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ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता 

संदर्भ 

ग्रामीण भारत में कल्याणकारी कार्यों का नोडल मंत्रालय भारत सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय है। इस मंत्रालय के दो विभाग हैं; (i) ग्रामीण विकास और (ii) भूमि संसाधन। केंद्रीय बजट 2022-23 में ग्रामीण विकास मंत्रालय को सभी मंत्रालयों में सातवाँ सबसे बड़ा आवंटन दिया गया है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना

इसमें प्रत्येक ग्रामीण परिवार, जिसके वयस्क सदस्य स्वेच्छा से अकुशल मानवीय कार्य करते हैं, को प्रति वर्ष 100 दिनों की गारंटीकृत मज़दूरी प्रदान की जाती है। इस योजना को वर्ष 2005 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम के माध्यम से शुरू किया गया था। वर्तमान में इसमें देश के सभी ग्रामीण ज़िलों (716) को कवर किया जा रहा है। बजट 2022-23 में इस योजना को ग्रामीण विकास की सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं के कुल व्यय का लगभग 54 प्रतिशत हिस्सा प्रदान किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण

इस योजना को बजट 2022-23 में दूसरा सबसे बड़ा आवंटन दिया गया है। योजना का उद्देश्य आवासीय इकाई के निर्माण के लिये वित्तीय सहायता के माध्यम से ग्रामीण गरीबों को किफ़ायती आवास उपलब्ध कराना है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 

वर्ष 2000 में शुरू की गई यह ग्रामीण विकास की तीसरी सबसे महत्त्वपूर्ण केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना के लिये बजट 2022-23 में 19,000 करोड़ रूपए आवंटित किये गए हैं, जो ग्रामीण विकास विभाग के कुल बजट का लगभग 14 प्रतिशत है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 

इसे भारत सरकार द्वारा जून 2011 में लॉन्च किया गया था। 29 मार्च, 2016 को इसका नाम बदलकर दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) कर दिया गया। इस योजना का लक्ष्य सतत आजीविका में वृद्धि और वित्तीय सेवाओं तक बेहतर पहुँच के माध्यम से ग्रामीण गरीबों के लिये रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराना है। पिछले पाँच वर्षों के दौरान इस योजना में उच्च विकास दर (18.14 प्रतिशत) देखने को मिली है। 

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम 

यह एक कल्याणकारी कार्यक्रम है जिसमें बेरोज़गारी, वृद्धावस्था, बीमारी और किसी भी प्रकार की विकलांगता के मामले में नागरिकों को सार्वजनिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से कई उप-योजनाएँ शामिल की गई हैं। यह योजना वर्ष 1995 से अस्तित्व में है। इस कार्यक्रम के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना, राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना और अन्नपूर्णा योजना जैसी प्रमुख योजनाएँ शामिल हैं।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन 

वर्ष 2016 में शुरू किये गए इस मिशन का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर आर्थिक विकास को नई गति प्रदान करने के साथ-साथ बुनियादी सेवाओं में बढ़ोतरी और सुव्यवस्थित ग्रामीण क्लस्टरों का सृजन करके ग्रामीण क्लस्टरों में व्यापक बदलाव लाना है। इससे संबंधित क्षेत्र का समग्र विकास होगा और एकीकृत एवं समावेशी ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।

भूमि संसाधनों के विकास के लिये आवंटन

भारत सरकार निम्नीकृत मृदा की उत्पादकता बढ़ाने और भूमि सुधार पर रियल टाइम जानकारी उपलब्ध कराने को उच्च प्राथमिकता देती है। इस संदर्भ में ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग के अधीन दो प्रमुख योजनाओं को लागू किया गया है; 1. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का एकीकृत वाटरशेड विकास घटक और 2. डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम। बजट 2022-23 में विभाग को 2,259 करोड़ रूपए आवंटित किये गए, जो 2021-22 के संशोधित व्यय अनुमान से 52.12 प्रतिशत अधिक है। 

किसानों को आय सहायता

इस योजना की शुरुआत 24 फरवरी, 2019 को भूमि धारक किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिये हुई थी। योजना के अनुसार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों में हर चार महीने में तीन समान किस्तों में 6000 रूपए प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है।

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