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शॉर्ट न्यूज़: 18 जुलाई, 2022 (पार्ट - 2)

शॉर्ट न्यूज़: 18 जुलाई, 2022 (पार्ट - 2)


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

मरम्मत का अधिकार

असंसदीय शब्द

काउंटरिंग अमेरिकाज़ एडवर्सरज़ थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA)


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

चर्चा में क्यों ?

  • आंध्र प्रदेश ने मौजूदा खरीफ सीजन से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में फिर से शामिल होने का फैसला किया है। 
  • आंध्र प्रदेश उन छह राज्यों में से एक है, जिन्होंने पिछले चार वर्षों से इस योजना को लागू करना बंद कर दिया था। 
  • अन्य पाँच राज्य बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, झारखंड और तेलंगाना हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में 

  • सरकार ने वर्ष 2016 के खरीफ सीजन से इस योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत अधिसूचित क्षेत्रों में ‘अधिसूचित फसल’ उगाने वाले बटाईदार और काश्तकार किसानों सहित सभी किसान कवरेज के लिये पात्र हैं।
  • प्रारंभिक योजना में, बीमांकित प्रीमियम दर और किसानों द्वारा देय बीमा प्रीमियम की दर के बीच के अंतर, जिसे सामान्य प्रीमियम सब्सिडी की दर कहा जाता है, को केंद्र और राज्यों के बीच समान रूप से साझा किया जाना था। 
  • हालाँकि, राज्य व केंद्र शासित प्रदेश अपने बजट से सामान्य सब्सिडी के अलावा अतिरिक्त सब्सिडी देने के लिये स्वतंत्र हैं। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्यों में बीमा किस्त सब्सिडी का 90% हिस्सा वहन करती है।

योजना से संबंधित प्रमुख प्रावधान:

  • वर्ष 2016 में PMFBY को लॉन्च किया गया तथा इसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रशासित किया जा रहा है।
  • उद्देश्य: फसल के खराब होने की स्थिति में एक व्यापक बीमा कवर प्रदान करना ताकि किसानों की आय को स्थिर करने में मदद मिल सके।
  • क्षेत्र/दायरा: वे सभी खाद्य और तिलहनी फसलें तथा वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी फसलें, जिनके लिये पिछली उपज के आँकड़े उपलब्ध हैं।
  • बीमा किस्त: इस योजना के तहत किसानों द्वारा दी जाने वाली निर्धारित बीमा किस्त/प्रीमियम- खरीफ की सभी फसलों के लिये 2% और सभी रबी फसलों के लिये 1.5% है। वार्षिक वाणिज्यिक तथा बागवानी फसलों के मामले में बीमा किस्त 5% है। 
  • कार्यान्वयन: इसका कार्यान्वयन पैनल में शामिल सामान्य बीमा कंपनियों द्वारा किया जाता है। कार्यान्वयन एजेंसी (IA) का चयन संबंधित राज्य सरकार बोली के माध्यम से करती है।
  • संशोधित PMFBY: संशोधित PMFBY को अक्सर PMFBY 2.0 कहा जाता है, इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:
    • पूर्ण रूप से स्वैच्छिक: वर्ष 2020 के खरीफ सीज़न से यह सभी किसानों हेतु वैकल्पिक है। 
    • केंद्रीय सब्सिडी की सीमा: फरवरी 2020 में, केंद्र ने अपनी प्रीमियम सब्सिडी को असिंचित क्षेत्रों के लिए 30% और सिंचित क्षेत्रों के लिए 25% तक सीमित करने का निर्णय लिया। पहले केंद्रीय सब्सिडी की कोई ऊपरी सीमा नहीं थी। 

    Question of the Day

    प्रश्न 1 : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :

    1. इसके तहत प्रीमियम की पूरी राशि का भुगतान केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वहन किया जाता है।
    2. यह फसलों की बुवाई पूर्व से कटाई पश्चात तक सभी गैर-रोकथाम योग्य प्राकृतिक जोखिमों के खिलाफ बीमा कवर प्रदान करता है।
    3. वार्षिक वाणिज्यिक फसलों में होने वाली क्षति को बीमा कवरेज से बाहर रखा गया है।

    उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

    (a) केवल 1 और 3

    (b) केवल 2 

    (c) केवल 1 और 2

    (d) 1, 2 और 3 

    उत्तर : (b)

    Source: Indian Express


    बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

    चर्चा में क्यों ?

    • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, को अब पूरे देश में विस्तारित किया जाएगा। 
    • महिला सशक्तिकरण समिति ने दिसंबर 2021 में लोकसभा में ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के विशेष संदर्भ में शिक्षा के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण’ पर अपनी पाँचवी रिपोर्ट पेश की। 
    • इसमें कहा गया है कि बीबीबीपी योजना के बजट का लगभग 80 प्रतिशत धन विज्ञापन के लिये उपयोग किया गया है, न कि महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रीय हस्तक्षेपों पर। 
    • समिति ने कहा था कि योजना का प्रदर्शन राज्यों में ठीक नहीं रहा है तथा धन के कम व अनुचित उपयोग पर निराशा व्यक्त की।

    BBBP योजना के बारे में:

    • इसकी शुरूआत प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से की थी।
    • यह महिला सशक्तिकरण के लिये एक प्रमुख कार्यक्रम है जो बालिकाओं की शिक्षा और लिंगानुपात में सुधार पर केंद्रित है। 
    • यह कार्यक्रम वर्तमान में 405 जिलों में परिचालित है। 
    • यह योजना तीन मंत्रालयों महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।

    मुख्य उद्देश्य:

    • इसे लिंग चयनात्मक गर्भपात और गिरते बाल लिंग अनुपात को संबोधित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था (2011: 1,000/918)
    • बालिकाओं के अस्तित्व और सुरक्षा को सुनिश्चित करना।
    • बालिकाओं के लिये शिक्षा की उचित व्यवस्था तथा उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना।
    • बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा करना।

    Question of the Day

    प्रश्न 2. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :

    1. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2015 में हरियाणा के पानीपत से की गई थी।
    2. इसका उद्देश्य घटते बाल लिंगानुपात तथा महिलाओं से संबंधित अन्य समस्याओं को हल करना है।
    3. यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का एक द्वि-मंत्रालयी प्रयास है।

    उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

    (a) केवल 1 और 3

    (b) केवल 2 

    (c) केवल 1 और 2

    (d) 1, 2 और 3 

    उत्तर : (c)

    Source: Indian Express


    मरम्मत का अधिकार

    चर्चा में क्यों ?

    • मरम्मत के अधिकार पर ‘व्यापक रूपरेखा’ विकसित करने के लिये गठित एक सरकारी समिति ने अपनी पहली बैठक की और इसे लागू करने के लिये ‘महत्वपूर्ण क्षेत्रों’ की पहचान की। 
    • समिति की अध्यक्षता उपभोक्ता मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव निधि खरे कर रही हैं।
    • जिन क्षेत्रों की पहचान की गई है उनमें कृषि उपकरण, मोबाइल फोन / टैबलेट, ऑटोमोबाइल / ऑटोमोबाइल उपकरण शामिल हैं।

    मरम्मत का अधिकार के बारे में 

    • इस आंदोलन की शुरुआत 1950 के दशक में कंप्यूटर युग से मानी जाती हैं। 
    • इस कानून के तहत, निर्माताओं को अपने वाहनों की मरम्मत के लिए किसी को भी अनुमति देने के लिए आवश्यक दस्तावेज और जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता थी। 
    • आंदोलन का लक्ष्य कंपनियों द्वारा स्पेयर पार्ट्स, टूल्स की जानकारी उपलब्ध कराना है जिससे ग्राहकों के पास उपलब्ध उपकरणों की मरम्मत की जाए तथा उत्पादों का जीवनकाल बढ़ाया जा सके। 
    • कानून में न केवल हार्डवेयर बल्कि डिवाइस की बैटरी, मेमोरी और प्रोसेसिंग पावर भी शामिल होगी।

    भारत में मरम्मत का अधिकार:

    • वर्तमान में भारत में 'मरम्मत के अधिकार' से संबंधित कोई कानून या प्रावधान नहीं है। इस संबंध में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के शमशेर कटारिया बनाम होंडा सिएल कार्स इंडिया लिमिटेड के मामले में दिये फैसले को एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में माना जाता है। 
    • इसमें 14 ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के  केवल अधिकृत डीलरों को, न कि स्वतंत्र बाजारों को स्पेयर पार्ट्स बेचकर प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं में शामिल होने और अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के लिये उत्तरदायी ठहराया गया था।
    • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(9) में 'मरम्मत का अधिकार' निहित कहा जा सकता है। 
    • यह उपभोक्ताओं को अधिक जागरूक बनाएगा, पहले से ही निहित अधिकार के लिए शक्ति प्रदान करेगा और विभिन्न हितधारकों पर मरम्मत से संबंधित दायित्व को आगे बढ़ाने में सहायता करेगा।

    अन्य देशों में प्रावधान:

    • यूके में मरम्मत का अधिकार कानून 1 जुलाई, 2021 को लागू हुआ जिसने निर्माताओं के लिए अनिवार्य बना दिया की उपभोक्ताओं और तीसरे पक्ष के मरम्मत तकनीशियनों के लिए पुर्जे उपलब्ध कराएं।
    • मैसाचुसेट्स मोटर व्हीकल ओनर्स राइट टू रिपेयर एक्ट, 2012 के तहत ऑटोमोबाइल निर्माताओं और यहां तक कि स्वतंत्र थर्ड-पार्टी मैकेनिक्स को स्पेयर पार्ट्स और डायग्नोस्टिक्स खरीदारों को प्रदान करने की आवश्यकता है।
    • फ्रांस में निर्माताओं को अपने उत्पादों पर एक मरम्मत योग्यता सूचकांक प्रदर्शित करने की आवश्यकता होती है।

    Question of the Day

    प्रश्न 3. ‘मरम्मत का अधिकार’ के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :

    1. यह विचार मूल रूप से यूएसए से उत्पन्न हुआ किंतु इसे सर्वप्रथम जापान में लागू किया गया है।
    2. भारत में खरे समिति का गठन इस अधिकार के संबंध में ‘व्यापक रूपरेखा’ विकसित करने के लिये किया गया है।

    उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

    (a) केवल 1 

    (b) केवल 2

    (c) 1 और 2 दोनों 

    (d) न तो 1, न ही 2

    उत्तर : (b)

    Source: Indian Express


    असंसदीय शब्द

    चर्चा में क्यों ?

    • मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले, लोकसभा सचिवालय ने संसद में इस्तेमाल होने के लिए अनुपयुक्त माने जाने वाले 50 पृष्ठों से अधिक शब्दों की एक पुस्तिका जारी की।
    • सूची में ऐसे शब्द और वाक्यांश शामिल हैं जिनकी भारतीय संसद, विभिन्न राज्य विधानसभाओं और कई देशों की संसदों में अनुमति नहीं है।
    • सूची में वे शब्द भी शामिल हैं जिन्हें पिछले वर्षों के दौरान लोकसभा और राज्यसभा दोनों के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है।

     इससे संबंधित नियम :

    • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 105 (2) में कहा गया है कि "संसद का कोई भी सदस्य संसद या उसकी किसी समिति में उसके द्वारा कही गई किसी भी बात या दिए गए वोट के संबंध में किसी भी अदालत में किसी भी कार्यवाही के लिये उत्तरदायी नहीं होगा"।
    • एक सांसद जो कुछ भी कहता है वह संसद के नियमों के अनुशासन, सदस्यों की "अच्छी समझ" और अध्यक्ष द्वारा कार्यवाही के नियंत्रण के अधीन होता है। ये जांच सुनिश्चित करती हैं कि सांसद सदन के अंदर "अपमानजनक या अभद्र या अशोभनीय या असंसदीय शब्दों" का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
    • लोकसभा प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों के नियम 380 के अनुसार ‘यदि अध्यक्ष की यह राय है कि वाद-विवाद में ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया है जो मानहानिकारक या अभद्र या असंसदीय या अशोभनीय हैं, तो अध्यक्ष विवेकाधिकार का प्रयोग करते हुए ऐसे शब्दों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिये जाने का आदेश दे सकते हैं।‘
    • लोकसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालक विषयक नियम 381 के अनुसार, "सदन की कार्यवाही का वह भाग जो समाप्त हो गया है, तारांकन द्वारा चिन्हित किया जाएगा और कार्यवाही में एक व्याख्यात्मक टीका (Explanatory Footnote) इस प्रकार डाला जाएगा: 'अध्यक्ष द्वारा आदेशित’।"
    • अंग्रेजी और भारतीय दोनों भाषाओं में हजारों की संख्या में ऐसे वाक्यांश और शब्द हैं, जिन्हें "असंसदीय" माना जाता है। पीठासीन अधिकारियों - लोकसभा अध्यक्ष और राज्य सभा अध्यक्ष को ऐसे शब्दों को संसद के रिकॉर्ड से बाहर रखने का कार्य सौंपा गया है।

    असंसदीय शब्दावली निषेध संबंधी पुस्तक :

    • इस पुस्तक को पहली बार वर्ष 1999 में संकलित किया गया था। इसमें स्वतंत्रता से पूर्व केंद्रीय विधानसभा, भारत की संविधान सभा, अंतरिम संसद, लोकसभा तथा राज्यसभा में पहली बार असंबद्ध घोषित किये गए बहस और वाक्यांशों के संदर्भ शामिल किये गए थे।
    • इस संदर्भ में सहायता हेतु लोकसभा सचिवालय ने वर्ष 2004 में एक नए संस्करण के अंतर्गत ‘असंसदीय अभिव्यक्तियाँ (Unparliamentary Expressions)’ शीर्षक से एक नियमावली प्रकाशित की।
    • राज्य विधानमंडलों को भी मुख्य रूप से इसी पुस्तक द्वारा निर्देशित किया जाता है।

    Question of the Day

    प्रश्न 4. संसदीय सदस्यों के विशेषाधिकारों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :

    1. संसद सदस्यों को यह विशेषाधिकार अनुच्छेद 19 में दिये गए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रावधानों के तहत दिया गया है। 
    2. सदन के विशेषाधिकार के हनन के मामलों का परीक्षण लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत पंद्रह सदस्यीय समिति द्वारा लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से किया जाता है।
    3. संसद एवं राज्य विधानमंडल के सदनों, सदस्यों तथा समितियों को प्राप्त विशेषाधिकार उन्मुक्तियों का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 105 और 194 में  किया गया है।

    उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

    (a) केवल 1 और 3

    (b) केवल 2 

    (c) केवल 1 और 2

    (d) 1, 2 और 3 

    उत्तर : (d)

    Source: Indian Express


    काउंटरिंग अमेरिकाज़ एडवर्सरज़ थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA)

    चर्चा में क्यों ?

    • संयुक्त राज्य अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव ने नेशनल डिफेंस ऑथराइज़ेशन एक्ट (NDAA) में संशोधन को मंज़ूरी दी है, जिसमें काउंटरिंग अमेरिकाज़ एडवर्सरज़ थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) के तहत भारत को प्रतिबंधों के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव किया गया है।

    प्रस्तावित संशोधन:

    • संशोधन अमेरिकी प्रशासन से आग्रह करता है कि वह चीन जैसे हमलावरों को रोकने में मदद करने हेतु भारत को काउंटरिंग अमेरिकाज़ एडवर्सरीज़ थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) के तहत छूट प्रदान करने के लिये अपने अधिकार का उपयोग करे।
    • कानून में कहा गया है कि महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर संयुक्त राज्य अमेरिका-भारत पहल (ICET) ,कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, जैव प्रौद्योगिकी, एयरोस्पेस तथा अर्द्धचालक विनिर्माण में नवीनतम प्रगति को संबोधित करने के लिये दोनों देशों में सरकारों, शिक्षाविदों एवं उद्योगों के बीच घनिष्ठ साझेदारी विकसित करने हेतु एक स्वागत योग्य और आवश्यक कदम है।

    CAATSA

    • CAATSA एक अमेरिकी कानून है जिसे वर्ष 2017 में लागू किया गया था तथा इसका मुख्य उद्देश्य दंडनीय उपायों के माध्यम से ईरान, रूस और उत्तर कोरिया की आक्रामकता का सामना करना है।
    • शीर्षक II मुख्य रूप से यूक्रेन में रूस के सैन्य हस्तक्षेप और वर्ष 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में इसके कथित हस्तक्षेप की पृष्ठभूमि में इसके तेल और गैस उद्योग, रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्र, वित्तीय संस्थानों जैसे रूसी हितों पर प्रतिबंधों से संबंधित है।
    • अधिनियम की धारा 231 अमेरिकी राष्ट्रपति को रूसी रक्षा और खुफिया क्षेत्रों के साथ "महत्त्वपूर्ण लेन-देन" में लगे व्यक्तियों पर अधिनियम की धारा 235 में उल्लिखित 12 सूचीबद्ध प्रतिबंधों में से कम-से-कम पाँच प्रतिबंधो को आरोपित  करने का अधिकार देती है।

    प्रतिबंध जो भारत को प्रभावित कर सकते हैं

    • केवल दो प्रतिबंध ऐसे हैं जो भारत-रूस संबंधों या भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं।
    • बैंकिंग लेन-देन का निषेध: इसका परिणाम यह होगा कि भारत के लिये एस-400 सिस्टम की खरीद हेतु रूस को अमेरिकी डॉलर में भुगतान करने में कठिनाई होगी। यह भारत की स्पेयर पार्ट्स, घटकों, कच्चे माल और अन्य सेवाओं की खरीद को भी प्रभावित करेगा।
    • निर्यात मंज़ूरी: यह अमेरिका द्वारा नियंत्रित किसी भी वस्तु के लाइसेंस एवं निर्यात को अस्वीकार कर देगा।

    छूट मानदंड:

    • अमेरिकी राष्ट्रपति को वर्ष 2018 में ‘केस-बाइ-केस’ आधार पर CAATSA प्रतिबंधों को माफ करने का अधिकार दिया गया।

    Question of the Day

    प्रश्न 5. S-400 ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :

    1. यह रूस द्वारा डिज़ाइन हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है।
    2. यह 30 किमी. की ऊँचाई पर 400 किमी. की सीमा के भीतर बैलिस्टिक तथा क्रूज़ मिसाइलों सहित सभी प्रकार के हवाई लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम है।

    उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

    (a) केवल 1 

    (b) केवल 2 

    (c) 1 और 2 दोनों 

    (d) न तो 1, न ही 2

    उत्तर : (b)

    Source: Indian Express


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