'अर-रिनम', अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम शियांग ज़िले में स्थानीय जनजातियों में प्रचलित लॉकडाउन के समरूप एक पारम्परिक रिवाज है। यहाँ जब भी किसी महामारी का प्रकोप होता है, 48 घंटों के लिये लॉकडाउन की तरह 'अर-रिनम' लागू किया जाता है।
- अरुणाचल प्रदेश भौगोलिक रूप से चीन के हुबेई प्रांत (जहाँ से कोरोना महामारी का प्रसार शुरू हुआ) के निकट है। COVID-19 के प्रकोप को देखते हुए यहाँ की स्थानीय जनजाति गालो द्वारा 'अर-रिनम' लागू कर दिया गया है।
- 'अर-रिनम' शुरू होने पर, गालो लोग पारम्परिक रूप से अली-तरणम (Ali-Ternam) अनुष्ठान का आयोजन करते हैं। विगत 30-40 वर्षों में यह पहला अवसर है जब इस अनुष्ठान का आयोजन इंसानों की सुरक्षा के लिये किया जा रहा है।
- अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी शियांग तथा निचली दिबांग घाटी ज़िलों में आदि समुदाय द्वारा भी एक समरूप अनुष्ठान मोटर (Motor) का आयोजन किया जाता है।
- पापुम पारे तथा पूर्वी केमांग ज़िलों में भी ऐसी महामारी से बचाव के लिये ख़यासांग-रातार और मैरी (Merii) जैसे अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है।
- ध्यातव्य है कि भूटान में लॉकडाउन के समरूप एक प्रथा सदियों से प्रचलित है, यहाँ इसे यूलसुंग कहते हैं।