New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video

गामा किरण उत्सर्जक आकाश गंगा की खोज

(प्रारंभिक परीक्षा- सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : अंतरिक्ष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ)

संदर्भ

हाल ही में, खगोल वैज्ञानिकों ने गामा किरण का उत्सर्जन करने वाली एक नई सक्रिय आकाशगंगा का पता लगाया है।

रेड-शिफ्ट

  • वर्ष 1929 में एडमिन हब्बल ने बताया था कि ब्रह्मांड का निरंतर विस्तार हो रहा है। तब से यह ज्ञात है कि अधिकतर आकाशगंगाएँ हमारी आकाशगंगा से दूर जा रही हैं।
  • इन आकाशगंगाओं से प्रकाश दीर्घ रेडियो तरंग की ओर स्थानांतरित हो जाता है, इसे ‘रेड-शिफ्ट’ कहा जाता है। वैज्ञानिक ब्रह्मांड के प्रारंभिक चरण को समझने के लिये इस प्रकार की ‘रेड-शिफ्ट’ वाली आकाशगंगाओं का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रमुख बिंदु

  • इस सक्रिय आकाशगंगा को ‘नेरो लाइन सीफर्ट-1’ (Narrow-Line Seyfert-1 : NLS-1) गैलेक्सी कहा जाता है। यह अंतरिक्ष में दुर्लभ है। इसकी पहचान सुदूर स्थित गामा किरण उत्सर्जन करने वाली एक नई सक्रिय आकाशगंगा के रूप में हुई है। यह लगभग 31 बिलियन प्रकाश वर्ष दूरी पर स्थित है।
  • नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संसथान (Aryabhatta Research Institute of Observational Sciences- ARIES) के वैज्ञानिकों ने अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं के सहयोग से लगभग 25,000 चमकीले ‘सक्रिय ग्लैक्टिक न्यूकली’ (गांगेय नाभिक) (Active galactic nuclei- AGN) का अध्ययन ‘स्लोन डिजिटल स्काई सर्वे’ (Sloan Digital Sky Survey- SDSS) से किया और पाया कि एक अद्वितीय पिंड उच्च रेड-शिफ्ट पर (एक से अधिक) अत्यधिक ऊर्जा युक्त गामा किरणों का उत्सर्जन कर रहा है।
  • विदित है कि ए.आर.आई.ई.एस. ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग’ का एक स्वायत्त संस्थान है, जबकि एस.डी.एस.एस. खगोलीय वस्तुओं का एक प्रमुख ऑप्टिकल इमेजिंग तथा स्पेक्ट्रोस्कॉपिक सर्वेक्षण है, जिसका प्रयोग विगत 20 वर्षों से किया जा रहा है।
  • शक्तिशाली सापेक्षिक जेट या ब्रह्मांड में कणों के स्रोत प्रकाश की गति से यात्रा करते हैं। ये स्रोत वृहद् ब्लैकहोल की ऊर्जा से संचालित ए.जी.एन. से उत्पन्न होते हैं और इसे एक विशाल अंडाकार आकाशगंगा में होस्ट किया जाता है। हालाँकि, एन.एल.एस.-1 से गामा किरण का उत्सर्जन सापेक्षिक जेट के निर्माण के विचार को चुनौती देता है, क्योंकि एन.एल.एस.-1 ए.जी.एन. का एक अनूठा वर्ग है, जिसे कम द्रव्यमान वाले ब्लैकहोल से ऊर्जा मिलती है और इसे सर्पिल आकाशगंगा में होस्ट किया जाता है। 

सापेक्षिक जेट (Relativistic Jet)

  • सापेक्षिक जेट अत्यधिक द्रव्यमान वाले ब्लैक होल द्वारा उत्पन्न किया जाने वाला जेट होता है, जो ब्लैक होल के केंद्र से बाहर की ओर गतिमान होता है। इसकी गति की दिशा ब्लैक होल के घूर्णन अक्ष के सामानांतर होती है।
  • इसका निर्माण ब्लैक होल्स के गुरुत्वीय क्षेत्र में उपस्थित विकिरण, धूल-कणों और गैसों आदि से होता है। इस जेट में उपस्थित कणों की गति प्रकाश के वेग के सामान होती है। इन सापेक्षिक जेट्स को ब्रह्मांड में सबसे तेज़ी से गति करने वाली ‘कॉस्मिक किरणों’ की उत्पत्ति का स्रोत भी माना जाता है।
  • नए गामा किरण उत्सर्जक एन.एल.एस.-1 का निर्माण तब होता है, जब ब्रह्मांड अपनी वर्तमान आयु (13.8 बिलियन वर्ष) की तुलना में 4.7 अरब वर्ष ही पुराना होता है।
  • इससे गामा-किरण उत्सर्जित करने वाली नई आकाशगंगाओं का पता लगाने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस शोध के लिये वैज्ञानिकों ने अमेरिका के हवाई स्थित में स्थित विश्व की सबसे बड़ी 8.2एम सुबारू टेलीस्कोप का प्रयोग किया था।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR