22-Nov-2021
डिजिटल लेंडिंग पर भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यकारी समूह (WG) ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तथा मोबाइल ऐप के माध्यम से ऋण देने सहित इस तरह के ऋणों की निगरानी के लिये एक अलग विधि बनाने तथा डिजिटल लेंडिंग ऐप्स की जाँच के लिये एक नोडल एजेंसी के गठन की सिफारिश की है।
22-Nov-2021
हाल ही में, प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष पारित तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की है। कानूनों को निरस्त करने की विधायी प्रक्रिया आगामी शीतकालीन सत्र में पूरी होगी। किसी कानून को निरस्त करना उस कानून को रद्द करने का एक तरीका है।
22-Nov-2021
हाल ही में, प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के झाँसी और महोबा ज़िलों में विभिन्न योजनाओं व परियोजनाओं का शुभारंभ किया।
22-Nov-2021
हाल ही में, महाराष्ट्र की आदिवासी महिला श्रीमती राहीबाई पोपरे को ग्रामीण स्तर पर 154 किस्म की देशज बीज प्रजातियों (Landraces) के संरक्षण के लिये पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इन्हें ‘बीज माता’ या ‘सीड मदर’ के नाम से भी जाना जाता है।
22-Nov-2021
अफगानिस्तान की नाटकीय पारिस्थितियों ने उसके पडोसी देशों की भू-रणनीतिक तथा भू-आर्थिक चिंताओं को उत्प्रेरित किया है। इस संदर्भ में भारत ने मध्य एशिया और काकेशस देशों के साथ अपने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय संबंधों को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता महसूस की है।
22-Nov-2021
हाल ही में, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के कार्यान्वयन की निगरानी करने वाले दो संगठनों; पीपुल्स एक्शन फॉर एम्प्लॉयमेंट गारंटी’ (PEAG) और ‘लिबटेक इंडिया’ ने सरकार के प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS डाटा का उपयोग करके मनरेगा ट्रैकर नामक रिपोर्ट जारी की है।
20-Nov-2021
अमेरिका- चीन के मध्य बढ़ती रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के कारण हिंद-प्रशांत क्षेत्र ने एक उल्लेखनीय महत्त्व हासिल किया है। क्वाड समूह, ऑकस का उदय तथा अन्य समूह यह प्रश्न उत्पन्न करते हैं कि इस मुद्दे पर यूरोप की स्थिति क्या है।
20-Nov-2021
वर्तमान में ‘वैश्विक आर्थिक चक्र’ असामान्य प्रतीत हो रहा है, क्योंकि यह कोविड-19 महामारी से प्रेरित है। वस्तुतः महामारी की परिस्थिति के मद्देनज़र विश्व के लगभग सभी केंद्रीय बैंकों, यथा- आर.बी.आई., यू.एस. फेडरल बैंक, यूरोपीय केंद्रीय बैंक, बैंक ऑफ़ इंग्लैंड आदि ने लचीली मौद्रिक नीति अपनाने के संकेत दिये हैं।
18-Nov-2021
कोविड-19 महामारी के मामले धीरे-धीरे घटने लगे हैं तथा विद्यालयों सहित विभिन्न संस्थान खुलने लगे हैं। ऐसे में, यह चिंता का विषय है कि अभी तक बच्चों का पूर्ण रूप से टीकाकरण नहीं हुआ है। भारत में बाल-पोषण की स्थिति पहले से ही बेहतर नहीं है, ऐसे में आंशिक टीकाकरण स्थिति को और गंभीर बना सकता है।
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