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शॉर्ट न्यूज़: 12 सितम्बर, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 12 सितम्बर, 2022


स्वच्छ अमृत महोत्सव

केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मलेन

राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन सम्मलेन

नई आई-स्टेम पहल

मज़्म-उल-बहरैन 


स्वच्छ अमृत महोत्सव

चर्चा में क्यों

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के आठ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वच्छ अमृत महोत्सव के शुरुआत की घोषणा की गई। 

स्वच्छ अमृत महोत्सव

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  • इसकी घोषणा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने की। इसका आयोजन 17 सितंबर (सेवा दिवस) से 2 अक्टूबर (स्वच्छता दिवस) तक किया जाएगा। इसका आधिकारिक प्रतीक (लोगो) है- ‘स्वच्छ अमृत महोत्सव : एक और कदम स्वच्छता की ओर’।
  • इसके माध्यम से स्वच्छता से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम ‘कचरा मुक्त शहर’ के लक्ष्य के साथ नागरिक गतिविधियों और प्रतिबद्धता पर केंद्रित है।
  • इसके अतिरिक्त ‘इंडियन स्वच्छता लीग’ की भी घोषणा की गई।

इंडियन स्वच्छता लीग

  • यह विभिन्न शहरों के युवाओं के बीच एक अंतर-नगरीय प्रतिस्पर्धा है जिसका आयोजन 17 सितंबर, 2022 को किया जाएगा।
  • इसमें भाग लेने वाली प्रत्येक टीम ‘कचरा मुक्त समुद्र तट, पहाड़ और पर्यटन स्थल’ के लिये स्वयं की अभिनव स्वच्छता पहलें करेगी।

केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मलेन

चर्चा में क्यों

हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मलेन’ (Centre-State Science Conclave) का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस सम्मेलन का आयोजन 10-11 सितंबर, 2022 तक साइंस सिटी, अहमदाबाद में किया गया। यह अपनी तरह का पहला सम्मलेन है।
  • विदित है कि भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में वर्ष 2015 (81वां स्थान) की तुलना में वर्ष 2021 में 46वें स्थान पर आ गया है।

विषयगत सत्र

  • इस सम्मलेन के दौरान विभिन्न विषयगत सत्रों का आयोजन किया गया। इसमें शामिल हैं- 
    • एस.टी.आई. विजन 2047
    • राज्यों में एस.टी.आई. के लिये भविष्य का विकास मार्ग और विजन 
    • स्वास्थ्य : सभी के लिये डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल
    • वर्ष 2030 तक अनुसंधान और विकास में निजी क्षेत्र के निवेश को दोगुना करना
    • कृषि : किसानों की आय में सुधार के लिये तकनीकी हस्तक्षेप
    • जल : पेयजल उत्पादन के लिये नवाचार
    • ऊर्जा : हाइड्रोजन मिशन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका तथा सभी के लिये स्वच्छ ऊर्जा
    • डीप ओशन मिशन : तटीय राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों तथा देश की भावी अर्थव्यवस्था के लिये इसकी प्रासंगिकता

उद्देश्य

  • विज्ञान के क्षेत्र में सहकारी संघवाद के माध्यम से केंद्र और राज्य के बीच समन्वय व सहयोग तंत्र मजबूत करना
  • देश में एक सशक्त विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) परिस्थितिकी तंत्र का सृजन करना
  • देश में नवाचार और उद्यमिता को सुविधाजनक बनाना

राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन सम्मलेन

चर्चा में क्यों

हाल ही में, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत भुवनेश्वर में भारत में पहले राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन सम्मलेन का उद्घाटन किया गया। 

प्रमुख बिंदु

  • इसे हरित जलवायु कोष समर्थित परियोजना- इनहैंसिंग क्लाइमेट रिसाइलेंस ऑफ इंडियाज कोस्टल कम्युनिटीज ने आयोजित किया है
  • सम्मलेन के दौरान बदलती पर्यावरणीय दशाओं के अनुरूप भारत के तटीय क्षेत्र के लचीलेपन के विकास की आवश्यकता को रेखांकित किया गया।
  • भारत द्वारा अपने संशोधित एन.डी.सी. (NDC) जमा करने के बाद यह सम्मलेन हो रहा है। 

उद्देश्य 

  • भारत के सभी 13 समुद्र तटीय राज्यों के अधिकारियों को एक मंच पर लाना।
  • इससे तीन संबंधित विषयों- तटीय एवं समुद्री जैव विविधता, जलवायु न्यूनीकरण एवं अनुकूलन और तटीय प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।
  • हितधारकों का एक सक्रिय नेटवर्क तैयार करना। 
  • ये विभिन्न विषयों पर एक-दूसरे के साथ संवाद जारी रखेंगे।
  • ये तटीय शासन, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार तथा घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय वित्त जैसे विषयों को भी साझा करेंगे।
  • भारत में समुद्र तटीय समुदायों के जलवायु लचीलेपन को बढ़ना। 

भारत की समुद्र तटीय स्थिति 

  • उल्लेखनीय है कि भारत की तटीय सीमा लगभग 7,500 किमी. लंबी है। देश के चार महानगरीय शहरों में से तीन तटीय शहर हैं।
  • भारत का तटीय क्षेत्र विश्व का सातवां सबसे लंबा तटीय क्षेत्र है। यहाँ देश की लगभग 20% जनसंख्या निवास करती है।
  • भारत के तटीय क्षेत्र में अत्यधिक जैव विविधता पाई जाती है। अनुमानत: यहाँ 17,000 से अधिक पैड-पौधें एवं जीव-जंतु पाए जाते हैं। 

नई आई-स्टेम पहल

चर्चा में क्यों

  • 5 सितंबर को एक नई भारतीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं इंजीनियरिंग सुविधाओं का खाका (Indian Science, Technology, Engineering facilities Map : I-STEM) पहल को लांच किया गया।
  • इसका उद्देश्य इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाएँ (Women  in Engineering, Science and Technology : WEST) के लिये एक विशेष अभियान प्रारंभ करना है।

प्रमुख बिंदु

  • आई-स्टेम एक राष्ट्रीय वेब पोर्टल है जिसे अनुसंधान उपकरण अथवा सुविधाओं को साझा करने के लिये विकसित किया गया है।
  • इसके तत्वावधान में शिक्षा और उद्योग जगत के बीच, विशेषकर स्टार्टअप में, अनुसंधान एवं विकास तथा तकनीकी नवाचार में सहयोग को बढ़ावा देने के लिये कई कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं।
  • महिलाएँ इस कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों, जैसे- प्रौद्योगिकी, तकनीक, विज्ञान और उद्यम में अनुसंधान तथा विकास में करियर बनाने के अवसरों की जानकारियां प्राप्त कर सकती हैं।
  • ये अवसर वैज्ञानिक उपकरणों के संचालन तथा उनकी देखरेख से लेकर, उनके डिज़ाइन और निर्माण तक में करियर विकल्प प्रदान करते हैं।

उद्देश्य

  • ये डब्ल्यू.ई.एस.टी. कार्यक्रम 'स्टेम' पृष्ठभूमि वाली महिलाओं के लिये है। यह उन्हें विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार पारितंत्र में योगदान देने के लिये सशक्त करेगा। 
  • आई-स्टेम वैज्ञानिक रूप से इच्छुक महिला शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के अग्रणी क्षेत्रों में अनुसंधान के लिये एक पृथक मंच प्रदान करेगा।
  • डब्ल्यू.ई.एस.टी. पहल के तहत कौशल विकास कार्यक्रम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पृष्ठभूमि वाली महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इनसे देश के आर.एंड डी. (R&D) इन्फ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण कमियों को दूर किया जा सकेगा। इससे एक करियर अंतराल के बाद इस क्षेत्र में महिलाओं की वापसी सुनिश्चित होगी।

कार्यक्रम का कार्यान्वयन

  • इसके माध्यम से परिष्कृत उपकरणों के रखरखाव और संचालन के लिये महिलाओं को एक उद्यमी के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।
  • महिलाओं को ऑनलाइन चर्चा और तत्काल समर्थन के लिये एक सहायता संघ ‘कनेक्ट क्विक्ली’ स्थापित किया गया है।

मज़्म-उल-बहरैन 

चर्चा में क्यों

हाल ही में, उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने मुगल राजकुमार दारा शिकोह के ‘मज़्म-उल-बहरैन’ का अरबी संस्करण जारी किया।

‘मज़्म-उल-बहरैन’

  • ‘मज़्म-उल-बहरैन’ का तात्पर्य है दो समुद्रों का संगम। यह पुस्तक 1654-55 में फारसी में एक संक्षिप्त ग्रंथ के रूप में लिखी गई थी। इसके हिंदी संस्करण को समुद्र संगम ग्रंथ कहा जाता है। 
  • यह दो धर्मों के बीच तुलनात्मक अध्ययन पर आधारित है और भारत के लोगों में एकता की भावना को मजबूत करने में मदद करती है।
  • इसमें दारा शिकोह ने हिंदू धर्म (वेदांत) और इस्लाम (सूफीवाद) के मध्य समानताओं को रेखांकित किया है। इससे वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इस्लाम और हिंदू धर्म के बीच केवल मौखिक अंतर है।

अतुल्य भारत देश मेरा

  • इस अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में ‘अतुल्य भारत देश मेरा’ गीत का भी विमोचन किया गया। 
  • श्री कृष्णा अधिकारी द्वारा लिखित इस गीत को नेपाल के मशहूर गजल गायक श्री आनंद कार्की ने गाया है।

दारा शिकोह 

  • दारा शिकोह मुगल बादशाह शाहजहाँ का सबसे बड़ा पुत्र और अपेक्षित उत्तराधिकारी था। वह एक विलक्षण प्रतिभा वाला व्यक्ति, एक कुशल कवि और संस्कृति का अध्येता था। उसने सामाजिक सौहार्द्र और धार्मिक एकता के लिये विभिन्न धर्मों के बीच विमर्श को बढ़ावा देने का प्रयास किया।
  • दारा रूढ़िवादी औरंगजेब के विपरीत एक उदार तथा व्यापक विचारों वाला मुसलमान था। वह कला का महान संरक्षक था। उसका झुकाव सैन्य गतिविधियों के बजाय दर्शन और रहस्यवाद की ओर अधिक था।

ऐतिहासिक विरासत

  • दारा शिकोह को पदशहज़ादा-ए-बुज़ुर्ग मर्तबा (उच्च रैंक का राजकुमार) की उपाधि से सम्मानित किया गया था। शाहजहाँ और उनकी बड़ी बहन राजकुमारी जहाँआरा बेगम ने उत्तराधिकारी के रूप में इसका समर्थन किया।
  • उसने भगवत गीता, योग वशिष्ठ और उपनिषदों जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथों का संस्कृत से फारसी में अनुवाद कराया। उपनिषदों का अनुवाद सिर्र-ए-अकबर नाम से किया गया। उसका मानना था कि उपनिषद और कुरान के 'अल-किताब अल-मकनून' (द हिडन बुक) में समानता है।
  • वर्ष 1657 में शाहजहाँ की बीमारी के बाद उत्तराधिकार का युद्ध हुआ। इसमें दारा को उसके छोटे भाई अबुल मुज़फ्फर मुहिउद्दीन मुहम्मद (औरंगजेब) ने पराजित किया था। वर्ष 1659 में औरंगजेब के आदेश पर उसे मृत्यु के घाट उतार दिया गया।

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