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गाजा में अकाल घोषित: एक गंभीर मानवीय संकट

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2, 3 व 4: अंतर्राष्ट्रीय संबंध, शासन, आपदा प्रबंधन, खाद्य सुरक्षा एवं नैतिकता, मानवीय मुद्दे)

संदर्भ

गाजा पट्टी इस समय एक अभूतपूर्व मानवीय संकट का सामना कर रही है जहाँ संयुक्त राष्ट्र ने 22 अगस्त, 2025 को आधिकारिक रूप से अकाल (Famine) की घोषणा की है। यह पश्चिम एशिया में पहली बार अकाल की स्थिति है। 

अकाल (Famine) के बारे में

  • परिभाषा : संयुक्त राष्ट्र एवं Integrated Food Security Phase Classification (IPC) के अनुसार, अकाल तब घोषित किया जाता है जब निम्नलिखित शर्तें पूरी होती हैं:
    • किसी क्षेत्र में कम-से-कम 20% आबादी को अत्यधिक खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा हो। 
    • 30% से अधिक बच्चों में तीव्र कुपोषण की स्थिति हो।
    • प्रति 10,000 लोगों पर प्रतिदिन 2 या अधिक मृत्यु हो रही हो।
  • मानव-निर्मित अकाल : यह प्राकृतिक आपदा के बजाय संघर्ष, नाकेबंदी या राजनीतिक कारणों से उत्पन्न होता है। गाजा में जारी संघर्ष एवं सहायता सामग्री की आपूर्ति में व्यवस्थित बाधा इसे मानव-निर्मित अकाल बनाती है।

Integrated Food Security Phase Classification (IPC) के बारे में

  • यह एक वैश्विक तंत्र है जो खाद्य सुरक्षा की स्थिति को पांच चरणों में वर्गीकृत करता है। इसका उद्देश्य भूख की गंभीरता को मापना और त्वरित अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
  • IPC द्वारा निर्धारित खाद्य असुरक्षा की पांच अवस्थाएँ-
    1. Phase 1: Minimal (न्यूनतम संकट)
      1. अधिकांश आबादी के पास पर्याप्त भोजन।
      2. पोषण स्तर सामान्य, कोई भूखमरी नहीं।
      3. कार्य: निगरानी बनाए रखना।
    2. Phase 2: Stressed (तनावग्रस्त)
      1. भोजन की आवश्यकताएं मुश्किल से पूरी होती हैं।
      2. पोषण गुणवत्ता में कमी, आय का बड़ा हिस्सा भोजन पर खर्च।
      3. कार्य: लक्षित खाद्य एवं आर्थिक सहायता।
    3. Phase 3: Crisis (संकट)
      1. भोजन के लिए संपत्ति बेचने या कर्ज लेने की स्थिति।
      2. कुपोषण की शुरुआत, आजीविका को नुकसान।
      3. कार्य: आपात राहत एवं पोषण कार्यक्रम।
    4. Phase 4: Emergency (आपातकालीन)
      1. भोजन की अत्यधिक कमी, जीवन के लिए खतरा।
      2. उच्च कुपोषण और मृत्यु दर।
      3. कार्य: तत्काल बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता।
    5. Phase 5: Famine (अकाल)
      1. भोजन की उपलब्धता और पहुंच पूरी तरह समाप्त।
      2. 20% से अधिक आबादी को भोजन की कमी, 30% बच्चों में तीव्र कुपोषण, और प्रति 10,000 लोगों में 2 से अधिक मृत्यु।
      3. कार्य: तत्काल और व्यापक राहत अभियान, वैश्विक हस्तक्षेप।

गाजा में वर्तमान स्थिति

  • IPC की नवीनतम रिपोर्ट (15 अगस्त, 2025): गाजा सिटी (गाजा पट्टी का 20%) में अकाल (Phase 5) की पुष्टि। सितंबर 2025 के अंत तक यह देयर अल-बलाह और खान यूनिस तक फैल सकता है जो गाजा पट्टी का लगभग दो-तिहाई हिस्सा है।
  • आंकड़े:
    • 5,00,000 लोग वर्तमान में ‘विनाशकारी’ भुखमरी का सामना कर रहे हैं जो सितंबर तक 6,41,000 (लगभग एक-तिहाई आबादी) तक बढ़ सकता है।
    • 62,192 से अधिक लोग, मुख्यत: नागरिक, इजरायली सैन्य कार्रवाई में मारे गए हैं।
    • गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कम-से-कम 147 लोग भुखमरी से मरे, जिनमें 88 बच्चे शामिल हैं।
    • 90,000 महिलाएं और बच्चे विशेष पोषण सहायता की आवश्यकता में हैं।
  • स्थानीय खाद्य प्रणाली का पतन:
    • 98% कृषि भूमि क्षतिग्रस्त या पहुंच से बाहर
    • पशुधन नष्ट, मछली पकड़ने पर प्रतिबंध
    • चरमराई हुई स्वास्थ्य प्रणाली, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता तक न्यूनतम पहुंच 

विभिन्न देशों एवं संगठनों के मत

  • संयुक्त राष्ट्र: टॉम फ्लेचर के अनुसार यह अकाल हमें हमेशा परेशान करेगा। यह रोका जा सकता था किंतु इजरायल द्वारा व्यवस्थित अवरोध के कारण भोजन सीमाओं पर अटक गया है।
  • वर्ल्ड फूड प्रोग्राम: यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो हजारों लोग मर सकते हैं।
  • स्वतंत्र संगठन: गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन जैसे संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र प्रणाली को बायपास कर सहायता पहुंचाई किंतु यह अपर्याप्त है।
  • इजरायल का दृष्टिकोण: इजरायल ने अकाल के दावों को खारिज करते हुए IPC की रिपोर्ट को ‘हमास के झूठ’ पर आधारित बताया है।

आगे की राह

  • तत्काल उपाय:
    • संघर्षविराम और सहायता एजेंसियों को बिना अवरोध पहुंच
    • इजरायल पर राजनीतिक दबाव बढ़ाकर सहायता सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करना
    • स्वतंत्र राहत संगठनों को सक्रिय सहयोग
  • दीर्घकालिक उपाय:
    • वैश्विक न्यायिक और नैतिक तंत्र को मजबूत करना ताकि भविष्य में ऐसे संकट रोके जा सकें।
    • भारत जैसे देशों को मानवीय सहायता और कूटनीतिक पहल में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: वैश्विक समुदाय को गाजा में मानवीय संकट को प्राथमिकता देनी चाहिए और तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।
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