागर करते हैं - आर्थिक प्रणाली की उपेक्षा। 
  • ऐसी स्थिति मान लें जहां एआई इस बिंदु तक उन्नत हो गया है कि यह सभी प्रकार के श्रम को प्रतिस्थापित करने में सक्षम है। 
  • पूंजीवाद की हमारी वर्तमान व्यवस्था के तहत एक व्यक्ति के लिए भोजन और आश्रय जैसे भौतिक संसाधनों तक पहुंचने का एकमात्र तरीका कार्य से प्राप्त आय है। 
  • ऐसी प्रणाली में काम के बिना एक दुनिया का मतलब कठिन परिश्रम के बिना एक दुनिया नहीं है, बल्कि एक ऐसी दुनिया है जहां जिन व्यक्तियों को काम नहीं मिलता है वे बुनियादी संसाधनों तक पहुंच नहीं पाते हैं।
  • कोई यह चेतावनी दे सकता है - जैसा कि श्री मस्क ने कहा है - वह काम उन लोगों के लिए उपलब्ध होगा जो व्यक्तिगत कारणों से इसकी इच्छा रखते हैं। 
  • पूंजीवादी दुनिया में लोगों के पास काम की तलाश करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

कार्य के बिना एक दुनिया-

  • एआई के कारण एक ऐसी अर्थव्यवस्था की कल्पना की जा सकती है, जहां उत्पादक क्षेत्र में उत्पन्न अधिशेष का एक बड़ा हिस्सा एकमात्र उत्पादक कारक एआई की वजह से व्यक्तियों को उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थानांतरित किया जाता है। 
  • यह पूंजीवादी दुनिया नहीं है।
  • यह उत्पादन और वितरण को विनियमित करने वाली बहुत अलग संस्थागत व्यवस्थाओं वाली दुनिया है, जहां बुनियादी आय का प्रमुख स्रोत आय है, न कि मजदूरी श्रम। 
  • ऐसी अर्थव्यवस्था के लिए अनेक प्रश्न सामने आते हैं-
    1. व्यक्तिगत रूप से मिलने वाली राशि का निर्धारण कैसे होगा? 
    2. जिनके पास मशीनें हैं और जिनके पास नहीं हैं, उनके बीच शुद्ध उत्पाद का विभाजन कैसे होगा?
    3. भविष्य की वृद्धि और वर्तमान खपत के बीच निर्धारण का आधार क्या होगा? 
    4. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या हमारा वर्तमान समाज ऐसे भविष्य को साकार करने के लिए नई संस्थागत व्यवस्था तैयार कर पायेगा, जबकि मौजूदा व्यवस्था के कारण बढ़ती असमानता और एक शक्तिशाली अरबपति वर्ग का उदय हुआ है?
  • ऐसी स्थिति जहां एआई सर्वोच्च है विश्व अर्थव्यवस्था को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. अतः इन चुनौतियों की प्रकृति को पूरी तरह से समझना जरूरी है। 
  • तकनीकी नवाचारों के प्रभाव को प्रचलित आर्थिक संस्थानों से अलग करके नहीं देखा जा सकता है।

भारत के लिए अवसर-

  • सर्वाधिक आबादी वाला देश होने के कारण भारत को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि रोजगार पर कोई भी नकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। 
  • कॉल सेंटर और सॉफ्टवेयर उद्योगों में एआई को अपनाना उन लाखों भारतीयों के लिए अच्छी बात नहीं है जो इस क्षेत्र में काम करते हैं। 
  • एआई के उपयोग पर विनियमन भी कोई बेहतर समाधान नहीं है क्योंकि इससे निवेश और नए अवसर दूर हो जाएंगे। 
  • पीडब्ल्यूसी रिपोर्ट के अनुसार, एआई से सबसे बड़ा आर्थिक लाभ चीन से होगा।
  • 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद में 26% की वृद्धि का अनुमान है। 
  • भारत के लिए एआई में शिक्षा और प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान केंद्रित करना समझदारी होगी। 
  • जनसांख्यिकीय लाभांश और एआई से उत्पन्न नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए कोविड-19 महामारी के बाद ऑनलाइन शिक्षा की व्यापक स्वीकार्यता के साथ यह अब बहुत आसान हो गया है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- बैलेचले पार्क शिखर सम्मेलन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. इसका आयोजन कैनबरा में किया गया।
  2. इसमें ग्लोबल वार्मिंग को 2030 तक 2°C तक कम करने की सहमति बनी।

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए-

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर- (d)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- ऐसी स्थिति जहां एआई सर्वोच्च है, विश्व अर्थव्यवस्था को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। मूल्यांकन कीजिए।

स्रोत- the hindu

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