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साइबर अपराध जांच उपकरण (Cybercrime Investigation Tool)

प्रारंभिक परीक्षा- साइबर अपराध जांच उपकरण
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-

चर्चा में क्यों

 नया साइबर अपराध जांच उपकरण (Cybercrime Investigation Tool) बहुत शीघ्र ही बीमा धोखाधड़ी, ऑनलाइन वैवाहिक धोखाधड़ी जैसे मनुष्यों को लक्षित करने वाले साइबर हमलों का पता लगाने में सक्षम होगा।

cyber-crime

प्रमुख बिंदु :

  • रणनीति (tactics), तकनीकी (techniques) और प्रकिया (procedure) (TTP) आधारित यह साइबर अपराध जांच नामक ढांचा उपकरण मामले को सुलझाने के लिए आवश्यक साक्ष्यों की श्रृंखला की पहचान करने वाले साइबर अपराधों को ट्रैक करके उन्हें वर्गीकृत करने और अपराधियों को दोषी ठहराने के लिए साक्ष्यों को ढूंढने में  भी सहायता कर सकता है।
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में आई-हब एनटीआईएचसी फाउंडेशन ( I-hub NTIHAC foundation) ने भौतिकी प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन (एनएम-आईसीपीएस) के अन्तर्गत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology) (DST)  के सहयोग से इस उपकरण को  विकसित किया है।
  • भारत के विभिन्न राज्यों में साइबर अपराध की घटनाओं से प्रतिदिन 01 करोड़ रुपये की हानि होती है।
  • अधिकतर महिलाओं, वृद्धों और निर्धन लोगों को निशाना बनाया जाता है जिसके चलते उनकी जीवन भर की बचत नष्ट हो जाती है। 
  •  भारत में साइबर अपराध जांचों की संख्या साइबर रिपोर्टों की तुलना में उनकी संख्या से बहुत कम पाई गई। 
  •  साइबर अपराधों की जांच ऐसे पीड़ितों की प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) पर निर्भर करती है जिनकी साइबर साक्षरता सामान्यत: बहुत ही कम होती है।
  •  पीड़ित भी अक्सर घटना की रिपोर्ट करने के बाद संपर्क नहीं बनाए रखते जिससे अपराध पर नजर बनाए रखना और भी कठिन हो जाता है ।

लाभ :

  • इस पर आधारित साइबर अपराध जांच ढांचा, साइबर अपराधों को ट्रैक करने और वर्गीकृत करने में सहायता करता है ।
  • यह किसी मामले को सुलझाने के लिए आवश्यक सबूतों की श्रृंखला की पहचान करता है और अपराधियों को दोषी ठहराने के लिए सबूतों की रूपरेखा तैयार करता है।
  • यह प्रौद्योगिकी एक अनुमानित अपराध निष्पादन पथ बना सकती है , उपयोगकर्ता-व्युत्पन्न कीवर्ड के आधार पर अपराध होने के तरीकों  पर भी  सुझाव दे सकती है ।
  • विभिन्न अपराधों में उपयोग किए जाने वाले तौर-तरीकों की तुलना कर सकती है।
  • उपयोगकर्ता भूमिकाओं का प्रबंधन कर सकती है और अपराध पथों के  गतिविधियों  को ट्रैक कर सकती है ।
  • अपराधियों की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं (टीटीपी) पर भरोसा करके  टीटीपी-आधारित जांच ढांचा साइबर अपराधियों को जल्दी और सटीक रूप से दोषी ठहराने में अत्यधिक प्रभावी होने की उम्मीद है।
  • इस प्रगति से साइबर अपराधियों को ट्रैक करना और उन्हें दोषी ठहराना आसान होने की उम्मीद है, जिससे अंततः देश में साइबर अपराध गतिविधियों में कमी आएगी।
  • इससे साइबर अपराधियों को सटीक एवं त्वरित दंड मिल सकता है।
  • साथ ही, देश भर में साइबर अपराध की गतिविधियों को भी कम किया जा सकता है।

प्रश्न:  निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1. साइबर अपराध जांच उपकरण (Cybercrime Investigation Tool) धोखाधड़ी, ऑनलाइन वैवाहिक धोखाधड़ी जैसे साइबर हमलों का पता लगाने में सक्षम होगा।
  2. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में आई-हब एनटीआईएचसी फाउंडेशन (I-hub NTIHAC foundation) ने भौतिकी प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन (एनएम-आईसीपीएस) के अन्तर्गत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग(Department of Science and Technology) (DST) के सहयोग से इस उपकरण को विकसित किया है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(a) केवल

(b) केवल

(c) कथन 1 और 2

(d) न तो 1 ना ही 2 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: साइबर अपराध से  क्या अभिप्राय है? साइबर अपराध से जुड़ी चुनैतियों एवं समाधानों का उल्लेख कीजिए।

स्रोत: पीआईबी

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