
- प्रोटीन शरीर के निर्माण, वृद्धि और मरम्मत के लिए आवश्यक मैक्रो न्यूट्रिएंट (Macro Nutrient) है। यह कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन तत्वों से मिलकर बना होता है।
- प्रोटीन के मूल घटक अमीनो अम्ल (Amino Acids) होते हैं। शरीर में लगभग 20 प्रकार के अमीनो अम्ल पाए जाते हैं, जिनमें से 9 आवश्यक अमीनो अम्ल (Essential amino acids) होते हैं, जिन्हें शरीर खुद नहीं बना सकता और हमें भोजन से प्राप्त करने होते हैं।
प्रोटीन की संरचना (Structure of Proteins)
प्रोटीन की बनावट चार स्तरों (levels) में समझी जाती है:
1. प्राथमिक संरचना (Primary Structure)
- अमीनो अम्लों की एक रैखिक श्रृंखला (linear sequence) होती है।
- इसे पेप्टाइड बंधों (Peptide Bonds) द्वारा जोड़ा जाता है।
- यही श्रृंखला आगे की संरचना का आधार बनाती है।
2. द्वितीयक संरचना (Secondary Structure)
- स्थानीय स्तर पर श्रृंखला मुड़ती है और अल्फा-हेलिक्स (α-helix) या बीटा-शीट (β-pleated sheet) बनाती है।
- यह हाइड्रोजन बंधों (Hydrogen Bonds) द्वारा स्थिर होती है।
3. तृतीयक संरचना (Tertiary Structure)
- पूरी श्रृंखला की त्रि-आयामी आकृति (3D shape) बनती है।
- इसमें डिसल्फाइड बंध (Disulfide Bridges), आयनिक बंध (Ionic Interactions), और हाइड्रोफोबिक क्रियाएं (Hydrophobic Interactions) शामिल होती हैं।
4. चतुर्थक संरचना (Quaternary Structure)
- जब एक से अधिक पोलिपेप्टाइड (polypeptide) श्रृंखलाएँ मिलती हैं, तब यह स्तर बनता है।
- जैसे हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) में 4 उप-इकाइयाँ (subunits) होती हैं।
प्रोटीन के मुख्य कार्य (Functions of Proteins)
क्र.
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कार्य
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विवरण
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1
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शरीर की संरचना में सहायक
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कोशिकाओं, मांसपेशियों, त्वचा, बाल और नाखूनों के निर्माण में मदद करता है।
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2
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एंजाइम्स का निर्माण
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सभी जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने वाले एंजाइम प्रोटीन से बनते हैं।
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3
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हार्मोन निर्माण
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इंसुलिन, थायरॉक्सिन जैसे कई हार्मोन प्रोटीन से बनते हैं।
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4
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इम्यून सिस्टम
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शरीर को रोगों से बचाने वाले एंटीबॉडीज प्रोटीन से बनते हैं।
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5
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ऊर्जा स्रोत
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जब कार्बोहाइड्रेट और वसा की कमी हो, तो प्रोटीन से ऊर्जा मिलती है (1 ग्राम = 4 किलोकैलोरी)।
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6
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मॉलिक्यूल ट्रांसपोर्ट
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हीमोग्लोबिन जैसे प्रोटीन ऑक्सीजन को शरीर में ले जाते हैं।
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7
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जल संतुलन
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प्रोटीन शरीर के द्रव संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
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प्रोटीन के स्रोत (Sources of Proteins)
1. शाकाहारी स्रोत (Vegetarian sources):
- दालें: अरहर, मूंग, उड़द, मसूर
- अनाज: गेहूं, चावल, जौ
- सोयाबीन व इसके उत्पाद (टोफू, सोया दूध)
- दूध व दुग्ध उत्पाद: पनीर, दही, छाछ
- मेवे व बीज: बादाम, काजू, मूंगफली, चिया सीड्स
2. मांसाहारी स्रोत (Non-vegetarian sources):
- अंडा
- मछली
- चिकन
- मटन
- समुद्री आहार (Shrimp, Crab)
प्रोटीन के प्रकार (Classification of Proteins)
1. संरचना के आधार पर (Based on Structure)
(a) रेशेदार प्रोटीन (Fibrous Proteins)
- लंबी रेशे जैसी आकृति।
- जल में अघुलनशील (insoluble)।
- उदाहरण: कोलाजेन, केराटिन, एलास्टिन।
(b) गोलाकार प्रोटीन (Globular Proteins)
- गोल आकार, जल में घुलनशील।
- जैविक कार्य जैसे एंजाइम, हार्मोन, एंटीबॉडी में शामिल।
- उदाहरण: हीमोग्लोबिन, इंसुलिन, एमाइलेज।
(c) झिल्ली प्रोटीन (Membrane Proteins)
- कोशिका झिल्ली में पाए जाते हैं।
- कार्य: परिवहन, संवेदी संकेत (signals) ग्रहण करना।
- उदाहरण: आयन चैनल, G-प्रोटीन-युक्त रिसेप्टर्स।
2. कार्य के आधार पर (Based on Function)
- एंजाइम (Enzymes) – रासायनिक अभिक्रियाएँ कराते हैं (जैसे: डीएनए पॉलिमरेज़)।
- परिवहन प्रोटीन (Transport Proteins) – पदार्थों को ले जाते हैं (जैसे: हीमोग्लोबिन, एक्वापोरिन्स)।
- संरचनात्मक प्रोटीन (Structural Proteins) – कोशिकाओं को आकार और मजबूती देते हैं।
- भंडारण प्रोटीन (Storage Proteins) – पोषक तत्वों को संग्रहित करते हैं।
- नियामक प्रोटीन (Regulatory Proteins) – जीन अभिव्यक्ति (Gene Expression) और कोशिका संकेतन में कार्य करते हैं।
3. संरचना-संयोजन के आधार पर (Based on Composition)
- सरल प्रोटीन (Simple Proteins) – केवल अमीनो अम्लों से बने होते हैं (जैसे: एलब्यूमिन, ग्लोब्यूलिन)।
- संयुक्त प्रोटीन (Conjugated Proteins) – प्रोटीन के साथ एक गैर-प्रोटीन भाग (non-protein part) जुड़ा होता है।
- उदाहरण:
- हीमोग्लोबिन (heme समूह सहित)
- ग्लाइकोप्रोटीन (कार्बोहाइड्रेट से जुड़े प्रोटीन)
प्रतिदिन प्रोटीन की आवश्यकता (Recommended Dietary Allowance - RDA)
आयु / वर्ग
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आवश्यक मात्रा (प्रतिदिन)
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वयस्क पुरुष
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56 ग्राम
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वयस्क महिला
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46 ग्राम
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गर्भवती महिला
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71 ग्राम
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बच्चे (1-13 वर्ष)
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13–34 ग्राम (आयु पर निर्भर)
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खेल/व्यायाम करने वाले
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1.2 से 2.0 ग्राम प्रति किग्रा वजन
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उदाहरण: 60 किग्रा के व्यक्ति को कम-से-कम 48 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है।
प्रोटीन की कमी (Protein Deficiency)
प्रोटीन की कमी को "प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण (PEM)" कहा जाता है।
प्रमुख लक्षण:
- मांसपेशियों में कमजोरी
- बालों का झड़ना
- त्वचा का सूखना
- थकावट
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट
- बच्चों में वृद्धि रुक जाना
गंभीर स्थितियाँ:
- क्वाशियोरकोर (Kwashiorkor) – सूजा हुआ पेट, बालों का रंग बदलना
- मैरस्मस (Marasmus) – हड्डियाँ उभर जाना, शरीर में अत्यधिक कमजोरी
प्रोटीन के स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits of Protein)
- वज़न नियंत्रण में सहायक
- मांसपेशी वृद्धि और रिकवरी में सहायक
- रक्त शर्करा का संतुलन बनाए रखना
- बालों, त्वचा और नाखूनों की सेहत
- बुजुर्गों में मांसपेशी ह्रास को रोकना
रोचक तथ्य (Interesting Facts)
- मानव शरीर में सबसे अधिक प्रोटीन मांसपेशियों में पाया जाता है।
- कोलेजन (Collagen) शरीर का सबसे अधिक पाया जाने वाला प्रोटीन है, जो त्वचा और संयोजी ऊतक में होता है।
- एग व्हाइट (Egg White) को पूर्ण प्रोटीन का आदर्श स्रोत माना जाता है।