शॉर्ट न्यूज़: 18 अगस्त, 2022
दस्तावेज़ पहचान संख्या
गन्ने के मूल्य में संशोधन
दस्तावेज़ पहचान संख्या
चर्चा में क्यों
हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य वस्तु एवं सेवा कर कार्यालयों द्वारा भेजे गए सभी नोटिसों पर दस्तावेज़ पहचान संख्या (DIN) का उल्लेख सुनिश्चित करने के लिये वस्तु एवं सेवा कर परिषद को सभी राज्यों को सलाह जारी करने का निर्देश दिया है।
प्रमुख बिंदु
- डी.आई.एन. (Document Identification Number) एक 20-अंकीय पहचान कोड है जो सरकार द्वारा करदाताओं को भेजे जाने वाले प्रत्येक संदेश पर उल्लिखित होता है।
- वर्ष 2019 में सी.बी.आई.सी. (CBIC) ने निर्दिष्ट किया था कि जाँच प्राधिकरण, सम्मन, गिरफ्तारी मेमो और निरीक्षण नोटिस सहित सभी संचारों के साथ एक डी.आई.एन. होगा, जिसे बाद में अन्य संचारों के लिये भी विस्तारित किया गया था किंतु कई राज्यों ने इसे लागू नहीं किया था।
- वर्तमान में केवल कर्नाटक और केरल ही डी.आई.एन. के साथ नोटिस जारी कर रहे हैं।
लाभ
- राज्यों द्वारा डी.आई.एन. प्रणाली के कार्यान्वयन से नोटिस भेजने की पूरी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने तथा उत्पीड़न के रुकने की संभावना है।
- सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार, यह व्यापक जनहित में होगा और सुशासन को बढ़ावा देने के साथ ही अप्रत्यक्ष कर प्रशासन में पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
गन्ने के मूल्य में संशोधन
चर्चा में क्यों
हाल ही में, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गन्ने के लिये ‘उचित एवं लाभकारी मूल्य’ (Fair and Remunerative Price : FRP) में वृद्धि की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- चीनी विपणन वर्ष 2022-23 के लिये गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य में 15 रूपए/क्विंटल की वृद्धि की गई है। इस प्रकार, अब गन्ने का मूल्य 305 रूपए/क्विंटल हो गया है।
- उल्लेखनीय है कि चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर-सितंबर होता है।
- यह राशि 10.25% मूल चीनी रिकवरी दर वाले गन्ने की फसल के लिये है। केंद्र सरकार ने चीनी की रिकवरी में 10.25% से अधिक की प्रत्येक 0.1% की वृद्धि के लिये ₹3.05 प्रति क्विंटल के प्रीमियम और प्रत्येक 0.1% की कमी के लिये एफ़.आर.पी. में ₹3.05 प्रति क्विंटल की कमी की भी घोषणा की है।
- विदित है कि वर्ष 2022-23 के लिये गन्ने के उत्पादन की वास्तविक भुगतान लागत और पारिवारिक श्रम (A2 + FL) का आरोपित मूल्य ₹162 प्रति क्विंटल आकलित की गई है।
- मूल्य वृद्धि का निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs and Prices : CACP) की एक सिफारिश पर आधारित है।
- सलाहकारी निकाय होने के कारण इसकी सिफारिशें सरकार के लिये बाध्यकारी नहीं हैं।
- एफ़.आर.पी. वह न्यूनतम मूल्य है जिसके आधार पर चीनी मिलों द्वारा किसानों से गन्ने की फसल की खरीद की जाती है। इसकी घोषणा आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा की जाती है।
- एफ़.आर.पी. गन्ना उद्योग के पुनर्गठन को लेकर रंगराजन समिति की रिपोर्ट पर आधारित है।
- इसका भुगतान आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत जारी गन्ना नियंत्रण आदेश, 1966 द्वारा नियंत्रित होता है।
- गौरतलब है कि गन्ने के अतिरिक्त अन्य कई फसलों के लिये सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की जाती है।
गन्ना उत्पादन के लिये अनुकूल परिस्थितियां
- तापमान : उष्ण और आर्द्र जलवायु में 21 से 27°C के मध्य।
- मृदा का प्रकार : मोटी परत वाली उर्वरा दोमट मृदा।
- इसे बलुई दोमट से लेकर चिकनी दोमट मिट्टी तक सभी प्रकार की मृदा में उगाया जा सकता है।
- इसके लिये अच्छी जल निकासी वाली मृदा उपयुक्त होती है।
- वर्षा : लगभग 75 से 100 सेमी
- शीर्ष गन्ना उत्पादक राज्य : उत्तर प्रदेश> महाराष्ट्र> कर्नाटक> तमिलनाडु> बिहार।
- महाराष्ट्र पांच वर्ष बाद उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ते हुए एक बार फिर भारत का शीर्ष चीनी उत्पादक राज्य बन गया है।
- वैश्विक उत्पादन : ब्राज़ील के बाद भारत गन्ने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- गन्ना चीनी, गुड़, खांडसारी, शोरा और राब का मुख्य स्रोत है।
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