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भारतीय गैंडों का अवैध शिकार

(प्रारंभिक परीक्षा : पर्यावरणीय पारिस्थितिकी एवं जैव-विविधता)

चर्चा में क्यों  

वर्ष 2022 में असम में गैंडों के अवैध शिकार की कोई भी घटना घटित नहीं हुई है। वर्ष 2022 से पूर्व वर्ष 1977 में आखिरी बार गैंडों के शिकार की कोई भी सूचना नहीं मिली थी।

प्रमुख बिंदु 

  • असम में गैंडे का अंतिम अवैध शिकार दिसंबर 2021 में गोलाघाट ज़िले के हिलाकुंडा, कोहोरा में हुआ था।  
  • वर्ष 2000 और 2021 के बीच असम में लगभग 191 गैंडों का शिकार किया गया था। जबकि वर्ष 2013 और 2014 में प्रत्येक में 27 गैंडों का शिकार हुआ था। 
  • गैंडों का शिकार उनके सींग के लिये किया जाता है। सींग का उपयोग पारंपरिक चीनी चिकित्सा में कैंसर उपचार से लेकर कामोत्तेजक दवाओं में होता है।  

ग्रेटर वन-हॉर्नड राइनो

  • इसे भारतीय गैंडे के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम राइनोसेरोस यूनिकॉर्निस (Rhinoceros unicornis) है। 
  • इसकी सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता एक काला सींग होता है जो 60 सेमी. तक लंबा हो सकता है। ये ब्रह्मपुत्र घाटी और उत्तरी बंगाल एवं दक्षिणी नेपाल के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं। 
  • वनों में इनकी कुल आबादी लगभग 3,700 हैं, जिनमें से 2,613 गैंडे काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं, जबकि इनकी सीमित आबादी ओरंग एवं मानस राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में भी निवास करती हैं।

असम के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान 

  • यह राष्ट्रीय उद्यान असम के गोलाघाट, नागांव और सोनितपुर ज़िलों में विस्तृत है। यह ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित है।
  • इस राष्ट्रीय उद्यान में विश्व के 70% से अधिक एक सींग वाले गैंडों का निवास है। 
  • इसे वर्ष 1985 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

ओरंग राष्ट्रीय उद्यान 

  • यह राष्ट्रीय उद्यान असम के दरांग और सोनितपुर ज़िलों में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित है। यह एक टाइगर रिज़र्व भी है।
  • इस राष्ट्रीय उद्यान को सितंबर 2021 तक राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता था। 

मानस राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान पश्चिमी असम में हिमालय की तलहटी के भाबर क्षेत्र में मानस नदी के किनारे स्थित है।
  • यह एक टाइगर रिजर्व एवं बायोस्फीयर रिजर्व होने के साथ ही यूनेस्को द्वारा घोषित एक विश्व धरोहर स्थल भी है। 

गैंडो का संरक्षण

  • इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की लाल सूची में सुभेद्य (Vulnerable) श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है। 
  • यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में सूचीबद्ध है। साथ ही, साइट्स (CITES) के तहत गैंडो के सींगों के व्यापार पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लगा हुआ है। 
  • प्रतिवर्ष 22 सितंबर को ‘विश्व राइनो दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस वर्ष 2022 में ‘फाइव राइनो स्पीशीज फॉरएवर’ थीम के तहत मनाया गया है।

विश्व में गैंडों की चार अन्य प्रजातियाँ

अवस्थिति

आई.यू.सी.एन. का लाल सूची

ब्लैक राइनो 

व्हाइट राइनो 

सुमात्रा राइनो 

जावा राइनो 

अफ्रीका

अफ्रीका

इंडोनेशिया

इंडोनेशिया

अत्यधिक संकटग्रस्त

निकट संकटग्रस्त

अत्यधिक संकटग्रस्त

अत्यधिक संकटग्रस्त

भारतीय गैंडो के संरक्षण हेतु प्रयास 

  • वर्ष 2019 में असम सरकार ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गैंडों के अवैध शिकार को नियंत्रित करने के लिये एक विशेष राइनो सुरक्षा बल (Special Rhino Protection Force) का गठन किया था।
  • असम के राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों में शिकारियों को खोजने के लिये एक प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड तैनात किया गया है। 
  • इस डॉग स्क्वायड को 'के9 यूनिट' के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना वर्ष 2011 में जैव विविधता संगठन 'आरण्यक' द्वारा की गई थी।

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