New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM September Mid Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 22nd Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM September Mid Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 22nd Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

आर्टेमिस मिशन

(प्रारंभिक परीक्षा- अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव)

संदर्भ 

Artemis-Mission

हाल ही में, नासा ने अपन नए चंद्र मिशन आर्टेमिस-1 को तीन टेस्ट डमी (अंतरिक्ष यात्रियों की नकल) के साथ लॉन्च किया। यह भविष्य में मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिये एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। 

प्रमुख बिंदु

  • आर्टेमिस 1 मिशन एक मानव रहित अंतरिक्ष मिशन है, जो नासा के गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण (Deep Space Exploration) प्रणालियों में से पहला मिशन है। 
  • इस मिशन का उद्देश्य भविष्य के मानवयुक्त मिशनों से पूर्व सभी परीक्षणों की सफलता को सुनिश्चित करना है।
  • इसमें भेजे गए तीन डमी यात्रियों को ऐसी सामग्रियों से बनाया गया हैं जो मानव हड्डियों, त्वचा और कोमल ऊतकों की नकल करते हैं। ये मानव शरीर पर गहरे अंतरिक्ष वातावरण के विभिन्न प्रभावों जैसे- कंपन, त्वरण और ब्रह्मांडीय विकिरण आदि को रिकॉर्ड करने के लिए कई सेंसर से लैस हैं।
  • यह मिशन 50 वर्ष पूर्व (वर्ष 1969 और 1972 के मध्य) अमेरिका के अपोलो कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर भेजने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। 

स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट एवं ओरियन कैप्सूल

  • यह मिशन स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से लॉन्च किया गया है। एस.एल.एस. को दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट माना जाता है।
  • एस.एल.एस. रॉकेट को पृथ्वी की निम्न कक्षा (Low Earth Orbit) से परे अंतरिक्ष मिशन के लिये डिज़ाइन किया गया है और यह चालक दल या कार्गो को चंद्रमा और उससे आगे तक ले जा सकता है। इसका निर्माण बोइंग कंपनी द्वारा किया गया है।
  • इस रॉकेट के शीर्ष पर ओरियन कैप्सूल है, जो 25 दिनों तक चंद्रमा की कक्षा में रहने के पश्चात् 11 दिसंबर को प्रशांत महासागर में उतरेगा। इस कैप्सूल का निर्माण लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन द्वारा किया गया है।

क्या है आर्टेमिस मिशन 

  • आर्टेमिस मिशन (Acceleration, Reconnection, Turbulence and Electrodynamics of Moon's Interaction with the Sun : ARTEMIS), अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारने के लिये शुरू किया गया दूसरा मिशन है। ध्यातव्य है कि वर्ष 1969 में नासा का 'अपोलो मिशन' (Apollo 11) चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला प्रथम मानव मिशन था।
  • आर्टेमिस मिशन को नासा का चंद्रमा पर वापसी कार्यक्रम (Back-to-moon program) भी कहा जा रहा है। इस 'चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम' का नामकरण नासा ने यूनानी देवता अपोलो की जुड़वा बहन और चंद्रमा की देवी 'आर्टेमिस' के नाम पर किया है। 
  • इस कार्यक्रम का पहला मिशन, आर्टेमिस-1 है। यह एक मानवरहित परीक्षण है। इसके सफल होने पर आर्टेमिस-2 मिशन लॉन्च किया जाएगा, यह अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की कक्षा तक ले जाकर, पुनः वापस लौट आएगा; यह भी एक परीक्षण चरण ही है। अंततः आर्टेमिस-3 द्वारा मानव को चंद्रमा की सतह पर उतारा जाएगा।
  • इस मिशन में नासा के साथ-साथ अन्य देशों -कनाडा, यूरोप और जापान की अंतरिक्ष एजेंसियाँ भी शामिल हैं।

मिशन का उद्देश्य

  • इस कार्यक्रम के माध्यम से नासा का लक्ष्य वर्ष 2025 तक मानव को चंद्रमा की सतह  पर भेजना है तथा यह चंद्रमा पर पहली महिला एवं पहले अश्वेत व्यक्ति को उतारने के लिये भी प्रतिबद्ध है।
  • इस मिशन का लक्ष्य वैज्ञानिक खोज और आर्थिक लाभों में योगदान देना और नई पीढ़ी के खोजकर्ताओं को प्रेरित करना है।
  • इस मिशन के मुख्य वैज्ञानिक उद्देश्य हैं- दीर्घकालीन अंतरिक्ष अन्वेषणों के लिये चंद्रमा पर जल तथा अन्य आवश्यक संसाधनों का पता लगाना, किसी अन्य खगोलीय पिंड पर रहना और मिशन का संचालन सीखना, मंगल मिशन जैसे लंबी अंतरिक्ष यात्रा वाले अभियानों पर जाने के लिये तकनीक की जाँच करना इत्यादि।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X