New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

आर्कटिक सागर की समुद्री बर्फ में अप्रत्याशित गिरावट

संदर्भ

हाल ही में, यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर (NSIDC) के अनुसार, इस वर्ष 25 फरवरी, 2022 को ही आर्कटिक में समुद्री बर्फ अपनी अधिकतम सीमा तक पहुँच गई। यह समुद्री बर्फ आमतौर पर मार्च माह में अपने चरम पर पहुँचती है। उपग्रहों से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार यह पिछले कुछ वर्षो में दसवीं सबसे कम मात्रा में दर्ज की गई बर्फ है।

आर्कटिक समुद्री बर्फ

  • एन.एस.आई.डी.सी. के अनुसार आर्कटिक में समुद्री बर्फ की सीमा 14.88 मिलियन वर्ग किलोमीटर है। यह वर्ष 1981-2010 के अधिकतम औसत से लगभग 770,000 वर्ग किलोमीटर कम है।
  • इस महासागर के अंतर्गत बेरिंग सागर, बाफिन खाड़ी और लैब्राडोर सागर के समुद्री बर्फ में हुई वृद्धि ओखोटस्क सागर और बेरेंट्स सागर के समुद्री बर्फ में हुए नुकसान को संतुलित करने के लिये पर्याप्त नहीं है। 
  • इसी दौरान अंटार्कटिक समुद्री बर्फ में हुआ लाभ आर्कटिक समुद्री बर्फ के नुकसान को संतुलित करने के लिये भी अपर्याप्त है। 

समुद्री बर्फ क्या है?

  • समुद्री बर्फ, जमा हुआ समुद्र का पानी होता है। शीतकालीन समुद्री बर्फ के सभी चरण - गठन, विकास और पिघलने की प्रक्रिया समुद्र में ही संपन्न होती हैं। 
  • आर्कटिक महासागर में समुद्री बर्फ आमतौर पर मार्च में अपने चरम पर जबकि सितंबर में न्यूनतम सीमा पर पहुँच जाती है। जबकि दक्षिण में अंटार्कटिक समुद्री बर्फ इसके विपरीत चक्र का अनुसरण करती है।
  • नासा के अनुसार, आर्कटिक में समुद्री बर्फ के अधिकतम विस्तार में वर्ष 1979 के बाद से प्रति दशक लगभग 13% की गिरावट देखी जा रही है। 

ध्रुवीय समुद्री बर्फ की आवश्यकता

  • ध्रुवीय समुद्री बर्फ वैश्विक तापमान को संतुलित बनाए रखने में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। समुद्री बर्फ अपनी सतह से टकराने वाले 80% सूर्य के प्रकाश को परावर्तित कर देती है। इस प्रकार, यह ध्रुवीय क्षेत्रों को ठंडा रखती है। 
  • गर्मियों में समुद्री बर्फ के पिघलने पर समुद्र की सतह उजागर हो जाती है। फलतः उस पर पड़ने वाले 90% सूर्य के प्रकाश को यह अवशोषित कर लेती है, जिससे ध्रुवीय क्षेत्र के तापमान में वृद्धि होती है। समुद्री बर्फ में होने वाली यह क्षति वैश्विक तापन को तीव्र कर सकती है।

यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर 

एन.एस.आई.डी.सी. पृथ्वी के क्रायोस्फीयर (Cryosphere) जैसे- बर्फ, ग्लेशियर आदि पर शोध करता है। इसकी स्थापना वर्ष 1976 में की गई।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X