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शॉर्ट न्यूज़: 08 जुलाई, 2022 (पार्ट - 2)

शॉर्ट न्यूज़: 08 जुलाई, 2022 (पार्ट - 2)


स्वतंत्र निदेशक

व्यापार घाटा (Trade Deficit)

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 A

भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश 2022

कार्बन बॉर्डर एडजस्टेड मैकेनिज्म (CBAM)


स्वतंत्र निदेशक

चर्चा में क्यों ?

  • कंपनी अधिनियम 1956 (कंपनीज़ एक्ट, 1956) में स्वतंत्र निदेशक के लिए आवश्यक प्रावधान नहीं थे। इस अंतर को कम करने के लिए, कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स) ने 2013 में अधिनियम में संशोधन किया।

स्वतंत्र निदेशक के बारे में : 

  • एक स्वतंत्र निदेशक एक तीसरा पक्ष होता है जो निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स) का सदस्य होता है, जिसकी कंपनी के साथ निष्पक्ष स्थिति होती है।
  • स्वतंत्र निदेशक कंपनी के रोज़ के कामकाज में भाग नहीं लेता है और न ही वह कंपनी की कार्यकारी टीम का हिस्सा होता है।
  • मूल रूप से, एक स्वतंत्र निदेशक एक कंपनी का गैर-कार्यकारी निदेशक होता है जो कंपनी को कॉर्पोरेट विश्वसनीयता और शासन मानकों में सुधार करने में मदद करता है।
  • यह केवल उन सदस्यों के हितों की रक्षा के लिये काम करता है जो व्यक्तिगत रूप से अपने हितों की रक्षा स्वयं नहीं कर सकते हैं। 

एक स्वतंत्र निदेशक कौन हो सकता है?

  • कंपनी अधिनियम 2013 (कंपनीज़ एक्ट, 2013) का अध्याय XI, निदेशकों की नियुक्ति और योग्यता से संबंधित है। कंपनी अधिनियम 2013 के तहत स्वतंत्र निदेशक कौन हो सकता है, इससे संबंधित प्रावधान अधिनियम की धारा 149 उपधारा (6) में दिए गए हैं। 

स्वतंत्र निदेशकों की संख्या की सीमा

  • कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 165 के अनुसार, एक व्यक्ति को निदेशक के रूप में नियुक्त करने वाली कंपनियों की संख्या 20 कंपनियों (वैकल्पिक निदेशकों सहित) से अधिक नहीं होनी चाहिए। 

निदेशक पहचान संख्या (डीआईएन)

  • यह संख्या एक अनोखा 8 अंकों की पहचान संख्या है जो उस व्यक्ति को दी जाती है जो निदेशक बनना चाहता है या कोई व्यक्ति जो पहले से ही किसी कंपनी का निदेशक है। यह नंबर केंद्र सरकार द्वारा बांटा जाता है।
  • कंपनी अधिनियम की धारा 152 निदेशकों के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या प्राप्त करना अनिवार्य बनाती है।

व्यापार घाटा (Trade Deficit)

चर्चा में क्यों ?

  • वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, जहां पिछले वर्ष (2020-21) भारत का कुल निर्यात अभूतपूर्व वृद्धि (422 बिलियन डॉलर) हुई थी, वहीं निर्यात में वर्तमान मई और जून 2022 में क्रमशः 6% और 16.8% की वृद्धि हुई है, जोकि अप्रैल 2022 की 30.7% की वृद्धि से बहुत कम है।
  • वर्तमान वर्ष की पहली तिमाही में निर्यात और आयात के बीच अधिक अंतर दर्ज किया गया है, जिससे संचयी व्यापार घाटा लगभग 70 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जोकि औसतन 3 बिलियन डॉलर प्रति माह है। 

व्यापार घाटा

  • आयात और निर्यात के अंतर को व्यापार संतुलन (Balance of Trade) कहते हैं। जब कोई देश निर्यात की तुलना में आयात अधिक करता है तो उसे व्यापार घाटे (Trade Deficit) का सामना करना पड़ता है जबकि आयात की तुलना में निर्यातों का होना ट्रेड सरप्लस (Trade Surplus) की स्थिति को दर्शाता है। 

भुगतान संतुलन (बीओपी) क्या है?

  • भुगतान संतुलन एक विवरण है जो किसी भी अवधि के दौरान व्यावसायिक इकाइयों, सरकार जैसी संस्थाओं के मध्य किए गए प्रत्येक मौद्रिक लेनदेन को अभिलिखित करता है
  • यह देश में आने वाले धन के प्रवाह की निगरानी में सहायता करता है एवं किसी देश की वित्तीय स्थिति का बेहतर तरीके से मूल्यांकन करने में सहायता करता है। 

भुगतान संतुलन की विशेषताएं:

  • इसमें सभी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन शामिल हैं जिनमें व्यक्तिगत, व्यावसायिक एवं सरकारी लेनदेन शामिल हैं।
  • एक आदर्श परिदृश्य में भुगतान संतुलन में योग सदैव शून्य होता है। 

भुगतान शेष के मुख्य घटक:

चालू खाता

  • चालू खाते का उपयोग देशों के बीच माल एवं सेवाओं के अंतर्वाह और बहिर्वाह की निगरानी के लिये किया जाता है। इस खाते में कच्चे माल तथा निर्मित वस्तुओं के संबंध में किये गए सभी भुगतानों और प्राप्तियों को शामिल किया जाता है। चालू खाता के अंतर्गत मुख्यत: तीन प्रकार के लेन-देन, जिसमें पहला वस्तुओं व सेवाओं का आयात-निर्यात और दूसरा कर्मचारियों व विदेशी निवेश से प्राप्त आय एवं खर्च तथा तीसरा विदेशों से प्राप्त अनुदान राशि, उपहार एवं विदेश में बसे कामगारों द्वारा भेजी जाने वाली विप्रेषण (Remittance) की राशि, को शामिल किया जाता है। 

पूंजी खाता

  • देशों के बीच सभी पूंजीगत लेन-देनों की निगरानी पूंजी खाते के माध्यम से की जाती है। पूंजीगत लेन-देन में भूमि जैसी गैर-वित्तीय संपत्तियों की खरीद और बिक्री को शामिल किया जाता है।
  • पूंजी खाते के मुख्यतः तीन तत्त्व हैं-

 (1) विदेश में स्थित निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों से लिया गया सभी प्रकार का ऋण।

 (2) गैर-निवासियों द्वारा कॉर्पोरेट शेयरों में किये गए निवेश की राशि ।

(3) अंततः विनिमय दर के नियंत्रण हेतु देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखा गया विदेशी मुद्रा भंडार। 

वित्तीय खाता

  • रियल एस्टेट, व्यावसायिक उद्यम, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आदि में विभिन्न निवेशों के माध्यम से विदेशों से/को होने वाले धन के प्रवाह पर वित्तीय खाते के माध्यम से निगरानी की जाती है। यह खाता घरेलू परिसंपत्तियों के विदेशी स्वामित्त्व और विदेशी संपत्ति के घरेलू स्वामित्त्व में परिवर्तन को मापता है। इसका विश्लेषण करने से यह ज्ञात किया जा सकता है कि कोई देश अधिक संपत्ति बेच रहा है या प्राप्त कर रहा है। 

त्रुटियाँ और चूक:

  • कभी-कभी भुगतान संतुलन की स्थिति न होने के कारण इस असंतुलन को BoP में त्रुटियों और चूक (Errors and Omissions) के रूप में दिखाया जाता है। यह सभी अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन को सही ढंग से रिकॉर्ड करने में देश की अक्षमता को दर्शाता है। 
  • कुल मिलाकर BoP खाते में अधिशेष या घाटा हो सकता है।
  • यदि कोई कमी है तो विदेशी मुद्रा भंडार से पैसा निकालकर इसे पूरा किया जा सकता है।
  • यदि विदेशी मुद्रा भंडार कम हो रहा है तो इस घटना को BoP संकट के रूप में जाना जाता है।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 A

  • यह भारत में साइबर-अपराध और इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के मुद्दों से निपटने के लिये प्राथमिक कानून है।
  • यह केंद्र सरकार को ऑनलाइन सामग्री को ब्लॉक करने और साइबर अपराधी को गिरफ्तार करने का अधिकार प्रदान करती है। 
  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत, प्रौद्योगिकी मत्रांलय को ये अधिकार है कि वो ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म को किसी सामग्री को ब्लॉक करने का हुक्म देने के लिए अधिकृत है।
  • भारत सरकार ने आईटी अधिनियम की इसी धारा का हवाला देते हुए 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था। 
  • इस अधिनियम की धारा 69 A के तहत केंद्र सरकार को निम्नलिखित शक्तियाँ प्रदान की गई हैं-
  • सोशल मीडिया और किसी अन्य वेबसाइट पर आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिये दिशा निर्देश जारी करना। 
  • भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, भारत की रक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को सुनिश्चित करने के लिये ऑनलाइन सामग्री को ब्लॉक करने के साथ इन्हें नुकसान पहुँचाने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्ति।
    • जिन वेबसाइट को जनता के लिए ब्लॉक किया जायेगा उन्हें पूरी प्रक्रिया और नियमों के तहत ही ब्लॉक किया जायेगा और अन्य सुरक्षा उपायों का भी ध्यान रखा जायेगा।
  • सरकार ने वर्ष 2019 में साइबर अपराधों को नियंत्रित करने के लिये IT ACT 2000 की धारा 69(A) में भी संशोधन किया। 
    • इसके तहत सरकार ने 10 एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर की जाँच करने, उनका डेटा निष्कासित करने तथा अन्य जानकारियाँ प्राप्त करने का अधिकार दिया।
    • इनमें इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, राजस्व आसूचना निदेशालय, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी, मंत्रिमंडल सचिवालय (रॉ), सिग्नल इंटेलिजेंस निदेशालय (केवल जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम के सेवा क्षेत्रों के लिये) और पुलिस आयुक्त, दिल्ली शामिल हैं।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने 2015 में दिए गए निर्णय में कहा कि केंद्र एक इंटरनेट साइट को ब्लॉक करने के निर्देश (राष्ट्रीय सुरक्षा इत्यादि से सम्बंधित मामलों में) जारी करने के लिए अपनी शक्ति का प्रयोग कर सकता है। 
  • न्यायालय ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा, व्यक्तिगत निजता से ऊपर है।

नोट :

  • भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 केंद्र सरकार को फोन टैप करने की अनुमति देता है। सुप्रीम कोर्ट ने 1996 में एक फैसला दिया था और कहा था कि सरकार केवल "सार्वजनिक आपातकाल" के मामले में फोन टैप कर सकती है। 
  • लेकिन आईटी एक्ट के सेक्शन 69A के मामले में, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश 2022

चर्चा में क्यों ?

  • उपभोक्ता मामलों के विभाग के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण  ने 'भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश और भ्रामक विज्ञापनों के समर्थन, 2022' को अधिसूचित किया है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 18 द्वारा CCPA को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिशानिर्देशों को अधिसूचित किया गया। 

दिशा-निर्देशों के प्रमुख बिंदु

  • दिशानिर्देशों का मुख्य उद्देश्य विज्ञापनों को विनियमित करना और उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापनों से बचाना है।
  •  ये दिशा निर्देश ऐसे विज्ञापनो पर जो किसी उत्पाद या सेवा की विशेषताओं को बढ़ा कर दिखाते है, जो अवास्तविक उम्मीदों को बढ़ावा देते हैरोक लगाते हैं
  • ऐसे उत्पादों या सेवाओं के विज्ञापनों को प्रतिबंधित किया गया है जो किसी प्रामाणिक निकाय द्वारा वैज्ञानिक रूप से मान्यता प्राप्त किए बिना किसी भी स्वास्थ्य या पोषण संबंधी लाभ का दावा करते हैं।
  • निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं, विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश निर्धारित किए गए हैं।
  • CCPA को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत स्थापित किया गया है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) के तहत भ्रामक विज्ञापन को पहले ही परिभाषित किया जा चुका है।
  • विज्ञापनों की संवेदनशीलता और बच्चों के मन में संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए दिशा-निर्देश बनाए गए हैं।
  • दिशानिर्देश यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि उपभोक्ताओं को निराधार दावों, अतिरंजित वादों, गलत सूचना और झूठे दावों के साथ मूर्ख नहीं बनाया जा रहा है।
  • इस तरह के विज्ञापन उपभोक्ताओं के विभिन्न अधिकारों का उल्लंघन करते हैं जैसे कि सूचित होने का अधिकार, चुनने का अधिकार और संभावित असुरक्षित उत्पादों और सेवाओं के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार।
  • वर्तमान दिशानिर्देश "प्रलोभन विज्ञापन", "सरोगेट विज्ञापन" को परिभाषित करते हैं और स्पष्ट करते हैं कि "मुक्त दावा विज्ञापन (free claim advertisements)" क्या है।
  • CCPA किसी भी भ्रामक विज्ञापन के लिए निर्माताओं, विज्ञापनदाताओं और एंडोर्सर्स पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है।
  • दिशानिर्देशों का बार-बार उल्लंघन करने पर यह जुर्माना 50 लाख रुपये तक बढ़ा सकता है।
  • यह भ्रामक विज्ञापन के समर्थनकर्ता को प्रतिबंधित कर सकता है।

कार्बन बॉर्डर एडजस्टेड मैकेनिज्म (CBAM)

चर्चा में क्यों ?

  • यूरोपीय संघ की संसद ने कार्बन सीमा समायोजन तंत्र को लागू करने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया है।

कार्बन बॉर्डर एडजस्टेड मैकेनिज्म (CBAM) के बारे में 

  • कार्बन सीमा समायोजन तंत्र विनियमन, जो यूरोपीय संघ के ‘Fit for 55’ पैकेज के प्रमुख तत्वों में से एक है।
  • इस पर्यावरणीय उपाय का मुख्य उद्देश्य कार्बन रिसाव से बचना है। यह जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए भागीदार देशों को कार्बन मूल्य निर्धारण नीतियां स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।
  • शुरुआत में, 2023 तक, CBAM ऊर्जा-गहन क्षेत्रों को कवर करेगा।
  • इनमें सीमेंट, स्टील, एल्यूमीनियम, तेल रिफाइनरी, कागज, कांच, रसायन के साथ-साथ बिजली क्षेत्र भी शामिल हो सकते हैं।
  • CBAM में प्रस्तावित किया गया है कि यूरोपीय संघ में प्रवेश करने वाले सामानों पर सीमाओं पर कर लगाया जाएगा।
  • ऐसा कर "कम कार्बन, संसाधन-कुशल विनिर्माण" को बढ़ावा देगा।

 इसे लागू करने के तर्क क्या है?

  • कार्बन टैक्स प्रस्ताव के दो प्रमुख कारण यूरोपीय संघ के पर्यावरणीय लक्ष्य और इसके उद्योगों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता हैं।
  • हाल ही में, यूरोपीय संघ ने घोषणा की कि वह 1990 के स्तर की तुलना में 2030 तक अपने कार्बन उत्सर्जन में कम से कम 55% की कटौती करेगा।
  • 1990 के स्तर की तुलना में यूरोपीय संघ के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 24% की गिरावट आई है लेकिन आयात से जुड़े उत्सर्जन बढ़ रहे हैं।
  • ये यूरोपीय संघ के कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 20% का योगदान करते हैं। इसलिए, कार्बन टैक्स अन्य देशों को GHG उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
  • यह यूरोपीय संघ के कार्बन पदचिह्न को और कम कर सकता है।
  • इसमें एक 'उत्सर्जन व्यापार प्रणाली' है जो यह सीमित करती है कि व्यक्तिगत औद्योगिक इकाइयाँ कितनी GHG उत्सर्जित कर सकती हैं।
  • यह कुछ व्यवसायों के लिए यूरोपीय संघ के भीतर परिचालन को महंगा बनाता है।
  • इसलिए, यूरोपीय संघ को डर है कि ये कंपनियां उन देशों में स्थानांतरित करना पसंद कर सकती हैं जहां नियम आसान है या कोई उत्सर्जन सीमा नहीं है।

इसका विरोध किसके द्वारा किया गया  है?

  • बेसिक (ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन) देशों के समूह ने यूरोपीय संघ के प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे "भेदभावपूर्ण" करार दिया था।
  • इसे समानता और 'सामान्य लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं' (CBDR-RC) के सिद्धांतों के खिलाफ कहा जाता है।
  • इसके तहत विकासशील देशों को 2020 तक हरित विकास के लिए 100 अरब डॉलर मिलना था। अब इसे 2025 तक टाल दिया गया है।

यह भारत को कैसे प्रभावित करता है?

  • यूरोपीय संघ भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
  • इसने 2020 में माल के व्यापार में $74.5 बिलियन का योगदान दिया, या भारत के कुल वैश्विक व्यापार का 11.1%
  • 2020-21 में यूरोपीय संघ को भारत का निर्यात $41.36 बिलियन का था।
  • कार्बन टैक्स यूरोपीय संघ में भारतीय निर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि करेगा।
  • इससे भारतीय सामान खरीदारों के लिए कम आकर्षक हो जाएगा और मांग कम हो जाएगी।
  • यह एक बड़े ग्रीनहाउस गैस पदचिह्न वाली कंपनियों के लिए गंभीर निकट-अवधि की चुनौतियां पैदा करेगा।

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