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शॉर्ट न्यूज़: 14-16 अगस्त, 2022 (पार्ट - 2)

शॉर्ट न्यूज़: 14-16 अगस्त, 2022 (पार्ट - 2)


आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) बिल, 2022

हिम ड्रोन-ए-थॉन कार्यक्रम

लैंग्या हेनिपावायरस (Langya Henipavirus)

बटरफ्लाई माइन 

लंपी स्किन डिजीज (lumpy skin disease)


आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) बिल, 2022

  • कैदियों की पहचान एक्ट, 1920 में पुलिस अधिकारियों को इस बात की अनुमति दी गई है कि वे अपराधियों और गिरफ्तार व्यक्तियों इत्यादि की पहचान योग्य सूचना (उंगलियों के निशान और पैरों की छाप) को जमा कर सकते हैं।
  • 28 मार्च, 2022 को लोकसभा में आपराधिक दंड प्रक्रिया (पहचान) बिल, 2022 को पेश किया गया। 
  • यह बिल कैदियों की पहचान एक्ट, 1920 का स्थान लेने का प्रयास करता है।

नए कानून की आवश्यकता क्यों ?

  • 1980 में भारतीय विधि आयोग ने 1920 के एक्ट की समीक्षा करते हुए कहा था कि अपराध की जांच की आधुनिक प्रवृत्तियों को देखते हुए इसमें संशोधन करने की जरूरत है।
  • मार्च 2003 में आपराधिक न्याय प्रणाली के सुधारों पर गठित एक्सपर्ट कमिटी ( डॉ. जस्टिस वी.एस. मलिमथ) ने 1920 के एक्ट में संशोधन का सुझाव दिया था ताकि मेजिस्ट्रेट को यह अधिकार दिया जा सके कि वह डीएनए के लिए खून के सैंपल, बाल, लार और सीमन जैसे डेटा को जमा करने के आदेश दे सके।

बिल की मुख्य विशेषताएं

  • बिल अपराध की जांच के लिए किसी व्यक्ति की पहचान योग्य सूचना को जमा करने की अनुमति देता है।
  • 1920 के एक्ट और 2022 के बिल, दोनों के तहत डेटा देने का विरोध करना या इससे इनकार करना, यह माना जाएगा कि एक लोकसेवक को अपना कर्तव्य निभाने से रोका जा रहा है, और यह एक अपराध होगा।

तालिका 

स्रोत: कैदियों की पहचान एक्ट, 1920; आपराधिक दंड प्रक्रिया (पहचान) बिल, 2022; पीआरएस

  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) रिकॉर्ड्स रखने वाली केंद्रीय एजेंसी होगी। 
  • इसके अतिरिक्त राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपने-अपने क्षेत्राधिकारों में उन एजेंसियों को अधिसूचित करेंगे जो डेटा जमा, उन्हें संरक्षित और साझा करेंगी। 
  • जमा किए जाने वाले डेटा को 75 वर्षों के लिए डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखा जाएगा। 
  • अगर किसी व्यक्ति को सभी अपीलों के बाद बरी कर दिया जाता है, या मुकदमे के बिना छोड़ दिया जाता है, तो उसके रिकॉर्ड्स को नष्ट कर दिया जाएगा। 
  • हालांकि ऐसे मामलों में अदालत या मेजिस्ट्रेट लिखित कारण बताने के बाद उस व्यक्ति के विवरणों को बरकरार रखने के निर्देश दे सकता है। 

किन व्यक्तियों का डेटा जमा किया जा सकता है?

  • बिल इस दायरे को बढ़ाता है कि किन लोगों का डेटा जमा किया जा सकता है। 
  • उदाहरण के लिए, इसमें ऐसे लोग शामिल हैं जिन्हें तेज या लापरवाही से गाड़ी चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया है और इसके लिए अधिकतम छह महीने की कैद की सजा है।

डेटा जमा करने का आदेश कौन दे सकता है?

बिल ने पुलिस अधिकारी के स्तर को भी कम कर दिया है जो पैमाइश (मेज़रमेंट) ले सकता है (सब-इंस्पेक्टर से हेड कांस्टेबल), और बिल जेल के हेड वॉर्डर को भी पैमाइश लेने की अनुमति देता है।

कौन सा डेटा जमा किया जा सकता है?

इसमें बायोमैट्रिक्स (उंगलियों के निशान, हथेलियों के निशान, पैरों की छाप, आइरिस और रेटिना स्कैन), फिजिकल और बायोलॉजिकल सैंपल (व्याख्या नहीं की गई है लेकिन इसमें खून, सीमन, लार इत्यादि शामिल हो सकते हैं) और व्यवहारगत विशेषताएं (दस्तखत, हैंडराइटिंग और इसमें वॉयस सैंपल शामिल हो सकते हैं) शामिल हैं। 

Question of the Day

प्रश्न 1. आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनो पर विचार कीजिए:

  1. इस अधिनियम के तहत माप लेने की अनुमति देने का विरोध या इनकार करने को भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के तहत अपराध माना जाएगा।
  2. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को भौतिक और जैविक नमूनों को संरक्षित रखने के लिए प्राधिकृत किया गया है और यह अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसी के साथ साझा नहीं किया जा सकता।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1     

(b) केवल 2 

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 न तो 2 

उत्तर : (a)

Source: Indian Express


हिम ड्रोन-ए-थॉन कार्यक्रम

  • 8 अगस्त, 2022 को भारतीय सेना द्वारा ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से हिम ड्रोन-ए-थॉन कार्यक्रम का अनावरण किया गया। 
  • इस कार्यक्रम को “मेक इन इंडिया इन डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग” के अनुरूप शुरू किया गया है। 
  • इसका उद्देश्य फ्रंटलाइन पर भारतीय सैनिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ड्रोन क्षमताओं का निर्माण करना है।

प्रोग्राम के बारे में

  • भारतीय सेना इस धारणा के आधार पर स्वदेशी ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन कर रही है कि ‘विश्व स्तर पर उपलब्ध सर्वोत्तम’ की तुलना में ‘स्वदेशी रूप से उपलब्ध अच्छा’ बेहतर है।
  • यह उद्योग, सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, शिक्षाविदों और ड्रोन उत्पाद निर्माताओं सहित सभी हितधारकों को जोड़ने का प्रयास करता है।
  • जमीनी परिप्रेक्ष्य और आवश्यकताओं और जमीनी परीक्षणों और ड्रोन उत्पादों के वास्तविक आचरण और मूल्यांकन को पहचानने के लिए विकास एजेंसियां ​​​​परिचालन स्थानों का दौरा करेंगी।
  • प्रारंभिक बिंदु के रूप में, निम्नलिखित श्रेणियों में विकास शामिल हैं: -
    • उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स / वजन ले जाने वाला ड्रोन।
    • स्वायत्त निगरानी / खोज एवं बचाव ड्रोन।
    • निर्मित क्षेत्रों में लड़ने के लिए माइक्रो/नैनो ड्रोन।
  • भारत ने घरेलू ड्रोन निर्माण को प्रोत्साहित करने, निवेश को बढ़ावा देने और घरेलू ड्रोन निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ड्रोन और उसके घटकों के आयात से परहेज किया है। 
  • विदेश व्यापार महानिदेशालय ने फरवरी, 2022 को विशिष्ट उद्देश्यों के लिए ड्रोन के आयात को छोड़कर, तत्काल प्रभाव से भारत में ड्रोन के आयात पर रोक अधिसूचित की थी।

Question of the Day

प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनो पर विचार कीजिये: 

  1. SVAMITVA योजना ड्रोन तकनीक पर निर्भर है। इस योजना का उद्देश्य केवल शहरों की मैपिंग करके दुनिया के सबसे बड़े ड्रोन मैपिंग ऑपरेशन को अंजाम देना है। 
  2. डिजिटल स्काई यात्रियों को उड़ान के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एक नवाचारी पहल है
  3. हरा भरा परियोजना ड्रोन का इस्तेमाल करके पेड़ लगाने से सम्बंधित पहल है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1     

(b) केवल 2 

(c) केवल 3  

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं नहीं 

उत्तर : (c)

Source: PIB


लैंग्या हेनिपावायरस (Langya Henipavirus)

  • जूनोटिक वायरस, लैंग्या, हाल ही में चीन में खोजा गया। 
  • यह एक प्रकार का हेनिपावायरस है, और इसे LayV भी कहा जाता है।
  •  यह चीन के शेडोंग और हेनान प्रांतों में पाया गया और अब तक 35 लोगों को संक्रमित कर चुका है।

हेनिपावायरस (Henipavirus)

  • हेनिपावायरस पैरामाइक्सोवायरस के परिवार से संबंधित हैं। 
  • इसके २ प्रकार की पहचान जूनोटिक के रूप में की गई है: हेंड्रा वायरस (HeV) और निपाह वायरस (NiV)। 
  • ये मनुष्यों और घोड़ों में गंभीर और अक्सर घातक बीमारी पैदा करते हैं।
  • घोड़ों में और फिर मनुष्यों में HeV संक्रमण पहली बार 1994 में ऑस्ट्रेलिया में दर्ज किया गया था। 
  • इसके विपरीत, NiV संक्रमण पहली बार सूअरों में और बाद में मनुष्यों में 1998 में मलेशिया में देखा गया था। 
  • फ्रूट बैट (फ्लाइंग फॉक्स) हेनिपावायरस के प्राकृतिक होस्ट हैं। 
  • मृत्यु दर NiV संक्रमण के लिए 40-70% और HeV के साथ 50% है।

लैंग्या वायरस 

  • लैंग्या जीनस, हेनिपावायरस से संबंधित हैं, जो पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से हैं। 
  • पैरामाइक्सोविरिडे, राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) वायरस का एक परिवार है।
  • यह नया वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंचा है। 
  • यह वायरस मुख्य रूप से शावकों में पाया जाता है।
  • बकरियों और कुत्तों जैसे घरेलू जानवरों में भी सेरोपोजीटिविटी का पता चला है।
  • हालाँकि अभी मानव से मानव संचरण की पुष्टि नहीं हुई है।

Question of the Day

प्रश्न 3. हेनिपावायरस के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनो पर विचार कीजिये: 

  1. कई प्रोटीनों को एनकोड करने की इनकी क्षमता जानवरों और मनुष्यों में जन्मजात प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को अवरुद्ध करने में इनको सक्षम बनाती है। 
  2. यह सिंगल स्ट्रेन्डेड आरएनए वायरस है जो मनुष्यों में प्रकोप का कारण बनते हैं । 
  3. सीडर (Cedar) वायरस, घाना के चमगादड़ के वायरस, और मोजियांग (Mojiang) वायरस मानव रोग का कारण नहीं हैं।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1, 2     

(b) केवल 2 

(c) केवल 1, 3  

(d) उपर्युक्त सभी 

उत्तर : (d)

Source: The Hindu


बटरफ्लाई माइन 

  • ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने अपने ख़ुफ़िया आकलन में, डोनेट्स्क और क्रामाटोर्स्क में रूसी सेना द्वारा PFM-१ श्रृंखला 'बटरफ्लाई माइन्स' के संभावित उपयोग पर चेताया है।
  • PFM-1 और PFM-1S  दो प्रकार की अमला-रोधी लैंडमाइंस  हैं जिन्हें आमतौर पर 'बटरफ्लाई माइंस' या 'ग्रीन पैरट' कहा जाता है। 
  • इनके बीच मुख्य अंतर यह है कि PFM-1S एक आत्म-विनाश तंत्र के साथ आता है जो एक से 40 घंटों के भीतर सक्रिय हो जाता है।

माइन बैन कन्वेंशन

  • लैंडमाइंस दो किस्मों में आती हैं: एंटी-कार्मिक और एंटी-व्हीकल माइंस। 
  • 1997 में अपनाई गई एंटी-कार्मिक माइन्स के उपयोग, स्टॉक, प्रोडक्शन और ट्रांसफर के निषेध और उनके विनाश पर कन्वेंशन के तहत एंटी-कार्मिक लैंडमाइन्स निषिद्ध हैं। 
  • रूस और यूक्रेन इसके हस्ताक्षरकर्ता नहीं हैं। 
  • हालांकि, पारंपरिक हथियारों पर कन्वेंशन के लिए 1996 का संशोधित प्रोटोकॉल-II है- लैंडलाइन प्रोटोकॉल- जिस पर रूस और यूक्रेन हस्ताक्षरकर्ता हैं।

Question of the Day

प्रश्न 4. बटरफ्लाई माइन के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनो पर विचार कीजिये: 

  1. सोवियत-अफगान युद्ध में PFM-1s के इस्तेमाल से बड़ी संख्या में बच्चों पर विनाशकारी प्रभाव हुआ था।
  2. इन माइंस का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि ये प्लास्टिक से बनी होती हैं और मेटल डिटेक्टर से बच सकती हैं।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?

(a) केवल 1     

(b) केवल 2 

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 न तो 2 

उत्तर : (d)

Source: Indian Express


लंपी स्किन डिजीज (lumpy skin disease)

  • गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में लंपी स्किन डिजीज यानि गांठदार त्वचा रोग का प्रसार देखने को मिल रहा है।
  • यूरोप के फूड सेफ्टी प्राधिकरण के मुताबिक यह मवेशियों में फैलने वाली एक वायरल बीमारी है।
  • यह संक्रमण पॉक्सविरिडे नाम के वायरस से होता है।
  • जेनेटिक रूप से इसे गोट पॉक्स और शीप पॉक्स वायरस परिवार से संबंधित माना जाता है। 
  • वर्ल्ड आर्गेनाईजेशन फॉर एनिमल हेल्थ (डब्ल्यूओएएच) के मुताबिक इस बीमारी में एक से लेकर पांच प्रतिशत तक की मृत्यु दर होती है।
  • यह खून पीने वाले मक्खियों, मच्छरों जैसे कीड़ों की कुछ प्रजातियों द्वारा फैलाया जाता है। 
  • इससे मवेशियों को बुखार होता है, त्वचा पर गांठें निकल आती हैं, दूध की मात्रा कम हो जाती है।
  • यह बीमारी कई अफ्रीकी देशों में और मध्य एशिया में मौजूद है। 
  • 2012 में यह मध्य एशिया होते हुए दक्षिण-पूर्वी यूरोप में भी फैल गई थी।
  • यूरोप में एक टीकाकरण कार्यक्रम से इसके प्रसार पर काबू पा लिया गया है, लेकिन 2019 से दक्षिण एशिया में भी इसके मामले सामने आए हैं।
  • भारत में इस समय इसके लिए गोट पॉक्स टीके का इस्तेमाल किया जा रहा है। 
  • सरकार ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए लंपी-प्रो वैकइंड (Lumpi-ProVacInd) नाम का नया टीका भी उपलब्ध करना शुरू किया है।
  • इस टीके का निर्माण राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार तथा भारतीय पशु चिकित्सा संस्थान इज्जतनगर ने मिल कर किया है।

Question of the Day

प्रश्न 5. लंपी स्किन डिजीज के सन्दर्भ निम्नलिखित कथनो पर विचार कीजिये: 

  1. डब्ल्यूओएएच के मुताबिक यह एक जूनोटिक बीमारी है।
  2. यह फ्रूट बैट की कुछ प्रजातियों द्वारा फैलाया जाता है। 

उपर्युक्त में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?

(a) केवल 1     

(b) केवल 2 

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 न तो 2 

उत्तर : (c)

Source: Indian Express


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