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RBI ने AIF में निवेश करने वाले विनियामक संस्थाओं के लिए मानदंडों में ढील दी

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, वैकल्पिक निवेश कोष, RBI
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 3

संदर्भ:

RBI ने 27 मार्च 2024 को ‘वैकल्पिक निवेश कोष’ (AIF) में अपने निवेश के संबंध में विनियामक संस्थाओं (RE) के लिए मानदंडों को संशोधित किया।

RBI

मुख्य बिंदु:

  • दिसंबर 2023 में RBI ने बैंकों और NBFC को AIF में निवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया था, जिनका देनदार कंपनियों में डाउनस्ट्रीम (Downstream) निवेश है।

FUND

    • बैंकों या NBFC का AIF में ऐसा निवेश था, तो उन्हें अपने शेयर को समाप्त करने या उनके खिलाफ 100% प्रतिबंध लगाने के लिए 30 दिन का समय दिया गया था।
    • 'देनदार कंपनी' से तात्पर्य है , जिसमें RE के पास वर्तमान में या पिछले 12 महीनों के दौरान कभी भी ऋण या निवेश का जोखिम रहा हो।
  • इसका उद्देश्य लोकप्रिय ऋणों की परंपरा को रोकना था।
    • यह एक ऐसी परंपरा है, जिसमें ऋणदाता पुराने ऋणों का भुगतान करने के लिए नए ऋण देते हैं।

दिशा-निर्देश:

  • RBI ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 और 35A द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निर्देश जारी किए हैं।
  • RE को केवल AIF द्वारा देनदार कंपनी में निवेश की गई राशि प्रदान करने की आवश्यकता है, न कि RE द्वारा AIF में निवेश की गई पूरी राशि। 
  • यह निर्देश देनदार कंपनी के केवल इक्विटी शेयरों को कवर नहीं करता है, बल्कि हाइब्रिड उपकरणों सहित अन्य सभी निवेशों को कवर करता है।
  • ये प्रावधान केवल उन मामलों में लागू होंगे, जहां AIF का RE की देनदार कंपनी में कोई डाउनस्ट्रीम निवेश नहीं है।
  • RE ने AIF योजना की अधीनस्थ इकाइयों में निवेश किया है, जिसमें देनदार कंपनी का डाउनस्ट्रीम एक्सपोजर भी है, तो RE द्वारा की गई निवेश की सीमा का पालन करना होगा। 
  • फंड ऑफ फंड्स या म्यूचुअल फंड जैसे मध्यस्थों के माध्यम से REs द्वारा AIF में निवेश निर्देश के दायरे में शामिल नहीं है।
  • ये निर्देश निम्नलिखित पर लागू होंगे; 
    • सभी वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों)
    • सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों/राज्य सहकारी बैंकों/केंद्रीय सहकारी बैंकों
    • अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों 
    • गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (आवास वित्त कंपनियों सहित) 

वैकल्पिक निवेश कोष (Alternative Investment Fund-AIF):

  • इसे निजी रूप से जमा निवेश कोष के रूप में परिभाषित किया गया है। 
  • SEBI ने इसे तीन श्रेणीयों I AIF, श्रेणी II AIF, और श्रेणी III AIF के रूप में वर्गीकृत किया है। 
  • प्रबंधन के तहत संपत्तियों में स्टार्ट-अप, SME फंड, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, निजी इक्विटी फंड, हेज फंड भी शामिल हो सकते हैं जो फंड के प्रकार के आधार पर सूचीबद्ध या गैर-सूचीबद्ध डेरिवेटिव में व्यापार कर सकते हैं।
  • इन फंडों की प्रमुख विशेषता विविधीकरण है। 
  • SEBI द्वारा विनियमित अधिकांश फंडों के विपरीत इसमें निवेशकों यह तय करने की काफी स्वतंत्रता है कि कहां निवेश करना है।
  • AIF के प्रकार के आधार पर इसमें न्यूनतम निवेश राशि 1 करोड़ रुपए है।

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI):

  • RBI की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को की गई।
  • प्रारंभ में इसका मुख्यालय कोलकाता में था, जिसे वर्ष 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया।
  • प्रारंभ में यह निजी स्वमित्व में था।
  • वर्ष 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वमित्व है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न:

प्रश्न: वैकल्पिक निवेश कोष के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. SEBI ने इसे पांच श्रेणीयों में वर्गीकृत किया है।
  2. इन फंडों की प्रमुख विशेषता विविधीकरण है। 
  3. प्रकार के आधार पर इसमें न्यूनतम निवेश राशि 1 करोड़ रुपए है।

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर- (d)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न:

प्रश्न: RBI द्वारा ‘वैकल्पिक निवेश कोष’ में अपने निवेश के संबंध में विनियामक संस्थाओं के लिए जारी निर्देशों की व्याख्या कीजिए।

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