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केरल में बारिश के कारण ऑरेंज अलर्ट एवं पीला अलर्ट जारी

प्रारम्भिक परीक्षा – चक्रवाती परिसंचरण , ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert), पीला अलर्ट (Yellow Alert), लेप्टोस्पाइरोसिस (leptospirosis)
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 और 3

संदर्भ

  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने केरल में भारी बारिश के कारण तीन जिलों तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और पथानामथिट्टा में ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) तथा शेष 10 जिलों में पीला अलर्ट (Yellow Alert)  जारी किया है।

Orange-Alert

प्रमुख बिंदु 

  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation)या चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र जो क्षोभमंडल के निचले स्तर (lower Tropospheric) पर बना है,जिसके कारण तमिलनाडु के तटीय एवं उसके आसपास के क्षेत्र में वर्षा हो रही है।
  • IMD के अनुसार, एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण लक्षद्वीप और उसके आसपास के दक्षिण-पूर्व अरब सागर और केरल तट पर भी बना हुआ है, जो औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर तक फैला हुआ है, जिसके कारण केरल में भारी वर्षा हो रही है।
  • केरल में अत्यधिक वर्षा होने के कारण कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट तथा पीला अलर्ट जारी कर दिया गया है।  
  • ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) : यह अलर्ट उस समय जारी किया जाता है, जब वर्षा 6 से 20 सेमी. तक होती है।
  • पीला अलर्ट (Yellow Alert) :  यह उस समय जारी किया जाता है, जब वर्षा 6 से 11 सेमी तक होती है।

weather-alert

येलो अलर्ट (Yellow Alert)

  • येलो अलर्ट का मतलब लोगों को केवल सतर्क करना होता है।

ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) -

  • ऑरेंज अलर्ट का मतलब यह होता है कि भारी बारिश के कारण इधर-उधर जाने से परहेज करना या सावधानी बरतना  है।

रेड अलर्ट( Red Alert) -

  • रेड अलर्ट का मतलब अत्यधिक खतरा होता है अर्थात भारी बारिश से लोगों को अत्यधिक जान-माल के नुकसान की आशंका से है।
  • मौसम विभाग रेड अलर्ट बाढ़, तूफान या भीषण बारिश के समय ही जारी करता है।

ग्रीन अलर्ट (Green Alert) –

  यह कोई अलर्ट नहीं  होता है बल्कि प्रचंड मौसम के बाद जब हालात सामान्य हो जाते हैं, तो मौसम विभाग ग्रीन अलर्ट जारी करता है, इसका मतलब लोगों को  सुरक्षित महसूस करना है।

केरल में भारी बारिश का प्रभाव 

  • केरल में भारी बारिश के कारण कई हिस्सों में बाढ़ तथा भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है।
  • धान के खेत जलमग्न हो गए हैं जिससे जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। 
  • बाढ़ वाले क्षेत्रों में लेप्टोस्पायरोसिस जैसी संक्रामक बीमारियों के फैलने की संभावना है। यह बीमारी दूषित पानी या मिट्टी के संपर्क में आने के कारण होता है। 

लेप्टोस्पाइरोसिस (leptospirosis)

  • यह एक जीवाणु जनित रोग है, जो संक्रमित पशुओं जैसे चूहों के मूत्र से फैलता है।
  • यह बीमारी मनुष्यों में संक्रमित जानवरों के मूत्र के सीधे संपर्क में आने या उनके मूत्र से दूषित पानी, मिट्टी या भोजन के माध्यम से हो सकता है। 
  • यह बीमारी गर्म जलवायु क्षेत्र में सबसे ज्यादा पाई जाती है।

लेप्टोस्पाइरोसिस (leptospirosis) के लक्षण

  • इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में सिरदर्द, तेज बुखार, रक्तस्राव, ठंड लगना,मांसपेशियों में दर्द, आँखों का लाल होना तथा उल्टी होना आदि हैं।
  • यह एक ऐसी बीमारी है जिससे किडनी और लीवर ख़राब हो सकते हैं जिस कारण से व्यक्ति की मृत्यु तक  हो सकती है। 
  • इस बीमारी से राहत पाने के लिए एंटीबायोटिक्स  का उपयोग संक्रमण को साफ़ करने में किया जाता है।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- हाल ही में भारी बारिश के कारण निम्नलिखित में से किस राज्य में ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) एवं पीला अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है?

(a) कर्नाटक 

(b) तमिलनाडु

(c) केरल 

(d) आंध्रप्रदेश

उत्तर - (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न -  चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) क्या है? इससे भारत पर पड़ने वाले प्रभावों की व्याख्या कीजिए।

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