New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

शॉर्ट न्यूज़: 21 जुलाई, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 21 जुलाई, 2022


अन्य पिछड़ा वर्ग उप-वर्गीकरण आयोग

जी.एस.टी. नियमों में प्रक्रियात्मक बदलाव


अन्य पिछड़ा वर्ग उप-वर्गीकरण आयोग

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी की अध्यक्षता में गठित अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) उप-वर्गीकरण जाँच आयोग का कार्यकाल 31 जनवरी, 2023 तक बढ़ा दिया है। यह इसका 13वां विस्तार है। 

ओ.बी.सी. के उप-वर्गीकरण का कारण  

  • ओ.बी.सी. समूह के अंतर्गत सभी उप-वर्गों को उचित आरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से उप-वर्गीकरण पर विचार किया जा रहा है।
  • केंद्र सरकार के तहत ओ.बी.सी. वर्ग को सेवाओं और शिक्षा में 27% आरक्षण प्रदान किया जाता है। उप-वर्गीकरण से सभी ओ.बी.सी. समुदायों का सामान रूप से प्रतिनिधित्त्व सुनिश्चित होगा।   
  • इस अवधारणा का आधार यह है कि ओ.बी.सी. की केंद्रीय सूची में शामिल 2,600 से अधिक समुदायों में से केवल कुछ संपन्न समुदायों द्वारा ही आरक्षण का लाभ उठाया जा रहा है।
  • सितंबर 2021 में उच्चतम न्यायालय की एक संविधान पीठ ने आरक्षण के लिये अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के उप-वर्गीकरण पर बहस को पुनर्जीवित कर दिया है।

आयोग के कार्यों का संक्षिप्त विवरण

  • केंद्र सरकार ने 2 अक्टूबर, 2017 को संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के उप-वर्गीकरण से संबंधित मुद्दों की जाँच के लिये इस आयोग का गठन किया था। 
  • यह आयोग मूलत: तीन संदर्भों के साथ स्थापित किया गया था-
  • अन्य पिछड़ा वर्ग की व्यापक श्रेणियों में शामिल जातियों या समुदायों के बीच आरक्षण के लाभों के असमान वितरण की जाँच करना।
  • ओ.बी.सी. के अंतर्गत उप-वर्गीकरण के लिये ढाँचा, कसौटी, मानदंड और पैरामीटर हेतु वैज्ञानिक दृष्टिकोण तैयार करना।
  • अन्य पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में संबंधित जातियों या समुदायों या उप-जातियों या समानार्थक शब्दों की पहचान करना और उन्हें संबंधित उप-श्रेणियों में वर्गीकृत करना। 
  • जनवरी 2020 में इसमें अलग से चौथा टर्म जोड़ा गया।
  • किसी भी प्रकार की पुनरावृत्ति, अस्पष्टता, विसंगतियों, वर्तनी या प्रतिलेखन की त्रुटियों का अध्ययन करना एवं सुधार की सिफारिश करना।

चुनौतियाँ 

  • जनसंख्या के अनुपात में विभिन्न समुदायों की सेवाओं और स्कूलों में प्रवेश में उनके प्रतिनिधित्व के साथ तुलना करने के लिये डाटा का अभाव।
  • ओ.बी.सी. की जाति-वार आबादी का अनुमान लगाने के लिये प्रस्तावित अखिल भारतीय सर्वेक्षण हेतु उपयुक्त बजट का आभाव।

जी.एस.टी. नियमों में प्रक्रियात्मक बदलाव

चर्चा में क्यों

हाल ही में, केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) नियमों में कुछ प्रक्रियात्मक बदलावों को अधिसूचित किया है।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिये वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा सहित जी.एस.टी. नियमों में कुछ प्रक्रियात्मक परिवर्तनों को अधिसूचित किया है।
  • केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा अधिसूचित संशोधनों के अनुसार व्यवसायों को भी तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) और एकीकृत भुगतान प्रणाली (UPI) जैसे भुगतान मोड का उपयोग कर जी.एस.टी. नेटवर्क पोर्टल पर कर भुगतान करने की अनुमति दी गई है।
  • इससे छोटे व्यापारियों पर अनुपालन बोझ में कमी आएगी।
  • विगत वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ रुपए तक के कुल वार्षिक कारोबार वाले व्यवसायों को संशोधित नियमों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 के लिये वार्षिक रिटर्न दाखिल करने से छूट दी गई है।


Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR