New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

बोरियल वन पर खतरा

(प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नपत्र-1 : पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे)
(मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 : संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।)

संदर्भ 

उपआर्कटिक क्षेत्र के बोरियल वन पृथ्वी पर अमेजन वर्षावन के पश्चात् सर्वाधिक प्रमुख वन है जो वर्तमान में दक्षिण अमेरिकी वर्षावन के समान ही जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकट का सामना कर रहे हैं।

क्या है बोरियल वन

  • इस वन का नाम उत्तरी हवा के ग्रीक देवता ‘बोरियस’ के नाम पर रखा गया है। यह वन विश्व की कुल भूमि के लगभग 10% भाग पर आच्छादित हैं जो आर्कटिक महासागर के निकट पाया जाता है।
  • उपआर्कटिक क्षेत्र के अंतर्गत कनाडा, स्कैंडिनेविया, रूस और अलास्का में विस्तृत बोरियल वनों की एक लंबी श्रृंखला वनाग्नि, पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने एवं निरंतर बढ़ते तापमान के कारण संकट में है।

बोरियल वन का महत्व

  • यह वन लगभग 1.2 बिलियन हेक्टेयर (लगभग तीन बिलियन एकड़) क्षेत्र में विस्तृत  है, जो विश्व की कुल वन भूमि का लगभग एक-तिहाई भाग है।
  • यह वन कार्बन उत्सर्जन की एक महत्त्वपूर्ण मात्रा को अवशोषित करके ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  • इस वन का विश्व के उत्तरी महासागरों और समग्र जलवायु पर निर्णायक प्रभाव पड़ता है।
  • यह वन अन्य सभी उष्णकटिबंधीय वनों की तुलना में दोगुना कार्बन ग्रहण करता है और ताजे जल की एक बड़ी मात्रा को शुद्ध करने में भी सहायता करता है।

वनाग्नि के प्रति पर्यावरणीय अनुकूलन

  • वर्तमान में अलास्का, कनाडा और साइबेरिया बोरियल वनों में आग की घटनाएं निरंतर बढ़ रही है। हालाँकि यह दावानल जंगल के अस्तित्व और विकास के लिये भी आवश्यक हैं।
  • इन वनों में लगी आग मृदा में बहुमूल्य पोषक तत्त्व उत्सर्जित करने के अतिरिक्त वृक्षों के आवरण में छिद्र निर्मित करने का कार्य करती है जो वन भूमि तक सूर्य के प्रकाश के लिये मार्ग तैयार करते हैं जिसके परिणामस्वरूप नए वृक्षों के विकास होता है।
  • इन वनों में सर्वाधिक प्रचलित आग ‘क्राउन फायर’ है जो एक वृक्ष के शीर्ष से दूसरे वृक्ष के शीर्ष तक तेजी से फैलती है।
    • इस अग्नि की लपटें भूमि की अग्नि की तुलना अधिक तीव्र होती है, जिन्हें नियंत्रित करना अधिक कठिन होता है। यह आग जहरीले धुएं और व्यापक मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड को उत्पन्न करती है।
  • बोरियल वन के पौधे शीत प्रतिरोधी होते हैं और बार-बार होने वाली आग के लिये भी  अनुकूलित हो गए हैं। विदित है कि इस क्षेत्र में पाए जाने वाले ट्रेम्बलिंग एस्पेन वृक्ष में शीघ्र दहन के साथ ही शीघ्र उत्पत्ति की क्षमता भी विद्यमान है।
  • पादपों की कुछ प्रजातियां आग पर ही निर्भर होती हैं जिनमें जैक पाइंस या ब्लैक स्प्रूस का नाम प्रमुख है। इन पौधों में सैप-कोटेड कोन होते हैं जो आग की लपटों के फैलने पर बीज को जमा करने के लिये खुलते हैं और इसके द्वारा ही इनका अस्तित्व सुरक्षित होता है।

वनाग्नि के लिये उत्तरदायी कारण 

  • यद्यपि विगत कुछ दशकों में एकत्रित आँकड़े दर्शाते हैं कि आग की बढ़ती आवृत्ति और तीव्रता अब असामान्य स्तर पर पहुँच गई है।
  • वर्तमान में यह एक घटना से परिवर्तित होकर एक ऋतु के रूप में स्थापित हो चुकी है, जो अधिक लंबा और गंभीर है। 
  • एक अध्ययन के अनुसार, अत्यधिक गर्म पवनें (Extreme Heat Waves) 150 वर्ष पूर्व की तुलना वर्तमान में पाँच गुना अधिक हैं।
  • बोरियल क्षेत्र सहित उत्तरी अक्षांशीय भूमि पर ग्लोबल वार्मिंग का विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है। गौरतलब है कि इस क्षेत्र में तापमान बाकी ग्रह की तुलना में दो से तीन गुना तेजी से बढ़ रहा है।
  • इस क्षेत्र में अत्यधिक गर्मी के कारण ऊर्जा की अधिक मात्रा में खपत होती है जो बदले में अधिक प्राकृतिक परिवर्तनों का कारण बनती है।

आगे की राह 

  • वैज्ञानिकों के अनुसार, इस क्षेत्र में पर्यावरणीय नुकसान को अभी भी सीमित किया जा सकता है। सावधानीपूर्वक निगरानी, ​​​​पुनर्वनीकरण, कानूनी सुरक्षा और तकनीकी प्रगति कार्बन सिंक को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। 
  • ग्रह के अस्तित्व को सुनिश्चित करने में बोरियल वनों की आवश्यक भूमिका को बनाए रखने के लिये इनके  संरक्षण का प्रयास वैश्विक स्तर पर होना चाहिये।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR