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उत्तर प्रदेश सरकार ने 800 मेगावाट की दो ताप विद्युत परियोजनाओं को मंजूरी दी 

प्रारम्भिक परीक्षा: ताप विद्युत परियोजनाएँ
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र- 1 और 3

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 11 जुलाई को सोनभद्र जिले में 18,000 करोड़ रुपये की लागत से 800 मेगावाट की दो थर्मल पावर परियोजनाओं के निर्माण को मंजूरी दी।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य सरकार ने कहा कि यह राज्य में लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के यूपी के प्रयासों का हिस्सा है।राज्य में बिजली की खपत दिन -प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
  • राज्य में गर्मी के मौसम में बिजली की मांग 27,000 मेगावाट तक बढ़ने और इसके परिणामस्वरूप बिजली की लागत में वृद्धि को देखते हुए, उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने  800 मेगावाट की दो "ओबरा डी" थर्मल पावर परियोजनाओं को मंजूरी दे दी।
  • ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के दौरान, ओबरा में थर्मल प्लांट स्थापित करने के लिए नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) और राज्य सरकार के बीच  एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
  • इसमें उत्तर प्रदेश सरकार और एनटीपीसी की 50-50 प्रतिशत भागीदारी रहेगी। इसमें 30% इक्विटी दोनों पक्षों द्वारा दी जाएगी और 70% वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने का विचार है। पहली इकाई 50 महीने में और दूसरी इकाई 56 महीने में तैयार करने का लक्ष्य है।

power-plant

परियोजना के लाभ 

  • लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के पहले ‘अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल’ थर्मल पावर प्लांट को मंजूरी दी गई, जिससे बिजली उत्पादन क्षमता 1,600 मेगावाट बढ़ जाएगी।
  • अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट उन्नत तकनीक पर काम करते हैं।
  • कैबिनेट ने 800 मेगावाट की दो ओबरा डी बिजली परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। ओबरा डी प्रदेश की पहली 'अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल' थर्मल पावर परियोजना होगी।
  • यह नवीनतम तकनीक से युक्त होगा। इन प्लांटों की दक्षता के लिए समान मात्रा में बिजली उत्पादन के लिए कम कोयले की खपत की आवश्यकता होती है, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिलेगी।
  • ओबरा डी बिजली उत्पादन की लागत को कम करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और उच्च दक्षता वाला पहला अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट होगा।
  • ये दोनों थर्मल पावर प्लांट राज्य की मौजूदा थर्मल पावर उत्पादन क्षमता में लगभग 25 प्रतिशत का योगदान देंगे, जो लगभग 7,000 मेगावाट है।
  • एक बार चालू होने पर बिजली में प्रति यूनिट एक रुपये कम होने की संभावना है। वर्तमान में 5.5 रुपये प्रति यूनिट है। संयंत्रों के क्रियाशील हो जाने के बाद प्रति यूनिट 4.79 रुपये हो जाएगी।

प्रश्न: अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :

  1. अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट उन्नत तकनीकी  पर काम करते हैं।
  2. ओबरा डी उत्तर प्रदेश का दूसरा अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट होगा।
  3. अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट उन्नत तकनीकी में कोयले का अधिक खपत होता है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक 

(b) केवल दो 

(c) सभी तीनों 

(d) कोई भी नहीं 

उत्तर : (a)

मुख्य परीक्षा: अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट से क्या आशय है?इसके प्रमुख लाभों पर प्रकाश डालिए। 

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