कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार और केंद्रीय जल आयोग (CWC) से हस्तक्षेप की माँग की है। राज्य का आरोप है कि महाराष्ट्र द्वारा भीमा नदी के जल का तय आवंटन से अधिक और बिना अनुमति उपयोग किया जा रहा है जिससे अंतर-राज्यीय जल बँटवारे से जुड़े समझौतों का उल्लंघन हो रहा है।
भीमा नदी के बारे में
- भीमा नदी पश्चिमी एवं दक्षिणी भारत की एक प्रमुख बारह महीने प्रवाहित होने वाली नदी है जो कृष्णा नदी की महत्वपूर्ण सहायक मानी जाती है। पंढरपुर क्षेत्र में इसे स्थानीय रूप से चंद्रभागा नदी के नाम से जाना जाता है।
- इस नदी का स्रोत महाराष्ट्र के पुणे ज़िले में स्थित भीमाशंकर मंदिर के समीप पश्चिमी घाट (सह्याद्रि पर्वतमाला) की भीमाशंकर पहाड़ियों में है। भीमा नदी लगभग 861 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए दक्षिण-पूर्व दिशा में प्रवाहित होती है।
- यह नदी प्रवाह के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तेलंगाना राज्यों से होकर गुजरती है और अंततः कर्नाटक-तेलंगाना सीमा पर रायचूर से लगभग 24 किलोमीटर उत्तर कृष्णा नदी में मिल जाती है।
- उल्लेखनीय है कि संगम स्थल पर भीमा नदी की लंबाई कृष्णा नदी से अधिक है।
भीमा नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ
- बाएँ किनारे की सहायक नदियाँ : सिना, नीरा, घोड, वेल
- दाएँ किनारे की सहायक नदियाँ : इंद्रायणी, मुला-मुथा, पावना, मन, भोगावती
- इसके अतिरिक्त कागना (कर्नाटक) और बोरी नदियाँ भी भीमा की महत्वपूर्ण सहायक नदियों में शामिल हैं।
अन्य प्रमुख विशेषताएँ
- जल निकासी क्षेत्र: लगभग 70,614 वर्ग किलोमीटर, जिसमें से लगभग 75% क्षेत्र महाराष्ट्र में स्थित है।
- जलविज्ञान: नदी का प्रवाह मानसून पर अत्यधिक निर्भर है। वस्तुतः वर्षा ऋतु में बाढ़ की संभावना रहती है जबकि ग्रीष्म ऋतु में जलस्तर काफी घट जाता है।
- कृषि उपयोग: गन्ने जैसी सिंचित फसलों के साथ-साथ ज्वार, बाजरा एवं तिलहन जैसी वर्षा आधारित फसलों की खेती में महत्त्वपूर्ण भूमिका।
- सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व: पंढरपुर स्थित विट्ठल मंदिर और भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल इसी नदी तंत्र से जुड़े हैं।