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शॉर्ट न्यूज़: 18 अप्रैल, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 18 अप्रैल, 2022


ई-डार पोर्टल

काला सागर

साइक्लोपियन दीवार


ई-डार पोर्टल

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ई-डार (e-Detailed Accident Report : e-DAR) नामक पोर्टल विकसित किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इसको एकीकृत सड़क दुर्घटना डटाबेस (Integrated Road Accident Database : iRAD) से जोड़ा जाएगा। 90% से अधिक आवेदनों को आई.आर.ए. डी. से सीधे इस पोर्टल पर भेज दिया जाएगा।
  • पुलिस, सड़क प्राधिकरणों, चिकित्सालयों आदि जैसे हितधारकों को ई-डी.ए.आर. फॉर्म के लिये बहुत कम जानकारी दर्ज करने की आवश्यकता होती है। ई-डी.ए.आर. इस प्रकार से आई.आर.ए.डी. का विस्तार और ई-संस्करण होगा।
  • इस पोर्टल को ‘वाहन’ (Vaahan) जैसे अन्य सरकारी पोर्टलों से जोड़ा जाएगा जिससे ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के पंजीकरण के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी।

जाँच में सहयोग 

  • यह पोर्टल दुर्घटनाग्रस्त वाहनों, दुर्घटना की तिथि और प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या की व्यापक छानबीन कर फर्जी दावों के खिलाफ जाँच करेगा।
  • यह पोर्टल मानचित्र के साथ दुर्घटना स्थल की सटीक जियो टैगिंग प्रदान करेगा। दुर्घटना स्थल का फोटो और वीडियो, क्षतिग्रस्त वाहनों, घायलों, प्रत्यक्षदर्शियों आदि का विवरण तुरंत इस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
  • राज्य पुलिस के अलावा, लोक निर्माण विभाग या स्थानीय निकाय के इंजीनियर को मोबाइल पर एक अलर्ट प्राप्त होगा और संबंधित अधिकारी जाँच करने तथा सड़क के डिजाइन जैसे आवश्यक विवरण को फीड करने के लिये दुर्घटनास्थल का दौरा करेगा।
  • इसके माध्यम से दुर्घटनाओं से बचाव और सुरक्षा समाधान के लिये ‘दुर्घटना हॉटस्पॉट’ की पहचान भी की जाएगी।
  • बीमा कंपनियों के परामर्श से डिज़ाइन किया गया यह वेब पोर्टल सड़क दुर्घटनाओं पर तत्काल जानकारी प्रदान करेगा और दुर्घटना मुआवजे के दावों में तेजी लाने में मदद करेगा।


काला सागर

चर्चा में क्यों

हाल ही में, रूसी युद्धपोत मास्कोवा के काला सागर में डूबने के कारण यह पुन: चर्चा में है।

प्रमुख बिंदु

  • यूक्रेन का दावा है कि उसके मिसाइल हमले के कारण रूसी युद्धपोत काला सागर में डूब गया है, जबकि रूस ने इस दावे को ख़ारिज कर दिया है।

black-sea

  • काला सागर उत्तर और उत्तर-पश्चिम में यूक्रेन, पूर्व में रूस और जॉर्जिया, दक्षिण में तुर्की और पश्चिम में बुल्गारिया और रोमानिया से घिरा जल निकाय है।
  • यह बॉस्फोरस जलडमरूमध्य के माध्यम से मरमरा सागर और आगे डार्डानेल्स जलडमरूमध्य के माध्यम से एजियन सागर से जुड़ा है। विदित है कि तुर्की जलडमरूमध्य को ‘काला सागर जलडमरूमध्य’ भी कहते हैं। इसमें बोस्पोरस (इस्तांबुल) जलडमरूमध्य और डार्डानेल्स (गैलीपोली) जलडमरूमध्य शामिल है।
  • रूस के लिये काला सागर, भूमध्य सागर तक पहुँचने के लिये एक प्रवेश द्वार है। साथ ही, यह रूस व नाटों के मध्य एक बफ़र का भी कार्य करता है।
  • काला सागर बेड़े को वर्ष 1783 में स्थापित किया गया था। इसमें काला सागर, एज़ोव सागर और पूर्वी भूमध्य सागर में रूसी नौसेना के युद्धपोत शामिल हैं। इसका मुख्यालय क्रीमिया प्रायद्वीप पर स्थित प्रमुख बंदरगाह सेवस्तोपोल में है। 
  • सोवियत संघ के पतन के बाद क्रीमिया यूक्रेन का हिस्सा बन गया। हालाँकि, रूसी नौसेना ने दोनों देशों के बीच एक समझौते के तहत सेवस्तोपोल में अपना  सैन्य आधार बनाए रखा। 

साइक्लोपियन दीवार

चर्चा में क्यों

हाल ही में,  बिहार सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को राजगीर में स्थित 2,500 वर्ष  से अधिक पुरानी ‘साइक्लोपियन दीवार’ को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध करने के लिये एक नया प्रस्ताव भेजा है।

प्रमुख बिंदु

  • राजगीर की साइक्लोपियन दीवार पत्थर की एक 40 किमी लंबी दीवार है, जिसे प्राचीन शहर राजगीर को बाहरी दुश्मनों और आक्रमणकारियों से बचाने के लिये तीसरी शताब्दी ई. पू. से पूर्व निर्मित किया गया था।
  • मान्यताओं के अनुसार, इस दीवार की नींव बृहद्रथपुरी (वर्तमान राजगीर) के राजा बृहद्रथ ने राज्य की सुरक्षा के लिये रखी थी। बाद में उनके पुत्र सम्राट जरासंध ने इसे पूरा कराया। 
  • अन्य इतिहासकारों के अनुसार, यह दीवार पूर्व-मौर्यकालीन इतिहास का गवाह रही है। बिहार के पुरातत्व विभाग के अनुसार, यह दीवार दुनिया में विशाल साइक्लोपियन चिनाई के सबसे पुराने उदाहरणों में से एक है
  • यह दीवार रोमन साम्राज्य की उन सीमाओं के समान है, जो जर्मनी, यू.के. और उत्तरी आयरलैंड से होकर गुजरती है। इसे वर्ष 1987 में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था।
  • उल्लेखनीय है कि बिहार के दो स्थलों- नालंदा महाविहार तथा बोधगया के महाबोधि मंदिर को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल किया जा चुका है।

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