अवांछित वाणिज्यिक संचार (UCC) से जुड़ी शिकायतों और डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों से निपटने के लिये केंद्रीय संचार मंत्रालय द्वारा हाल में एक नोडल एजेंसी के रूप में 'डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट' (DIU) को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
डी.आई.यू, दूरसंचार संसाधनों से जुड़ी किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की जाँच में कानून प्रवर्तन एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों एवं दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के मध्य समन्वय स्थापित करने में और डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में लोगों का विश्वास बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण साबित होगी।
टेलीकॉम ग्राहकों के अधिकारों के हितों के संरक्षण हेतु टेलीकॉम एनालिटिक्स फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज़्यूमर प्रोटेक्शन (टैफकॉप) प्रणाली भी विकसित की जाएगी। अतः इसके तहत वित्तीय लेन-देन अधिक सुदृढ़ होगा।
यह यूनिट भारत में ‘दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियम’ (TCCCPR), 2018 के अनुपालन को सुनिश्चित करेगी। ध्यातव्य है कि TCCCPR भारत में, 'अवांछित वाणिज्यिक संचार' (UCC) को विनियमित करने के लिये नियामक ढाँचा प्रदान करता है।