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सिकल सेल एनीमिया

प्रारंभिक परीक्षा – सिकल सेल एनीमिया
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 – स्वास्थ्य

सन्दर्भ 

  • केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 2023-24 में घोषणा की गयी कि सरकार 2047 तक भारत से सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए मिशन मोड में कार्य करेगी।

sickle-cell-anaemia

सिकल सेल एनीमिया

  • सिकल सेल एनीमिया एक आनुवांशिक विकार है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के आकार को प्रभावित करता है।
  • लाल रक्त कोशिकाओं में लाल रंग उसमे पाए जाने वाले हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन के कारण होता है, जो शरीर में रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन ले जाता है। 
  • सिकल सेल एनीमिया ऐसा रक्त विकार है जिसमे लाल रक्त कोशिकाएं जल्दी टूट जाती हैं जिसके कारण एनीमिया तथा अन्य जटिलताएं जैसे कि वेसो- ओक्लुसिव क्राइसिस, फेफड़ों में संक्रमण, एनीमिया, गुर्दे और यकृत की विफलता, स्ट्रोक आदि के कारण रूग्णता और मृत्यु की सम्भावना होती है।
  • प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं जो आकार में गोल, नर्म और लचीली होती हैं। 
  • यह लाल रक्त कोशिकाएं जब स्वयं के आकार से भी सूक्ष्म धमनियों में से प्रवाह करती हैं तब वह अंडाकार आकार की हो जाती है। 
  • सूक्ष्म धमनियों से बाहर निकलने के पश्चात कोशिकाओं के लचीलेपन के कारण वे पुनः अपना मूल स्वरूप ले लेती हैं।
  • सिकल सेल एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाएं परिवर्तित हो कर अर्ध गोलाकार तथा सख्त/कड़क हो जाती हैं जिसे सिकल सेल कहा जाता है।
  • इससे रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है या कई बार अवरुद्ध हो जाता है।
  • इसके अलावा, सिकल कोशिकाएं जल्दी मर जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है जो शरीर को ऑक्सीजन से वंचित कर देती हैं।
  • लाल रक्त कोशिकाओं का यह विकार जीन की विकृति के कारण होता है।
  • सिकल सेल के रोगी दो प्रकार के होते है , सिकल सेल वाहक (लक्षण रहित/मंद लक्षण) एवं सिकल सेल रोगी (गंभीर लक्षण)।
  • प्रथम प्रकार अर्थात सिकल सेल वाहक व्यक्ति रोग के वाहक के रूप में काम करते हैं अर्थात उनमे सिकल सेल के रोग के लक्षण स्थायी न होकर कभी - कभी दिखाई देते है, ये व्यक्ति अपने बच्चों को वंशानुगत यह रोग देते हैं।
  • दूसरे प्रकार के सिकल रोगी वह व्यक्ति होते है जिनमें रोग के लक्षण स्थायी रूप से रहते हैं, जिससे उनके शरीर का विकास रुक जाता है, ये निश्चित रूप से अपने बच्चों को यह रोग देते हैं।

उपचार 

  • सिकल सेल रोग को आजीवन बीमारी कहा जाता है तथा रक्त और अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण को इस रोग के लिए एकमात्र कुशल इलाज कहा जाता है।
  • जीन थेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट को भी इसके संभावित इलाज के रूप में देखा जाता है।

भारत में सिकल सेल एनीमिया

  • भारत, सिकल सेल एनीमिया से दूसरा सबसे बुरी तरह प्रभावित देश है।
  • भारत में, लगभग 18 मिलियन लोगों में सिकल सेल के लक्षण हैं, तथा 1.4 मिलियन लोग, सिकल सेल रोग से प्रभावित हैं।
  • सिकल सेल एनीमिया, भारत में जनजातीय आबादी में व्यापक रूप से फैला हुआ है, जनजातीय आबादी में प्रत्येक 86 जन्मों में से लगभग 1 सिकल सेल एनीमिया से प्रभावित होता है।
  • भारत के कुछ राज्यों में एससीडी का प्रचलन काफी अधिक है। इसमे शामिल है -
    • छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात, ओडिशा, केरल और राजस्थान।
    • इन राज्यों को सामूहिक रूप से सिकल सेल बेल्ट कहा जाता है।
  • विभिन्न राज्यों में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन द्वारा इस बीमारी के बेहतर प्रबंधन और नियंत्रण के लिए आउटरीच कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
  • जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने जनजातीय क्षेत्रों में रोगियों और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के बीच की खाई को पाटने के लिए सिकल सेल रोग सहायता कॉर्नर लॉन्च किया है। 
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