New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल और उपराज्यपाल की नई नियुक्तियाँ

चर्चा में क्यों?

  • भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 15 जुलाई 2025 को हरियाणा और गोवा राज्यों में नए राज्यपालों तथा लद्दाख संघ शासित प्रदेश में नए उपराज्यपाल की नियुक्ति की है।  

राज्यपालों की नियुक्तियाँ:

1. गोवा के राज्यपाल

  • नियुक्त व्यक्ति: पुष्पापति अशोक गजपति राजू
  • विशेष परिचय: वे भारत सरकार में पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं।

2. हरियाणा के राज्यपाल

  • नियुक्त व्यक्ति: प्रोफेसर अशीम कुमार घोष
  • विशेषता: एक शिक्षाविद् और प्रशासनिक अनुभव रखने वाले प्रतिष्ठित प्रोफेसर हैं।

लद्दाख के उपराज्यपाल की नियुक्ति:

  • नियुक्त व्यक्ति: कविंदर गुप्ता
  • विशेष परिचय: वे जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं।
  • स्थल: लद्दाख (संघ शासित प्रदेश)
  • पूर्व उपराज्यपाल का इस्तीफा:
    • राष्ट्रपति ने ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डॉ. बी. डी. मिश्रा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। वे इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं और लद्दाख में कार्यरत थे।

राज्यपाल और उपराज्यपाल से संबंधित संवैधानिक  प्रावधान:

अनुच्छेद 155 – राज्यपाल की नियुक्ति  

मूल प्रावधान: राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।

व्याख्या:

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 155 के अनुसार, राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • यद्यपि राष्ट्रपति नियुक्त करता है, लेकिन यह नियुक्ति वास्तव में प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर होती है (अनुच्छेद 74 के अनुसार)।
  • किसी राज्य का राज्यपाल:
    • भारत का नागरिक होना चाहिए।
    • 35 वर्ष से अधिक आयु का होना चाहिए।
    • राज्य की विधानसभा का सदस्य नहीं होना चाहिए।
    • लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।
  • राष्ट्रपति राज्यपाल की नियुक्ति पर विचार करते समय आमतौर पर व्यक्ति की प्रशासनिक क्षमता, अनुभव, राजनीतिक संतुलन और क्षेत्रीय पहचान पर ध्यान देते हैं।

अनुच्छेद 156 – राज्यपाल का कार्यकाल

मूल प्रावधान:

  • राज्यपाल, राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्तपद धारण करेगा।
  • वह पाँच वर्षों की अवधि तक पद पर रहेगा।
  • इस्तीफा राष्ट्रपति को लिखित रूप में देना होगा।

व्याख्या:

  • यद्यपि कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है, लेकिन यह कोई निश्चित कार्यकाल नहीं है, क्योंकि:
    • राष्ट्रपति कभी भी राज्यपाल को पद से हटा सकता है।
    • इसे "Doctrine of Pleasure" कहा जाता है – अर्थात, जब तक राष्ट्रपति की इच्छा हो, तब तक पद पर बना रहेगा।
  • राज्यपाल दोबारा नियुक्त किया जा सकता है।
  • कार्यकाल समाप्त होने के बाद, नया राज्यपाल नियुक्त होने तक वह पद पर बना रह सकता है।

अनुच्छेद 239 – संघ राज्य क्षेत्रों का प्रशासन 

मूल प्रावधान: केंद्रशासित प्रदेश का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त प्रशासक के माध्यम से किया जाएगा।

व्याख्या:

  • भारत के संघ शासित प्रदेशों  का शासन केंद्र सरकार के नियंत्रण में होता है।
  • अनुच्छेद 239 के अनुसार, राष्ट्रपति एक उपराज्यपाल, प्रशासक या कोई अन्य अधिकारी नियुक्त कर सकते हैं, जो राष्ट्रपति की ओर से कार्य करेगा।
  • यह प्रशासक आमतौर पर केंद्र सरकार द्वारा नामित होता है, और राष्ट्रपति द्वारा उसकी नियुक्ति की जाती है।
  • दिल्ली, पुदुचेरी और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर अन्य संघ-क्षेत्रों में विधायिका नहीं होती, इसलिए वहाँ प्रशासक ही सर्वोच्च होता है।
  • जैसे: लद्दाख, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप आदि में उपराज्यपाल/प्रशासक कार्य करते हैं। 

प्रश्न. हाल ही में लद्दाख के नए उपराज्यपाल के रूप में किसे नियुक्त किया गया है?

(a) अनिल बैजल

(b) मनोज सिन्हा

(c) पुष्पपति अशोक गजपति राजू

(d) कविंदर गुप्ता

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR