New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

इराक-तुर्कियेडेवलपमेंट रोड प्रोजेक्ट

संदर्भ

इराक की राजधानी बगदाद में इराक की महत्वकांक्षी डेवलपमेंट रोड प्रोजेक्ट (Development Road Project) पर सहयोग के लिए इराक, तुर्किये, कतर और संयुक्त अरब अमीरात के बीच प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

डेवलपमेंट रोड प्रोजेक्ट के बारे में 

  • यह "विकास का मार्ग" फारस की खाड़ी स्थित इराकी बंदरगाह को उत्तर में तुर्किये की सीमा से जोड़ता है। 
    • इसमें इराक़ के बसरा प्रांत में अल फाव बंदरगाह से उत्तर में तुर्किये सीमा तक लगभग 1,200 किमी दो-तरफ़ा रेल ट्रैक और एक नया मोटरमार्ग बनाना शामिल है।
  • इराक की महत्वाकांक्षी $17 बिलियन की यह परियोजना स्वेज नहर के माध्यम से क्षेत्र के मौजूदा एकमात्र अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्ग के विकल्प के रूप में प्रतुत की गई है। 
    • इस डेवलपमेंट रोड को पहली बार 2010 में एक सरकारी परियोजना के रूप में घोषित किया गया था। 
  • लक्ष्य : इस परियोजना का लक्ष्य एक स्थायी गैर-तेल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करना है।
  • इराक के पुराने परिवहन नेटवर्क को पुनर्जीवित करने और देश के विशाल क्षेत्र में विकास के अवसर खोलने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

MAPE

आर्थिक महत्त्व 

  • डेवलपमेंट रोड प्रोजेक्ट पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाली एक स्थायी अर्थव्यवस्था निर्माण करने, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने, आवाजाही और वाणिज्य को सुविधाजनक बनाने, एक नए प्रतिस्पर्धी परिवहन मार्ग स्थापित करना और क्षेत्रीय आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देना है।
  • यह टिकाऊ गैर-तेल अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तंभ है। साथ ही, इससे इराक के विशाल क्षेत्रों का विकास भी होगा। 
  • अनुमान है कि विकास सड़क परियोजना $4 बिलियन का वार्षिक राजस्व और कम से कम 100,000 नौकरियाँ उत्पन्न कर सकती है।

भूराजनीतिक महत्त्व 

  • सामरिक भौगोलिक स्थिति : इस परियोजना के माध्यम से इराक़ अपनी सामरिक भौगोलिक स्थिति फ फायदा उठाना चाहता है।
    • परियोजना के विकसित होने से फारस की खाड़ी से तुर्किये के रास्ते पूर्वी के यूरोप देशों तक सीधा संपर्क स्थापित किया जा सकता है। 
    • यह परियोजना इराक को खाड़ी, तुर्किये और यूरोप के बीच माल और यात्रिओं के लिए परिवहन केंद्र के रूप में स्थापित करने की क्षमता रखती है।     
  • आईएमईसी का विकल्प : इराक़ और तुर्किये दोनों ही इस परियोजना को तेजी से अग्रसारित कर रहे हैं, वस्तुत: ये दोनों देश भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) में शामिल नहीं है। 
    • आईएमईसी के विपरीत, इस डेवलपमेंट रोड में लोडिंग और अनलोडिंग पॉइंट कम होने से परिवहन लागत और पारगमन समय में उल्लेखनीय कमी की जा सकती है।
  • क्षेत्रीय स्थिरता : यह क्षेत्र को आर्थिक रूप से उन्नत करने में मददगार हो सकता है। विकास मार्ग न केवल दूरियां को कम करेगा बल्कि क्षेत्र के लोगों और उनकी संस्कृतियों को जोड़ने वाले एक पुल की तरह कार्य करेगा। इससे क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को समर्थन मिलेगा।
  • भारत के लिए लाभ
  • यह परियोजना भारत के लिए एक छोटे और कुशल व्यापार गलियारे का विकल्प प्रदान कर सकती है, जिससे भारतीय वस्तुओं को यूरोपीय बाजारों तक पहुंचने के लिए परिवहन समय और लागत कमी आएगी।
  • गज़ा संकट और इजराइल को लेकर अरब देशों के अविश्वास के चलते भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की परियोजना को मूर्त रूप प्रदान करने में लगातार चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।
  • ऐसे में इराक़ की डेवलपमेंट रोड परियोजना भारत की बढ़ती निर्यात अर्थव्यवस्था को खाड़ी देशों के साथ-साथ तुर्किये के रास्ते पूर्वी यूरोप और रूस तक पहुँचाने का एक विकल्प प्रदान कर सकती है।  

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा

  • नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर समेलन के दौरान IMEC की घोषणा की गई थी।
  • इस परियोजना में भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्राँस, इटली, जर्मनी और अमेरिका शामिल हैं। 
  • लक्ष्य : आई.एम.ई.सी. में शामिल देशों के बीच ऊर्जा उत्पादों सहित व्यापार को बढ़ावा देना। 
  • इसमें भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ने वाला एक पूर्वी गलियारा और खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ने वाला एक उत्तरी गलियारा शामिल है।

CORRIDOR

आई.एम.ई.सी. का महत्त्व 

  • इस गलियारा से भारत से यूरोप पहुँचने में 40% समय की बचत होगी। यूरोप तक सीधी पहुँच से भारत के लिए आयात-निर्यात आसान और सस्ता होगा। 
  • निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में विकास के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचे की कमी से निपटने में मदद करेगी। 
  • इस परियोजना को ‘महाद्वीपों एवं सभ्यताओं के बीच एक हरित एवं डिजिटल पुल’ भी कहा गया है। 
  • इसमें शामिल देशों के बीच ऊर्जा और डिजिटल संचार को बढ़ावा देने के साथ ही यह गलियारा पूरी दुनिया की कनेक्टिविटी और सतत् विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

डेवलपमेंट रोड के लिए चुनौतियाँ

  • बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव से प्रतिस्पर्धा : डेवलपमेंट रोड को बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) जैसे स्थापित व्यापार गलियारे से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।  
  • बीआरआई के माध्यम से चीन द्वारा एशिया, अफ्रीका और यूरोप तक फैले 150 से अधिक देशों में बंदरगाह, पुल और रेल लाइन जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है।
  • यद्यपि चीन का दावा है कि यह पूरी तरह से एक आर्थिक पहल है, लेकिन भारत सहित कई देश इस तर्क को मानने को तैयार नहीं हैं। इस परियोजना में शामिल होने से कई देशों की यह चीन पर या तो निर्भरता बढ़ी है या वे चीन के "ऋण जाल" का शिकार बने हैं। 
  • प्रतिद्वंदी गलियारे के रूप में आईएमईसी की उपस्थिति : विशेष रूप से भारत सऊदी अरब और अमेरिका समर्थित ‘भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’(आईएमईसी) इराक़ की डेवलपमेंट रोड परियोजना के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। 
  • भारत जैसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था और बड़े क्षेत्रीय बाजार की उपस्थिति के बिना एशिया को यूरोप से जोड़ने वाली किसी परियोजना की आर्थिक व्यवहार्यता धूमिल हो सकती है। 
  • सशस्त्र उग्रवादी संगठन : इराक़ और तुर्किये की सीमा पर सशस्त्र उग्रवादी संगठनों की उपस्थिति भी इस परियोजना के लिए एक प्रमुख चुनौती है। इससे क्षेत्र में सक्रिय उग्रवादी कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पी.के.के.) आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने के लिए जानी जाती है।
  • खाड़ी से यूरोप तक जाने वाला यह जमीनी गलियारा तुर्किये के उस क्षेत्र से होकर गुजरता है जहां तुर्किये कुर्द पी.के.के. समूह का संघर्ष चल रहा है।
  • हालाँकि, कुवैत और इराक इसे संभव बनाने के लिए कूटनीतिक और राजनीतिक प्रयास कर रहे हैं।
  • वित्त पोषण : तुर्किये और इराक के बीच एक नए व्यापारिक रोड के निर्माण की लागत बहुत अधिक है जिसे इराकी सरकार अकेले नहीं कर सकती। 
  • परियोजना की सफलता में मुख्य बाधाएँ इस तरह के मेगाप्रोजेक्ट के लिए स्थायी वित्त पोषण हासिल करने में कठिनाई और इराकी राज्य संस्थानों में बड़े पैमाने पर अक्षमता और भ्रष्टाचार हैं। 
  • तुर्किये और पीकेके के बीच संघर्ष के समाधान के बिना इसके लिए बड़ी मात्रा में निवेश आकर्षित करना आसान नहीं होगा।
  • निवेश को आकर्षित करने के लिए सबसे पहले यह आवश्यक है कि इराक में अधिक स्थिरता हो और खाड़ी देश इराक में अधिक निवेश करने के लिए सहज महसूस कर सके।
  • असुरक्षा और अस्थिरता की संभावना विकास मार्ग में निवेशकों और इससे लाभ चाहने वाले देशों को हतोत्साहित कर सकती है।
  • सुरक्षित लाल सागर मार्ग : लाल सागर के बाधित होने के कारण विकल्प खोजने में देशों में अधिक रुचि दिखाई है। नए वैकल्पिक गलियारे को "व्यवहार्य बनाने के लिए आवश्यक सुरक्षा समाधान" के साथ सही तरीके से चलने में समय लगेगा।
  • उस समय में, लाल सागर की रुकावटें समाप्त हो सकती हैं और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सामान्य हो सकता है और वैकल्पिक गलियारें आवश्कता समाप्त हो सकती है।

आगे की राह

  • इराकी सरकार को विकास सड़क के रणनीतिक मूल्य को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त व्यवहार्यता को बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय समर्थन के साथ-साथ अन्य देशों को इसमें निवेश करने के लिए प्रेरित करना होगा।
  • सीमाओं को देशों और महाद्वीपों के बीच संपर्क बिंदुओं में बदलने का विचार हाल के वर्षों में फला-फूला है। लेकिन आंतरिक गणनाओं से प्रेरित और राष्ट्रवादी लोकलुभावन बयानबाजी में लिपटी ऐसी कई परियोजनाएं अंततः आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के बजाय प्रतिस्पर्धा बढ़ा सकती हैं और संघर्ष को बढ़ावा दे सकती हैं। 
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR