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पीएलआई (PLI)योजना का विस्तार रसायन और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों तक

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, PLI योजना
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ-

हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार रसायन और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के लिए ‘उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन’ (PLI) योजना के कार्यान्वयन पर विचार कर रही है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्र होना और वर्ष 2070 तक नेट-शून्य हासिल करना है।

मुख्य बिंदु-

  • वित्त मंत्री के अनुसार, बीएएसएफ, एडनॉक, रोसनेफ्ट और अरामको जैसे बड़े वैश्विक निवेशक भारत में निवेश के लिए संयुक्त उद्यम भागीदारों की तलाश कर रहे हैं।
  • सुश्री सीतारमण ने कहा कि, “जब तक स्थिरता के मामले में हमारे मानक, वैश्विक मानक या भारत द्वारा NDC के रूप में दी गई प्रतिबद्धता के अनुरूप नहीं होते हैं; तब तक इन वैश्विक बड़े निवेशकों के साथ भागीदारी करते समय भारत को लाभ नहीं होने वाला है।“
  • रसायन उद्योग के कई क्षेत्रों को प्रभावित करने वाली विपरीत शुल्क संरचनाओं पर सुश्री सीतारमण ने कहा कि “सरकार उन्हें ठीक करने के लिए तैयार है, इससे मूल्य शृंखला में अन्य उत्पादों के लिए कर सुधार प्रभावित हो सकता है।“

उद्देश्य-

  • भारत में बनाए जा सकने वाले रसायनों के आयात पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर।
  • सुश्री सीतारमण ने फिक्की द्वारा आयोजित ‘वैश्विक रसायन और पेट्रोकेमिकल विनिर्माण शिखर सम्मेलन’ में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि “हम भारत को एक विनिर्माण केंद्र बनाने के पक्ष में हैं, इसलिए निश्चित रूप से हम रासायनिक और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों के लिए भी पीएलआई(PLI) पर विचार करेंगे।“
  • वित्त मंत्री ने कहा कि, "नेट जीरो तब तक हासिल नहीं किया जा सकता जब तक कि प्रत्येक उद्योग और क्षेत्र इसमें योगदान नहीं देता। हम हरित विकास पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। कार्बन की तीव्रता को कम किया जाना है, इसलिए प्रत्येक क्षेत्र को इसमें योगदान देना होगा।"
  • यह विचार ऐसे समय में आया है जब भारत अपने क्रूड ऑयल का 46 प्रतिशत हिस्सा रूस से आयात करता है। अब जब भारत को दी जाने वाली छूट कम हो रही है, तो आपूर्ति के एक स्रोत पर बहुत अधिक निर्भर रहने से लंबे समय में समस्याएं पैदा हो सकती हैं, खासकर अगर प्रतिबंध और कड़े हो जाएं।
  • पीएलआई (PLI)योजना इलेक्ट्रिक वाहनों, ग्रिड स्थिरता बनाए रखने, सोलर रूफटॉप, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स आदि पर भी लागू है। इसलिए यह नवीकरणीय ऊर्जा की ओर भारत सरकार के प्रयास में सहयोगी साबित होगा।
  • पीएलआई(PLI) योजना द्वारा भारतीय निर्माताओं और उद्योगों को बढ़ावा देकर वर्ष 2070 तक नेट शून्य हासिल करना है।

पूर्व के कार्य-

  • फरवरी 2022 में, रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा था कि, मंत्रालय घरेलू उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रासायनिक क्षेत्र के लिए एक पीएलआई(PLI) योजना लाने की योजना बना रहा है।
  • सरकार ने 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एसीसी की 50 गीगा वाट घंटे (GWH) की विनिर्माण क्षमता प्राप्त करने के लिए पीएलआई(PLI) योजना 'एसीसी बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय कार्यक्रम' को मंजूरी दी।
  • इस पहल के तहत, सरकार का जोर अधिक से अधिक घरेलू मूल्यवर्धन हासिल करना है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि भारत में बैटरी निर्माण की लागत विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी हो।
  • एसीसी उन्नत भंडारण प्रौद्योगिकियों की नई पीढ़ी है जो विद्युत ऊर्जा को इलेक्ट्रोकेमिकल या रासायनिक ऊर्जा के रूप में संग्रहीत कर सकती है और आवश्यकता पड़ने पर इसे वापस विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर सकती है।
  • जुलाई 2023 में सरकार ने उन्नत रसायन विज्ञान सेल विनिर्माण के 20 गीगावाट घंटे (GWH) के लिए पीएलआई के नीलामी की घोषणा की।
  • भारी उद्योग मंत्रालय 20 गीगावॉट क्षमता की पुन: नीलामी प्रक्रिया शुरू करने से पहले 24 जुलाई, 2023 को उद्योग प्रतिनिधियों के साथ उनके इनपुट और सुझावों के लिए हितधारक परामर्श की सुविधा प्रदान करेगा।

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (Production Linked Incentive Scheme -PLI)-

  • यह भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में शुरू की गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य विनिर्माताओं को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करके विभिन्न क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
  • इस योजना का उद्देश्य विदेशी निवेश को आकर्षित करना , रोजगार के अवसर पैदा करना, उत्पादन और निर्यात में वृद्धि करना और आयात पर निर्भरता को कम करना है।
  • यह योजना विभिन्न क्षेत्रों पर लागू है, जिसमें ऑटो घटक, ऑटोमोबाइल, विमानन, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, खाद्य प्रसंस्करण, चिकित्सा उपकरण, धातु और खनन, फार्मास्यूटिकल्स, नवीकरणीय ऊर्जा, दूरसंचार, कपड़ा और परिधान, सफेद सामान शामिल हैं।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- पीएलआई योजना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –

1. इसकी शुरआत भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में की गई ।
2. इसका उद्देश्य विनिर्माताओं को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करके विभिन्न क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए-

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर- (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- सरकार का लक्ष्य 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्र होना और 2070 तक नेट-शून्य हासिल करना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति में पीएलआई योजना का रसायन और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों तक विस्तार किस प्रकार सहयोगी होगा? विवेचना कीजिए।

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