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चावल निर्यात पर प्रतिबंध

(प्रारंभिक परीक्षा- भारत एवं विश्व का आर्थिक भूगोल)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : अर्थव्यवस्था एवं कृषि)

संदर्भ 

हाल ही में, केंद्र सरकार ने गैर-बासमती चावल पर 20% निर्यात शुल्क लगाने के साथ-साथ टूटे हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। 

हालिया घटनाक्रम 

  • विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) के अनुसार टूटे हुए चावल की निर्यात नीति को 'मुक्त' श्रेणी से हटाकर 'निषिद्ध' श्रेणी में शामिल कर दिया गया है।
  • डी.जी.एफ.टी. के अनुसार संक्रमणकालीन व्यवस्था के संबंध में विदेश व्यापार नीति 2015-2020 के तहत प्रावधान इस अधिसूचना पर लागू नहीं होंगे।

निर्यात की स्थिति 

  • वर्ष 2019 के समान महीनों की तुलना में अप्रैल 2022 से अगस्त 2022 के मध्य टूटे चावल के निर्यात में 4178% की वृद्धि हुई है।
  • इसका निर्यात मुख्यत: चीन, सेनेगल, वियतनाम, जिबूती और इंडोनेशिया को किया जाता है।
  • विगत चार वर्षों में टूटे चावल के निर्यात में 43 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।
  • भू-राजनीतिक परिदृश्य के कारण टूटे चावल (Broken Rise) की वैश्विक मांग में वृद्धि हो रही है।

निर्यात पर प्रतिबंध के कारण 

  • पशु चारा (Animal Feed) और घरेलू कुक्कुट उद्योग (Poultry Feed) को पर्याप्त उपलब्धता के लिये।
  • पोल्ट्री फीड में टूटे चावल का अत्यधिक प्रयोग होता है। 
  • इसकी कमी से अंडा, मांस आदि के मूल्य में वृद्धि होगी।
  • इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन के लिये।
  • इथेनॉल उत्पादन के लिये एक घटक के रूप में टूटे चावल का उपयोग किया जाता है।
  • चावल की घरेलू मांग और उत्पादन परिदृश्य को देखते हुए अधिक घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से।
  • देश में चालू खरीफ मौसम के दौरान धान के उत्पादन और रकबे में लगभग 6% की कमी होने की संभावना है।
  • चावल के घरेलू मूल्यों में भी वृद्धि की प्रवृत्ति। 
  • कम उत्पादन पूर्वानुमान और गैर-बासमती चावल के निर्यात में 11% की वृद्धि के कारण मूल्य वृद्धि जारी रह सकती है।

प्रभाव 

  • निर्यात पर अंकुश लगाने से वैश्विक रूप से चावल के मूल्यों में वृद्धि की संभावना। 
  • इससे गेहूं एवं मकई की मांग में वृद्धि होगी जिससे खाद्य मुद्रास्फीति की आशंका है।
  • थाईलैंड और वियतनाम जैसे चावल निर्यातक देशों द्वारा कीमतों में वृद्धि की संभावना। 
  • चावल की बढ़ती कीमतों से चीन और फिलीपींस जैसे विश्व के शीर्ष चावल आयातक देशों के तत्काल प्रभावित होने की संभावना।
  • चीन जानवरों के चारे में उपयोग के लिये भारत से बड़े पैमाने पर टूटे चावल का आयात करता है।
  • मूल्य वृद्धि से इसके मकई पर स्थानांतरित होने की संभावना है।

वैश्विक चावल उत्पादन में भारत 

  • चीन के पश्चात भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
  • वैश्विक चावल शिपमेंट  में भारत की हिस्सेदारी 40% से अधिक है।
  • भारत को वैश्विक बाज़ार में थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और म्यांमार के साथ प्रतिस्पर्धा करना पड़ता है।
  • भारत में लगभग 50 से 60 लाख मीट्रिक टन (LMT) वार्षिक टूटे चावल का उत्पादन होता है।

चावल उत्पादन की स्थिति 

  • शीर्ष चावल उत्पादक देश- चीन>भारत>इंडोनेशिया>बांग्लादेश>वियतनाम>थाईलैंड
  • वर्ष 2020-21 तक भारत के शीर्ष 3 चावल उत्पादक राज्य- पश्चिम बंगाल>उत्तर प्रदेश>पंजाब
  • विश्व में शीर्ष फसल उत्पादन- गन्ना>मक्का>चावल
  • विश्व के केवल 10 देश लगभग 85% चावल का उत्पादन करते हैं। 
  • ब्राजील को छोड़कर विश्व के सभी शीर्ष 10 उत्पादक देश एशिया में स्थित हैं।
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