New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का ‘फायर रेडी फॉर्मूला’

(प्रारंभिक परीक्षा- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: आपदा और आपदा प्रबंधन, संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

संदर्भ

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने वैश्विक सरकारों से एक नया 'फायर रेडी फॉर्मूला' अपनाने का आह्वान किया है। इससे पूर्व यू.एन.ई.पी. ने भविष्य में जंगल की आग (वनाग्नि) की घटनाओं में तीव्र वृद्धि से संबंधित चेतावनी जारी की थी। 

फायर रेडी फॉर्मूला

  • नए फॉर्मूले में जंगल की आग के प्रबंधन के लिये कुल बजटीय आबंटन में 66% हिस्सा नियोजन, रोकथाम, तैयारी एवं रिकवरी के लिये, जबकि शेष हिस्से को प्रतिक्रिया (Response) पर व्यय करने की परिकल्पना की गई है।
  • यू.एन.ई.पी. की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2030 तक जंगल की आग की घटनाओं में 14% तक की वृद्धि होने की संभावना है। वर्ष 2050 तक यह वृद्धि 33% तक हो सकती है। साथ ही, वर्ष 2100 तक इसमें 52% तक की वृद्धि का अनुमान है।

योजना और रोकथाम पर केंद्रित नया ‘फायर रेडी फॉर्मूला'

क्रमांक

बजट मद (Budget Item)

जंगल की आग के प्रबंधन के लिये कुल बजट में अनुसंशित हिस्सेदारी

1.

नियोजन (Planning)

1%

2.

रोकथाम (Prevention)

32%

3.

तैयारी (Preparedness)

13%

4.

प्रतिक्रिया (Response)

34%

5.

रिकवरी (Recovery)

20%

यू.एन.ई.पी. रिपोर्ट से संबंधित अन्य तथ्य

  • यू.एन.ई.पी. ने ग्रिड-अरेन्डल (नॉर्वे स्थित एक गैर-लाभकारी पर्यावरण संचार केंद्र) के साथ संयुक्त रूप से एक रिपोर्ट जारी की है। ये रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा के पुन: प्रारंभ होने वाले 5वें सत्र से पहले जारी की गई थी। इसके अनुसार, जंगल की आग के जोखिम को कम करने, स्थानीय समुदायों के साथ कार्य करने और जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिये वैश्विक प्रतिबद्धताओं को मज़बूत करने में और अधिक निवेश की आवश्यकता थी।
  • यू.एन.ई.पी. ने इस संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करने के आह्वान के साथ वनाग्नि प्रबंधन के लिये अंतर्राष्ट्रीय मानकों को विकसित करने की भी सिफारिश की है। वनाग्नि के बढ़ते जोखिमों के लिये जलवायु परिवर्तन के अतिरिक्त भूमि उपयोग एवं भूमि प्रबंधन प्रथाओं में परिवर्तन भी ज़िम्मेदार हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार, ‘एकीकृत वनाग्नि प्रबंधन’ वैश्विक स्तर पर इस जोखिम के संदर्भ में वर्तमान एवं भविष्य के परिवर्तनों के अनुकूल था। साथ ही, अनुकूल भूमि एवं अग्नि प्रबंधन के लक्ष्य को प्राप्त करने तथा बनाए रखने के लिये नीतियों, कानूनी ढाँचे और प्रोत्साहनों के संयोजन की आवश्यकता होती है।
  • यह वनाग्नि से प्रभावित देशों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुगम बनाने एवं अंतर्राष्ट्रीय सहायता को सक्षम करने में सहायक होगा।

जंगल की आग : कारण, प्रभाव एवं उपाय 

कारण

  • जलवायु परिवर्तन के कारण विश्व के कुछ हिस्सों में बिजली गिरने की आवृत्ति में वृद्धि का अनुमान है। बिजली गिरने की घटना उत्तरी अमेरिका एवं उत्तरी साइबेरिया के बोरियल वनों (Boreal Forests) में बड़े पैमाने पर जंगल की आग का प्रमुख कारक है।
  • चरम मौसम की घटनाएँ, जैसे- बढ़ता तापमान एवं अधिक सूखे के कारण जंगल की आग की अवधि लंबी हो रही है।
  • वन भूमि एवं शहरी विकास के संक्रमण क्षेत्र में जंगल की आग का जोखिम सर्वाधिक स्पष्ट है। सवाना पारिस्थितिकी तंत्र में भी जंगल की आग अधिक सामान्य हो गई है।

बोरियल वन (Boreal Forest)

  • जैविक दृष्टिकोण से बोरियल वनों को उच्च-अक्षांशीय वातावरण में उगने वाले वनों के रूप में परिभाषित किया जाता है, जहाँ 6 से 8 महीने तक जमाव तापमान रहता है। यहाँ वृक्षों की ऊँचाई न्यूनतम 5 मीटर और चंदवा कवर (Canopy Cover) 10% तक हो सकता है।
  • बोरियल वन (टैगा) दुनिया का सबसे बड़ा स्थलीय बायोम है। बोरियल पारिक्षेत्र (Ecozone) मुख्यत: 8 देशों में विस्तृत है- कनाडा, चीन, फ़िनलैंड, जापान, नॉर्वे, रूस, स्वीडन और अमेरिका। 
  • इस पारिक्षेत्र में प्राय: वृक्ष की शंकुधारी प्रजातियाँ, जैसे- पाइन, स्प्रूस और देवदार के साथ-साथ कुछ चौड़ी प्रजातियों वाले वृक्ष, जैसे- चिनार (Poplar) और सन्टी (Birch) पाए जाते है।

प्रभाव

  • वनाग्नि की घटनाओं में वृद्धि से संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों, पेरिस समझौते और सेंडाई लक्ष्यों की समय पर प्राप्ति नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है।
  • वनाग्नि का बदलता स्वरुप एवं उसकी तीव्रता, विशेषकर विकासशील देशों में, कई एस.डी.जी. लक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है। मानव स्वास्थ्य एवं कल्याण से संबंधित एस.डी.जी. लक्ष्यों में भूख, गरीबी उन्मूलन तथा जलवायु कार्रवाई जैसे लक्ष्य शामिल हैं।
  • जंगल की आग ने सवाना पारिस्थितिकी तंत्र में एक-चौथाई प्रजातियों को प्रभावित किया है।

उपाय

  • यद्यपि वनाग्नि के जोखिम को समाप्त करना संभव नहीं है, किंतु वनाग्नि प्रबंधन एवं संबंधित घटनाओं को कम करने के लिये कदम उठाए जा सकते हैं। मौजूदा सरकारें जंगल की आग की प्रतिक्रियाओं के लिये प्राय: गलत क्षेत्र में निवेश करती हैं। यू.एन.ई.पी. के अनुसार फायर रेडी फॉर्मूला इनमें मदद कर सकता है।
  • यू.एन.ई.पी. के अनुसार, वर्ष 2021 में जंगल की आग से सर्वधिक प्रभावित क्षेत्र अफ्रीका महाद्वीप था। रिपोर्ट में जंगल की आग की निगरानी और प्रबंधन में सुधार के लिये निम्नलिखित अनुसंशाएँ की गई हैं- 
    • स्वदेशी अग्नि प्रबंधन तकनीकों की सराहना और उन्हें अपनाना
    • लंबी दूरी (Long Range) के मौसम पूर्वानुमान पर ध्यान देना
    • रिमोट-सेंसिंग क्षमताओं, जैसे- उपग्रहों, स्थल आधारित रडार, बिजली गिरने की घटनाओं का पता लगाने के साथ-साथ डाटा हैंडलिंग पर ध्यान देना। 
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR