स्कैंडिनेविया के ऊपरी समुद्री क्षेत्र में स्थित बेरेंट सागर (Barents Sea) में हाल के दशकों में वैश्विक तापमान के कारण तेज़ी से बदलाव हुआ है। औद्योगिक युग की शुरुआत के बाद यहाँ के वायुमंडलीय तापमान में औसत वैश्विक दर से चार गुना अधिक वृद्धि दर्ज़ की गई है।
अटलांटिक महासागरीय गर्म जलधाराएँ आर्कटिक महासागर के बेरेंट सागर की ओर बहती हैं, जहाँ अटलांटिक महासागर का उष्ण लवणीय जल आर्कटिक महासागर के जल में मिल जाता है। इस प्रक्रिया में बर्फ को गर्म वायुमंडल द्वारा ऊपर से नीचे तथा गर्म महासागर द्वारा नीचे से ऊपर की ओर धकेल दिया जाता है। इस घटना को 'अटलांटीफिकेशन' नाम दिया गया है।
वैज्ञानिकों ने बेरेंट सागर में कुछ ऐसे 'हॉटस्पॉट्स' को उजागर किया है, जिनमें अटलांटिक के साथ अधिक समानता देखी गई है। हालाँकि अटलांटीफिकेशन के प्रभाव का पुष्टिकरण अभी स्पष्ट नहीं है, तथापि वैज्ञानिकों का मानना है की यह आर्कटिक के कुछ हिस्सों को जलवायु 'टिपिंग पॉइंट' की ओर धकेल सकता है।
विदित है कि अटलांटिक और प्रशांत महासागरों के विपरीत, यूरेशियाई आर्कटिक महासागर का जल अधिक गहरा होने के साथ गर्म होता जाता है। आर्कटिक महासागर की सतह प्रायः समुद्री बर्फ से ढकी रहती है, जिसके नीचे शांत मीठे जल की एक परत होती है।