चर्चा में क्यों ?
भारत सरकार ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) के माध्यम से एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी कर बांग्लादेश से कुछ जूट उत्पादों और रस्सियों के स्थल मार्ग से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। अब ये उत्पाद केवल महाराष्ट्र के न्हावा शेवा बंदरगाह से ही आयात किए जा सकेंगे।

प्रमुख बिन्दु:
- 27 जून 2025:
- भारत ने बांग्लादेश से जूट उत्पादों और बुने हुए कपड़ों के सभी स्थल मार्गों से आयात पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन समुद्री मार्ग से अनुमति बनी रही।
- अगस्त 2025 की नई अधिसूचना:
- प्रतिबंध को और कठोर बनाते हुए स्पष्ट कर दिया गया कि कुछ विशेष जूट उत्पाद अब केवल न्हावा शेवा से ही आयात होंगे, भूमि मार्ग से बिल्कुल नहीं।
- किस पर प्रतिबंध:
- जूट के कपड़े
- जूट की सुतली, डोरी, रस्सी
- जूट के बोरे और थैले
सरकार का उद्देश्य
- आयातित जूट उत्पादों की गुणवत्ता में गिरावट और मानक उल्लंघन को रोकना।
- भारतीय जूट उत्पादकों को सस्ती और निम्न गुणवत्ता वाले विदेशी उत्पादों से बचाना।
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ही उत्पाद बाजार में आएं।
भारत-बांग्लादेश जूट व्यापार का संदर्भ
- जूट को ‘Golden Fibre’ कहा जाता है और यह भारत-बांग्लादेश के साझा कृषि-औद्योगिक इतिहास का हिस्सा है।
- बांग्लादेश, विश्व में जूट उत्पादों का सबसे बड़ा निर्यातक है और भारत इसका एक प्रमुख आयातक।
- बांग्लादेश से आयातित जूट उत्पाद भारत के पैकेजिंग, कृषि और निर्माण क्षेत्रों में उपयोग होते हैं।
- भारत पहले भी गुणवत्ता और डंपिंग के मुद्दों को लेकर बांग्लादेशी जूट उत्पादों पर प्रतिबंध लगा चुका है (जैसे 2017 में एंटी-डंपिंग ड्यूटी)।
प्रश्न. अगस्त 2025 की नई अधिसूचना के अनुसार प्रतिबंधित जूट उत्पादों का आयात अब केवल किस बंदरगाह से संभव है ?
(a) कोलकाता बंदरगाह
(b) कांडला बंदरगाह
(c) न्हावा शेवा बंदरगाह, महाराष्ट्र
(d) विशाखापट्टनम बंदरगाह
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