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शॉर्ट न्यूज़: 12 जुलाई, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 12 जुलाई, 2022


वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो

मानव-तस्करी संबंधी घोषणा पर हस्ताक्षर 

महिलाओं के वित्तीय समावेशन में वृद्धि


वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने बैंक बोर्ड ब्यूरो (BBB) के स्थान पर वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (FSIB) की स्थापना के लिये एक सरकारी प्रस्ताव को मंजूरी दी है। 

वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो 

  • यह ब्यूरो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों के प्रमुखों का चयन करेगी। 
  • दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा उपक्रमों के निदेशकों का चयन करने की बी.बी.बी. की शक्ति को रद्द करने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों की चयन प्रक्रिया अधर में थी। 
  • बी.बी.बी. के पूर्व अध्यक्ष भानु प्रताप शर्मा को दो वर्ष के लिये या अगले आदेश तक एफ.एस.आई.बी. के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। 
  • उल्लेखनीय है कि नए ढांचे का प्रस्ताव वित्तीय सेवा विभाग ने प्रस्तावित किया था। मंत्रिमंडल ने गैर-जीवन बीमा कंपनियों के महाप्रबंधकों और निदेशकों के चयन के लिये दिशानिर्देशों को भी मंजूरी दी। 

बैंक बोर्ड ब्यूरो

इसे मूल रूप से वर्ष 2016 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और कार्यकारी निदेशकों का चयन करने के लिये स्थापित किया गया था। बाद में सरकार ने बी.बी.बी. को बीमा कंपनियों के प्रमुखों का चयन करने का कार्य भी सौंपा। 


मानव-तस्करी संबंधी घोषणा पर हस्ताक्षर 

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, छह भारतीय राज्यों ने मानव-तस्करी से निपटने के लिए सहयोग हेतु एक अंतर-राज्यीय घोषणा पर हस्ताक्षर किये।

प्रमुख बिंदु 

  • इस पर आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, तमिलनाडु और तेलंगाना के महिला और बाल कल्याण प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किया। 
  • यह घोषणा मानव तस्करी पर खुफिया जानकारी एकत्र करने और साझा करने, पीड़ितों को कानूनी संरक्षण, पुनर्वास एवं देखभाल की सुविधा प्रदान करवाने के संयुक्त प्रयासों पर केंद्रित है। 
  • इस घोषणा से मानव तस्करी से निपटने के लिये दो दिवसीय क्षेत्रीय परामर्श का समापन हुआ, जिसे तेलंगाना सरकार ने गैर-लाभकारी संगठन प्रज्वला और शक्ति वाहिनी के सहयोग से आयोजित किया था। 

महिलाओं के वित्तीय समावेशन में वृद्धि

चर्चा में क्यों

हाल ही में जारी एस.बी.आई. इकोरैप (SBI Ecowrap) की रिपोर्ट के अनुसार, विगत दो दशकों में महिलाओं के वित्तीय समावेशन में लगातार सुधार हो रहा है। जन धन अभियान के कारण बैंक खाता रखनेवालीमहिलाओंकी संख्यामेंवृद्धि हुई है।

प्रमुख बिंदु

financial-inclusion

  • रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22के दौरान वृद्धिशील जमाओं(Incremental Deposits) में महिला जमाकर्ताओंकीहिस्सेदारी 35% थी, जबकि वित्त वर्ष 2021 में यह 15% और वित्त वर्ष 2020 में यह 15% थी।
  • उल्लेखनीय है कि ग्रामीण बैंकों में वृद्धिशील जमाओं में महिलाओं का हिस्सा66% है, जबकि अर्ध-शहरी बैंकों में यह हिस्स्सा 41%,शहरी बैंकों में 32% और महानगरीय बैंकों में 28% है।
  • यही कारण हैं कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में वृद्धिशीलजमाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी 119% हैं, जबकि विदेशी बैंकों में यह सिर्फ 1% है।
  • आंकड़ोंकेअनुसार,बैंक खातों वाली महिलाओं की संख्या वर्ष 2015-16 में 53% से बढ़कर वर्ष 2019-21 में 78.6% हो गई है।

योजनाओं का प्रभाव

  • रिपोर्ट में उन महिलाओं की हिस्सेदारी पर भी प्रकाश डाला गया है, जिन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया गया है, जिनका उद्देश्य उन्हें सशक्त बनाना है। वर्तमान में प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत 56% (लगभग 2,500 लाख खाते) बैंक खातों महिलाओं के हैं।
  • माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा) के कुल ऋणों की संख्या का 71% महिलाओं को वितरित किया जाता है।अटल पेंशन योजना के लाभार्थियों में भी 44% महिलाएँ हैं।

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