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भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक की भारत यात्रा

प्रारंभिक परीक्षा- भूटान की 12 वीं- 13वीं पंचवर्षीय योजना, बासोचू जल विद्युत परियोजना, पुनात्सांगछू जलविद्युत परियोजना, कोकराझार-गेलेफू रेल लाईन
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2

संदर्भ-

  • भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक भूटान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 03-10 नवंबर,2023 तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं।

King-Jigme-Khesar

मुख्य बिंदु-

  • भूटान नरेश ने असम और नई दिल्ली की राजकीय यात्रा की।
  • यह भूटान नरेश की असम की पहली आधिकारिक यात्रा थी।
  • असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने भूटान नरेश से मुलाकात की और रेल कनेक्टिविटी, सीमा पार व्यापार, बुनियादी ढांचे, आर्थिक सहयोग, पर्यटन, शिक्षा, कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, लोगों के पोषण और लोगों के कनेक्शन से सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। 
  • नई दिल्ली से वह महाराष्ट्र जाएंगे। महाराष्ट्र की यह उनकी पहली आधिकारिक यात्रा होगी।
  • भूटान नरेश ने भारत द्वारा हाल ही में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन और दिल्ली घोषणा में निहित रचनात्मक निर्णयों और परिणामों के लिए आम सहमति बनाने की सराहना की। 
  • नरेश ने विशेष रूप से जी20 विचार-विमर्श और परिणाम दस्तावेजों में वैश्विक दक्षिण के देशों के हितों और प्राथमिकताओं को प्रभावी ढंग से एकीकृत करने में भारत के प्रयासों की सराहना की।
  • भूटान नरेश की यात्रा ने दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की लंबे समय से चली आ रही परंपरा को मजबूत किया। 
  • भूटान नरेश ने भारत के प्रधानमंत्री को भूटान की आधिकारिक यात्रा के लिए निमंत्रण दिया। माननीय प्रधानमंत्री ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया।  

द्विपक्षीय सहयोग-

  • यात्रा के दौरान भूटान के नरेश और भारतीय प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय सहयोग के सभी पक्षों और आपसी हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। 
  • भारत और भूटान के बीच दीर्घकालिक और असाधारण द्विपक्षीय संबंध हैं, जिनमें सभी स्तरों पर अत्यधिक विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ शामिल है। 
  • इस यात्रा ने दोनों पक्षों को बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए समझ बनाने का अवसर प्रदान किया है।
  • दोनों नेताओं ने अप्रैल,2023 में अपनी पिछली बैठक के बाद से हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। 
  • दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी पर सकारात्मक सहमति व्यक्त की, जिसमें व्यापक रूप में कनेक्टिविटी के नए क्षेत्र, सीमा पार व्यापार, बुनियादी ढांचे, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, पर्यावरण संरक्षण और लोगों से लोगों के बीच घनिष्ठ संपर्क और आपसी संबंध शामिल हैं। 

भारतीय समर्थन-

  • भूटान नरेश ने भूटान में चल रही सुधार प्रक्रिया पर अपनी दृष्टिकोण और अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने भूटान के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे अमूल्य समर्थन की सराहना की।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के साथ मित्रता और सहयोग के अपने अद्वितीय संबंधों के प्रति भारत की स्थायी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और शाही सरकार की प्राथमिकताओं के आधार पर भूटान में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए निरंतर और पूर्ण समर्थन की बात को दोहराया। 
  • भूटानी पक्ष ने 12वीं पंचवर्षीय योजना (2018-2023) के तहत महत्वपूर्ण परियोजनाओं के सुचारू और निर्बाध समापन को सुनिश्चित करने के लिए विकास सहायता समय पर जारी करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
  • अनुकरणीय द्विपक्षीय साझेदारी को आगे ले जाने के लिए भारतीय पक्ष ने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए समर्थन बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई, जिसका भूटानी पक्ष ने स्वागत किया।
  • जल विद्युत सहयोग भारत-भूटान द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है और यह दोनों देशों के लिए एक उत्पादक साझेदारी रही है। 
  • दोनों पक्षों ने अक्टूबर,2023 से भारतीय ऊर्जा एक्सचेंज के माध्यम से ‘बासोचू जल विद्युत परियोजना’ द्वारा अधिशेष बिजली के निर्यात का स्वागत किया, जिससे दूसरे ऊर्जा बाजार तक पहुंच का मार्ग प्रशस्त होगा।
  • दोनों पक्षों ने 1020 मेगावाट की ‘पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना’ के निर्माण में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और 2024 में इसके शीघ्र चालू होने की आशा व्यक्त की। 
  • दोनों नेताओं ने पुनात्सांगछू-I जलविद्युत परियोजना के शीघ्र समापन की दिशा में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
  • दोनों पक्षों ने जलविद्युत क्षेत्र में सहयोग के महत्व और इसे और आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
  • हाइड्रो में मौजूदा भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी को गैर-हाइड्रो नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सौर ऊर्जा के साथ-साथ हाइड्रोजन और ई-मोबिलिटी के लिए हरित पहल तक विस्तारित करने पर सहमति हुई। भारतीय पक्ष ने इन क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिए आवश्यक तकनीकी और वित्तीय सहायता का आश्वासन दिया।
  • साझेदारी के नए क्षेत्रों के संदर्भ में, जिसमें अब स्टार्टअप, अंतरिक्ष और STEM शिक्षा शामिल है, दोनों पक्षों ने STEM विषयों पर जोर देने के साथ शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।
  • दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष क्षेत्र के सहयोग में हुई प्रगति का स्वागत किया, जिसमें भारत और भूटान द्वारा संयुक्त रूप से विकसित पहले उपग्रह का प्रक्षेपण और वर्ष,2023 में थिम्पू में ग्राउंड अर्थ स्टेशन का उद्घाटन शामिल है। 
  • भारतीय पक्ष ने ‘इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस’(IBCA) में शामिल होने के भूटान के फैसले का स्वागत किया।

समझौते-

  • व्यापार, प्रौद्योगिकी, सीमा पार कनेक्टिविटी, आपसी निवेश, शिक्षा और लोगों से लोगों के बीच संबंधों पर द्विपक्षीय सहयोग को और विस्तारित करने के लिए निम्नलिखित बातों पर सहमति व्यक्त की गई-
    1. भारत सरकार के सहयोग से असम के कोकराझार को भूटान के गेलेफू से जोड़ने वाले प्रस्तावित सीमा पार रेल लिंक का भूटानी पक्ष के परामर्श से अंतिम स्थान का सर्वेक्षण (the Final Location Survey (FLS)) करना। 
    2. दोनों पक्षों ने भारतीय रेलवे द्वारा रेल-लिंक के प्रारंभिक इंजीनियरिंग-सह-यातायात (पीईटी) सर्वेक्षण के सफल समापन का उल्लेख किया। 
    3. दोनों पक्ष बनारहाट (पश्चिम बंगाल) और समत्से (भूटान) के बीच रेल-लिंक स्थापित करने पर विचार करने पर भी सहमत हुए। 
    4.  कनेक्टिविटी बढ़ाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भूमि मार्ग से तीसरे देश के नागरिकों के प्रवेश और निकास की सुविधा के लिए भूटान और भारत के बीच दरंगा (असम)/समद्रूप जोंगखार (भूटान) को आव्रजन जांच चौकी के रूप में नामित करना।
    5.  भारत सरकार ग्यालसुंग परियोजना के तहत कौशल विकास और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में रियायती वित्तपोषण के लिए भूटान के अनुरोध पर सकारात्मक रूप से विचार करेगी।
    6. बांग्लादेश के साथ भूटान के व्यापार के लिए हल्दीबाड़ी (पश्चिम बंगाल) - चिलाहाटी (बांग्लादेश) रेल मार्ग को एक अतिरिक्त व्यापार मार्ग के रूप में नामित करना।
    7. भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त परियोजनाओं और योजनाओं के लिए भूटान की 12वीं और 13वीं पंचवर्षीय योजनाओं के बीच की अवधि के लिए ब्रिज फाइनेंसिंग प्रदान की जाएगी।
    8. व्यापार बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, जिसमें भारत सरकार के सहयोग से दादगिरी (असम) में मौजूदा भूमि सीमा शुल्क स्टेशन को एकीकृत चेक पोस्ट में उपयुक्त उन्नयन के साथ-साथ गेलेफू (भूटान) में भूटानी पक्ष पर सुविधाओं का विकास भी शामिल है।
    9. पर्यावरण के क्षेत्रों में सहयोग विकसित करने के लिए रूपरेखा समझौता ज्ञापन के तहत पर्यावरण संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण, वानिकी में सहयोगात्मक ढांचे को मजबूत करना, क्षेत्र की पारिस्थितिक विविधता की सुरक्षा के लिए साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करना।
    10. भूटानी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण तक पहुंच सुनिश्चित करने के प्रयास के रूप में असम के मेडिकल कॉलेजों में भूटानी छात्रों के लिए अतिरिक्त एमबीबीएस सीटें आवंटित करना।
    11. भारत में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले भूटानी छात्रों के लिए राजदूत की छात्रवृत्ति के तहत परिव्यय को दोगुना करना।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- दरंगा और समद्रूप जोंगखार आव्रजन जांच चौकी की स्थापना किन दो देशों के बीच की जा रही है?

(a) भारत- भूटान

(b) भारत- नेपाल

(c) भारत-चीन

(c) भारत- म्यांमार

उत्तर-  (a)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- भूटान के सामाजिक-आर्थिक विकास में भारत सरकार का अमूल्य योगदान है।विवेचना कीजिए।

स्रोत- विदेश मंत्रालय

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